UP के देवरिया में भयावह हालात, अप्रैल 2020 में बरहज-भागलपुर घाट पर 200 अंत्येष्टि, इस साल 2000 पार
देवरिया के बरहज घाट पर 1 से 14 मई तक 400 अंतिम संस्कार हो चुके हैं, मौत की भयावह तस्वीरें सरकारी मौत के आंकड़ों को गलत साबित करने के लिए काफी हैं...
देवरिया से जितेंद्र उपाध्याय की रिपोर्ट
जनज्वार। कोरोना संक्रमण से मौत के सरकारी आंकड़ों व जमीनी सच्चाई के बीच लंबा फासला नजर आ रहा है। राज्य के अन्य जिलों की तरह देवरिया की भी तस्वीर भयावह है। घर के सदस्यों से लेकर सगे-संबंधियों सहित अपने जानने वालों के हर दिन मौत की खबरें सबको डरा रही हैं। इसके बावजूद सरकारी सिस्टम स्वास्थ्य इंतजाम में बढ़ोतरी करने के बजाए मौत के झूठे आंकड़ों की अंकगणित में फंसा हुआ है।
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में कोरोना से हो रही मौत की तस्वीर प्रमुख श्मशान घाट और कब्रिस्तान खुद-ब-खुद बयां कर रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक गत वर्ष अप्रैल माह में जिले के भागलपुर और बरहज घाट पर अंत्येष्टि की संख्या जहां तकरीबन 200 रही, वहीं इस बार यह दस गुना अर्थात 2000 को पार कर गया।
बरहज गौरा घाट पर 653 शवों का हुआ अंतिम संस्कार
भागलपुर के बाद जिले में अंतिम संस्कार के लिए प्रमुख घाटों में बरहज का गौरा घाट है। यहां मुक्तिधाम पर पंजीकरण के बाद ही शव का अंतिम संस्कार किया जाता है। इसकी व्यवस्था देख रहे श्रीनिवास करते हैं कि पिछले वर्ष अप्रैल माह में 100 से कम अंतिम संस्कार हुआ था, जबकि इस बार अप्रैल माह में 653 पंजीकरण हुए। हालांकि एक दर्जन से अधिक परिवारों ने रजिस्ट्रेशन कराए बिना ही हर दिन अंतिम संस्कार किया। मई माह में अब तक 400 शवों के अंतिम संस्कार हुए हैं।
इसके अलावा जिले के बड़ी संख्या में परिवार अंतिम संस्कार के लिए शव बड़हलगंज स्थित मुक्तिधाम पर ले जाते हैं। अप्रैल माह में यहां हुए अंतिम संस्कारों की संख्या जिले की कुल संख्या में शामिल नहीं है। जिले में तरकुलवा, देसही देवरिया ब्लॉक के क्षेत्र में गंडक व खनुवा नाला के किनारे, पथरदेवा में झरही, रामपुर कारखाना में पटना पुल के नीचे, रुद्रपुर क्षेत्र में गंडक व कपरवार घाट पर लोग परंपरा अनुसार अंतिम संस्कार करते हैं। इन घाटों पर भी अप्रैल माह में शव जलाने की संख्या कई गुना अधिक रही।
भागलपुर घाट पर अप्रैल में हुए लगभग 1200 अंत्येष्टियां
बरहज की गौरा घाट की तरह भागलपुर घाट पर अंतिम संस्कार के दौरान पंजीकरण की कोई व्यवस्था नहीं है ऐसे में एक अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल माह में तकरीबन 12 00 की अंत्येष्टि की गई। घाट के समीप लकड़ी व अंतिम संस्कार में प्रयोग होने वाली सामानों के विक्रेता इन संख्याओं पर मोहर लगाते हैं। दशरथ साहनी , प्रभु ठठेरा, अली, प्रदीप समेत आधे दर्जन लोगों की यहां लकड़ी की दुकानें हैं। इनका कहना है कि अप्रैल माह में सभी दुकानों से 25 से 30 कुंतल लकड़ी की बिक्री हर दिन रही। लकडी की कमी के चलते मांग के अनुसार उपलब्ध नहीं कराया जा सका। शव को जलाने में दो से ढाई कुंतल लकड़ी की जरूरत पड़ती है। पिछले वर्ष अप्रैल माह में हर दिन आधा दर्जन शव अंतिम संस्कार के लिए आते थे, मगर इस बार यह आंकड़ा कई गुना ज्यादा बढ़ चुका है। लाशों का अंतिम संस्कार करने पहुंचे अधिकांश परिवार ऑक्सीजन की कमी से मौत होने की बात बताते हैं।
इन सभी घाटों की लगातार जलती लाशें की भयावह तस्वीरें सरकार द्वारा मौतों के जो आंकड़ों दिये जा रहे हैं, उन्हें गलत साबित करने के लिए काफी हैं। सामाजिक कार्यकर्ता राकेश चंद तिवारी कहते हैं, 'प्रशासन संक्रमितों और मौतों की सही संख्या नहीं बता रहा है। फर्जी आंकड़ों को दिखाने के बजाए जिला प्रशासन को स्वास्थ्य सेवा में सुधार का प्रयास करना चाहिए।'
हालांकि एसीएमओ डॉ. सुरेंद्र सिंह कहते हैं, 'देवरिया जिले में ऑक्सीजन बेडों का मुकम्मल इंतजाम है। अधिक से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन लगायी जा रही है। जल्द ही 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को भी वैक्सीन लगाने का कार्य शुरु कर दिया जाएगा। लोगों को भी कोरोना को लेकर जारी किए गए दिशा निर्देश का पालन कर महामारी के वक्त मदद करने की जरूरत है।'
चर्चा में देवरिया के दो गांव, लेकिन नहीं पहुंची जांच टीम
भागलपुर ब्लॉक के अंडीला गांव में 15 दिन के भीतर 20 मौतें हुईं, लेकिन गांव के अंदर कोई जांच टीम अभी तक नहीं पहुंची। रुद्रपुर तहसील के कोडर बैदा गांव में एक हफ्ते के अंदर 12 मौतें हुईं। कोडर बैदा के ग्राम प्रधान रामेश्वर पाल ने कहा कि हमारे गांव में 15 दिन के भीतर 12-13 मौतें हुई हैं। गांव में किसी की हिम्मत नहीं हो पा रही कि वह मृतक के घर जाकर संवेदना प्रकट करे। एक-दो दिन के अंदर खांसी, बुखार, सर्दी जुकाम हुआ और फिर ऑक्सीजन न मिलने के कारण मौतें हो जा रही हैं, जिला अस्पताल लेकर भी गए तो भी वहां पर कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही।
दुनिया के देशों में आंकड़ों को छुपाने की हो रही कोशिश
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक एंड इवेल्यूऐशन की ओर से जारी की गई एक स्टडी के मुताबिक कोरोना वायरस ने दुनिया में जमकर कहर बरपाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में अब तक 6.9 मिलियन यानी 69 लाख लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि आंकड़ों में यह संख्या आधी दिखाई गई है। यही कोशिश भारत सरकार द्वारा भी लगातार की जा रही है।
देवरिया जिला प्रशासन के मुताबिक कोरोना महामारी से संक्रमित मरीजों की संख्या 17843 है, जिसमें एक्टिव केस 3201 हैं। 14 मई को संक्रमितों की संख्या 648 रही, जबकि मौत की संख्या 4 थी। ऐसे में अब तक कोरोना से मौत का सरकारी आंकड़ा मात्र 155 है।