Summon to Ramdev : योगगुरू रामदेव व बालकृष्ण के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट ने जारी किया समन, जानें क्या है मामला

Summon to Ramdev :यह समन कोरोना महामारी के दौरान एलोपैथी के खिलाफ गलत सूचना फैलाने को लेकर डाक्टर्स एसोसिएशन द्वारा दायर वाद पर दिल्ली हाई कोर्ट ने जारी किया है।

Update: 2021-10-29 01:30 GMT

(योगगुरु रामदेव और बालकृष्ण) File pic.

 Summon to Ramdev :  पतंजलि (Patanjali) के चेयरमैन बालकृष्ण (Balkrishna) को खाद्य सुरक्षा परीक्षण में पाश्चुरीकृत दूध के परीक्षण के विफल होने के मामले में समन जारी होने के एक दिन बाद दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi Highcourt) ने योगगुरु रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ एक समन जारी किया है।

यह समन कोरोना महामारी के दौरान एलोपैथी के खिलाफ गलत सूचना फैलाने को लेकर डाक्टर्स एसोसिएशन (Doctors Association) द्वारा दायर वाद पर दिल्ली हाई कोर्ट ने  जारी किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने कहा, "डाक्टर्स एसोसिएशन का वाद तुच्छ नहीं है और प्राथमिक तौर पर संस्था के वाद को स्वीकार किया जाता है।"

हालांकि, पीठ ने स्पष्ट किया कि वह योग गुरु (Baba Ramdev) के खिलाफ वाद में लगे आरोपों के गुण-दोष पर अदालत कोई राय व्यक्त नहीं कर रही है और किसी भी राहत या अंतरिम आदेश पर बाद में विचार किया जाएगा।

रिपोर्ट्स के अनुसार, पीठ ने मामले में रामदेव के अलावा  बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurveda) को भी समन जारी किया। अदालत ने गूगल, फेसबुक और ट्विटर को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई जनवरी माह में होगी।

पीठ ने सुनवाई के दौरान रामदेव की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता राजीव नायर से कहा कि मैंने (रामदेव की) वीडियो क्लिप देखी हैं। वीडियो क्लिप के अवलोकन से आपके मुवक्किल एलोपैथिक उपचार प्रोटोकाल (Allopathy treatment protocol) का तिरस्कार करते दिखाई दे रहे हैं।

उन्होंने कहा, "क्लिप (Video clip) के अवलोकन से निश्चित रूप से वाद पर सुनवाई का मामला बनता है। उनके (वादी) के पास निषेधाज्ञा के लिए कुछ भी नहीं हो सकता है, लेकिन मामला तुच्छ नहीं है।" इस पर राजीव नायर ने कहा कि उन्हें मामले में समन जारी करने में आपत्ति नहीं है, लेकिन इसमें लगाए गए आरोपों का वे विरोध करते हैं।

इसके जवाब में पीठ ने कहा, "हम कोई आदेश नहीं पारित कर रहे हैं, आप अपना लिखित बयान दाखिल करें और कहें कि कोई मुकदमा नहीं बनता।" 

बता दें कि ऋषिकेश, पटना और भुवनेश्वर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के तीन रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन समेत सात डाक्टर्स एसोसिएशन ने वाद दायर किया है। एसोसिएशन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अखिल सिब्बल ने कहा कि महामारी के दौरान रामदेव ने कोरोना के इलाज के कोरोनिल को लेकर निराधार दावे किए।

इसके बाद अदालत ने तीन जुलाई को रामदेव को नोटिस जारी कर जवाब देने का निर्देश दिया था।

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