Notice to Patanjali : पतंजलि के चेयरमैन बालकृष्ण को समन, गाय का दूध खाद्य सुरक्षा परीक्षण में फेल
(योगगुरु रामदेव के साथ बालकृष्ण) File pic.
Notice to Patanjali : एक अदालत ने पतंजलि के चेयरमैन बालकृष्ण (Aacharya Balkrishna) और छह अन्य को समन जारी किया है। नोटिस इसलिए जारी किया गया है क्योंकि कंपनी की उत्पाद पास्चुरीकृत गाय का दूध (Cow milk) परीक्षण में फेल रहा है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली सरकार (Delhi Government) के खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा आयोजित खाद्य सुरक्षा परीक्षण में पतंजलि का पॉच्युरीकृत गाय का दूध विफल रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, नमूना गलत ब्रांडेड पाया गया, क्योंकि इसमें खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 और अन्य खाद्य सुरक्षा कानूनों का उल्लंघन है। ताजा आदेश के मुताबिक बालकृष्ण को अब 29 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होना होगा।
उत्पाद की लेबलिंग (पाश्चुरीकृत गाय के दूध का) दावा करता है कि "यह शरीर को बल देने वाला, बूढ़ों के लिए हितकारी, थकावट को हटाने वाला है। साथ ही हड्डियों को मजबूत बनाता है और दांतों को मजबूत करता है।"
खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2006 के तहत रिपोर्ट में कहा गया है कि ये दावे औषधीय या चिकित्सीय दावे (Medical claims) के अंतर्गत आते हैं, जिन्हें खाद्य सुरक्षा और मानकों के अनुसार अनुमति नहीं है।
अन्य नौ आरोपियों में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की आपूर्तिकर्ता कंपनी, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड मार्केटिंग कंपनी, लखन बसिस्ता, विकास बजाज, हरबलदीप सिंह हंसरा, स्वामी मुक्ता नंद, अभिषेक कुमार सिंह, धन सिंह वर्मा और सॉलिटेयर फूड्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
इस बीच, बसिस्ता और हंसरा को 15,000 रुपये के जमानती मुचलके पर जमानत मिल गई। मई 2019 में, अधिकारियों ने कंपनी के पास्चुरीकृत गाय के दूध का परीक्षण किया और अदालत में शिकायत दर्ज की थी।
शिकायतकर्ताओं ने कहा कि इस तरह का दावा खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 की धारा 26, 31, 52 और 63 के कई प्रावधानों का उल्लंघन है।
अदालत ने बाद में मामले का संज्ञान लिया और बालकृष्ण को समन जारी किया। हालांकि, साल 2020 में कोविड लॉकडाउन (Covid Lockdown) के कारण मामले को स्थगित कर दिया गया था। बाद में मार्च महीने में अदालत ने बालकृष्ण को फिर से तलब किया।
अदालत के आदेश में कहा गया, "शिकायत और अन्य दस्तावेजों के आधार पर प्रथम दृष्टया आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के लिए पर्याप्त सामग्री है।"
बता दें कि एक महीने पहले शेयर बाजार को रेग्युलेट करने वाली संस्था सेबी ने योगगुरु रामदेव (Ramdev) की कंपनी रुचि सोया को नोटिस जारी किया था। नोटिस में सेबी ने रुचि सोया से यह बताने के लिए कहा कि योगगुरु रामदेव ने नियामक मानदंडों का उल्लंघन क्यों किया। रामदेव की पतंजलि ने दिवाला प्रक्रिया के जरिए साल 2019 में रुचि सोया का अधिग्रहण किया था। ये कंपनी शेयर बाजार में लिस्टेड है।
दरअसल, आस्था टीवी (Aastha tv) पर प्रसारित एक योग सत्र के दौरान योगगुरु रामदेव लोगों से रुचि सोया के स्टॉक में निवेश करने का आग्रह करते नजर आ रहे थे। इसके साथ ही रामदेव ने वीडियो में कुछ ऐसी भी बातें कही, जो सेबी की नजर में संदिग्ध है। यही वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद पूंजी बाजार नियामक सेबी ने रुचि सोया को नोटिस जारी किया था।