Mirzapur news : जिस स्वामी परमहंस आश्रम के योगी से लेकर अखिलेश, शिवपाल यादव भी हैं मुरीद, वहां रहने वाले बाबा ने खुद को देशी तमंचे से उड़ाया

मिर्जापुर जिले के चुनार तहसील क्षेत्र के शक्तेशगढ़ स्थित स्वामी अड़गड़ानंद महाराज का आश्रम चर्चित आश्रमों में से एक है जहां आम से लेकर खास लोगों का आवागमन होता है। सत्ता पक्ष के हो या विपक्ष के लोग समय समय पर सभी यहां नतमस्तक होते हैं...

Update: 2022-07-28 08:03 GMT

Mirzapur, news: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद के चुनार थाना क्षेत्र के शक्तेशगढ़ स्थित स्वामी परमहंस अड़गड़ानंद महाराज आश्रम में एक साधु ने देसी तमंचे से खुद को गोली मार आत्महत्या कर ली है। जबकि एक अन्य घायल होना बताया जा रहा है। सूचना होने पर पुलिस मौके पर पहुंच जांच पड़ताल में जुटी हुई है।

जानकारी के अनुसार गुरुवार 28 जुलाई 2022 को समय करीब 7.45 बजे थाना कोतवाली चुनार क्षेत्रान्तर्गत सक्तेशगढ़ आश्रम परिसर में जीवन बाबा उर्फ जीत पुत्र सीताराम सिंह निवासी छितरी थाना सीहोर जनपद शिवपुरी, मध्य प्रदेश 45 वर्ष द्वारा अवैध तमंचा 315 बोर से स्वयं को गोली मार ली गई, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई है। इस मामले में आश्रम के लोग कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। घायल बाबा चंदौली में भर्ती हैं, अभी पुलिस उनके बारे में भी नहीं बता रही है वह किस अस्पताल में भर्ती हैं।

आश्रम में गोली चलने की सूचना से जहां आश्रम में हड़कंप मच गया था, मौके पर पुलिस के उच्चाधिकारीगण व फिल्ड यूनिट, डॉग स्क्वाड टीम मौजूद है, मृतक के शव को कब्जे में लेकर नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही की जा रही है। इस संदर्भ में क्षेत्राधिकारी चुनार रामानंद राय ने बताया है कि मौके से मिले आधार कार्ड के आधार पर जीवन बाबा के नाम और पते की पुष्टि हुई है। वह आश्रम में बराबर आते जाते थे। उन्होंने ऐसा क्यों किया इसकी छानबीन की जा रही है। छानबीन के पश्चात कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

दूसरी तरफ अपर पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन महेश अत्री ने जानकारी देते हुए बताया है कि इस मामले में घटना स्थल के निरीक्षण के दौरान सीसीटीवी फुटेज की जांच की गयी तो पाया गया कि आशीष बाबा नामक एक अन्य व्यक्ति के पैर में गोली लगी है, जिनका ईलाज जनपद चन्दौली में हो रहा है। उक्त के सम्बन्ध में तहरीर प्राप्त होने के उपरान्त नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।

मिर्जापुर जिले के चुनार तहसील क्षेत्र के शक्तेशगढ़ स्थित स्वामी अड़गड़ानंद महाराज का आश्रम चर्चित आश्रमों में से एक है जहां आम से लेकर खास लोगों का आवागमन होता है। सत्ता पक्ष के हो या विपक्ष के लोग समय समय पर सभी यहां नतमस्तक होते हैं। गुरु पूर्णिमा अवसर पर यहां जहां लाखों की भीड़ होती है, वहीं अन्य दिनों में यहां सैकड़ों की संख्या में लोग आते हैं। स्वामी अड़गड़ानंद महाराज के देश के विभिन्न प्रांतों में अनगिनत आश्रम होने बताए जाते हैं। खुद मिर्जापुर जिले में ही इनके कई आश्रम हैं, जिनमें चुनार के शक्तेसगढ़ स्थित आश्रम प्रमुख माना जाता है, जहां साधु संतों की एक लंबी चौड़ी फौज है जिनके रहने खाने की समुचित व्यवस्था के साथ ही साथ अन्य सुविधाएं यहां मुहैया है।

चुनार नगर से दूर पहाड़ी अंचल में स्थित यह आश्रम अपने प्राकृतिक संपदाओं के बीच घिरे होने के कारण और भी महत्व रखता है। इस आश्रम में कई नौकरशाह जो अब सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद महाराज के आश्रम में सेवारत हैं।

बताया जा रहा है कि इन्हीं में से एक जीवन बाबा भी थे। उन्होंने आखिरकार ऐसा क्या कारण था मौत को गले लगाया वह भी देशी तमंचे से गोली मारकर, दूसरे उनके पास देसी तमंचा कहां से आया? और तो और जीवन बाबा ने अधिक खुद को गोली मारी तो आशीष बाबा के पैर में गोली कहां से लगी कहीं संतो के बीच वर्चस्व की जंग का परिणाम तो नहीं या कोई और कारण बाहर आ जीवन बाबा और आशीष बाबा का अतीत और वर्तमान क्या रहा है इस बात को लेकर जहां आश्रम के लोग कुछ भी बोलने से साफ कतराते रहे हैं वहीं हर कोई इस घटना से अचंभित भी है।

आखिरकार आश्रम में कहां से आया देसी तमंचा

इस मामले में आश्रम के लोग जहां कुछ भी बोलने से साफ कतराते नजर आए हैं, वहीं इस घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है। आश्चर्य की बात है कि जिस आश्रम में गीता के उपदेश के चर्चे होते हैं उस आश्रम में अवैध तमंचे का होना लोगों को हैरान कर रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार संत के आश्रम में जहां से सत्संग की धाराएं प्रभावित होती हैं वहां इन अवैध असलहे का क्या काम? आखिर का आश्रम और बाबा के हाथ से अवैध असलहा कैसे और किस के जरिए पहुंचा यह जांच का विषय है तो वही इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी हो रही हैं।

अखिलेश, शिवपाल से लेकर योगी भी हैं इस आश्रम के मुरीद

मिर्जापुर के चुनार कोतवाली क्षेत्र के शक्तेशगढ़ के जंगलों में स्थित स्वामी परमहंस आश्रम कोई मामूली प्रभावशाली आश्रम नहीं है, बल्कि यहां कई ऊंचे और रसूख रखने वाले सत्ता और विपक्ष के राजनेता भी समय.समय पर शीश नवाते हैं। कभी समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ही नहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस आश्रम और महाराज के मुरीद बताए जाते हैं।

बीते दिनों गुरु पर्णिमा अवसर से पूर्व खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां की व्यवस्था कुछ चुस्त.दुरुस्त रखने के निर्देश प्रशासन को दिए थे, ताकि यहां उमड़ने वाली भीड़ और आश्रम में किसी प्रकार की अव्यवस्था ना उत्पन्न होने पाए। समय.समय पर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के दिग्गजों का भी यहां आना जाना लगा रहता है। देश की राजधानी दिल्ली, आर्थिक राजधानी मुंबई सहित देश के कई प्रमुख शहरों से जुड़े हुए राजनेताए कारोबारीए उद्योगपति स्वामी अड़गड़ानंद महाराज के भक्त बताए जाते हैं, एवं परमहंस आश्रम से उनका जुड़ाव बना हुआ है।

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