UP Elections 2022: ओबीसी को भिखारी बनाना चाहती है योगी सरकार, अजगर की तरह इनके हक को निगलने का प्लान- स्वामी प्रसाद मौर्य
UP Elections 2022: स्वामी प्रसाद मौर्य के कहा कि 'बीजेपी ने ओबीसी वर्ग के लिए कुछ नहीं किया है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार में अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्गों के आरक्षण के साथ घिनौना मजाक किया जा रहा है। अजगर की तरह इनके हक और आरक्षण को ये सरकार निगल रही है'
UP Elections 2022: उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने मुख्यमंत्री योगी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। मौर्य ने कहा कि सीएम योगी (CM Yogi Adityanath) ओबीसी को भिखारी, मज़दूर बनाना चाहती है। स्वामी प्रसाद मौर्य का आरोप है कि बीजेपी ने ओबीसी वर्ग के लिए कुछ नहीं किया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP in Uttar Pradesh) की सरकार में अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्गों के आरक्षण के साथ घिनौना मजाक किया जा रहा है। भाजपा सरकार अजगर की तरह दलित, पिछड़ों के हक और आरक्षण को निगल रही है
बता दें कि 11 जनवरी को योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने 11 जनवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। स्वामी प्रसाद मौर्य यूपी की राजनिती में पिछड़े वर्ग के कद्दवार नेता के तौर पर पहचाने जाते हैं। मगर, विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान होने के बाद मौर्य ने भाजपा से इस्तीफा देकर योगी सरकार (Yogi Government) को बड़ा झटका दिया है। पार्टी छोड़ने के बाद से वे योगी सरकार पर लगातार हमलावर है। उन्होंने कहा, 'पूरा ओबीसी, पूरा दलित इस बात को देख रहा है कि जो बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर ने भारतीय संविधान के माध्यम से आरक्षण की व्यवस्था की थी, भारतीय जनता पार्टी उसे अजगर की तरह निकल रही है।'
'ओवीसी को मजदूर बनाना चाहते हैं योगी'
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, 'योगी सरकार ओबीसी को भिखारी, मज़दूर बनाना चाहती है। कैबिनेट में भी मैंने इसके लिए आवाज उठाई थी।' उन्होंने कहा, 'मैंने योगी मंत्रिमंडल से मंत्रीपद से इस्तीफा दिया है और कारण स्पष्ट बताया है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार में अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्गों के आरक्षण के साथ घिनौना मजाक किया जा रहा है। अजगर की तरह इनके हक और आरक्षण को ये सरकार निगल रही है।' स्वामी प्रसाद ने कहा कि, 'योगी सरकार आरक्षित जगहों पर सामान्य लोगों की भर्ती कर रही है। बिना आवेदन निकाले, बिना अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों का आवेदन मांगे, एक लाइन का प्रस्ताव लाया जाता है कि ये अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों के अभ्यर्थी पाए नहीं गए, इसलिए इनकी जगह पर सामान्य वर्ग के लोगों की भर्ती कर दी जाए। इस आदेश के माध्यम से सारे मेडिकल कॉलेजों में सामान्य वर्ग की तैनाती कर दी।'
पिछड़ों की नियुक्ति में घोटाले का आरोप
स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा द्वारा लागू निजीकरण निति (Privatisation) पर सवाल करते हुए कहा, 'भाजपा सरकार निजी हाथों में सरकारी संस्थानों के सौंपते जा रहे हैं। क्योंकि निजी क्षेत्र में आरक्षण की व्यवस्था लागू हो नहीं सकती। जानबूझकर ऐसा किया जा रहा है, जिससे कि अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोग चौराहे पर खड़े हो जाएं, भिखारियों की तरह फिर से जाकर मजदूरी करें और जीने के लिए मोहताज हो जाएं।' मौर्य आगे कहते है, 'भारत सरकार की ही संवैधानिक संस्था है, पिछड़ा वर्ग आयोग, उसने 69000 शिक्षकों की भर्ती में 19000 आरक्षित पदों पर सामान्य लोगों की भर्ती में करने जा जिक्र करते हुए योगी सरकार को निर्देश दिया था कि सामान्य लोगों की ये जो भर्ती की गई है ये पिछड़े वर्गों के साथ अन्याय है। हालांकि, योगी सरकार ने 19000 की जगह इस तरह की 6000 भर्तियों को स्वीकारा, लेकिन इन 6000 पदों पर भी एक भी तैनाती नहीं थी।'
गौरतलब है कि पार्टी के आलाकमान से नाराज स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya Resignation) ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया। मंगलवार 11 जनवरी को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा पार्टी दलित, पिछड़ा वर्ग का केवल वोट पाने के लिए इस्तेमाल करती है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने योगी सरकार को दलित, पिछड़ा और किसान विरोधी सरकार करार दिया है।