केंद्र को दिल्ली के सुप्रीम अदालत की फटकार, टीके हैं नहीं और आप रिंगटोन में लगवा रहे हैं टीके

जस्टिस विपिन सांघी व रेखा पल्ली की खंडपीठ ने कहा कि जब भी कोई किसी को फोन करता है तो यह परेशान करने वाली रिंगटोन सुनाई देने लगती है। पीठ ने केंद्र सरकार से कहा आपके पास टीका है ही नहीं और आप लोगों को टीकाकरण का संदेश देकर परेशान कर रहे हैं...;

Update: 2021-05-14 02:48 GMT
केंद्र को दिल्ली के सुप्रीम अदालत की फटकार, टीके हैं नहीं और आप रिंगटोन में लगवा रहे हैं टीके
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जनज्वार ब्यूरो। दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की टीका लगाने की नसीहत वाली डायल टोन पर सवाल उठाते हुए फटकार लगाई है। कोर्ट ने पूठा कि आखिर जब टीका है ही नहीं तो कोई लगवाए कहां जाकर? अदालत ने कहा कि यह कि डायल टोन का यह संदेस लोगों को जागरूक नही बल्कि परेशान करने वाला है।

टोन और टीके पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विपिन सांघी व रेखा पल्ली की खंडपीठ ने कहा कि जब भी कोई किसी को फोन करता है तो यह परेशान करने वाली रिंगटोन सुनाई देने लगती है। पीठ ने केंद्र सरकार से कहा आपके पास टीका है ही नहीं और आप लोगों को टीकाकरण का संदेश देकर परेशान कर रहे हैं। हम नहीं जानते आप लोग ऐसा कब तक करेंगे।

केंद्र सरकार से अदालत ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा की आपको हर किसी को टीका देना चाहिए। आप कुछ पैसे ले रहे हैं तो भी टीका दें। सरकार को ऐसी चीजों में नए प्रयोग करने की जरूरत है। इस संदेस को हमेशा चलाने की बजाए ऐसे तैयार करना चाहिए जो टेप की तरह स्वयं ही बंद हो जाए। क्या आप इस संदेश को 10 साल तक चलाते रहेंगे।

केंद्र सरकार को अदालत ने सुझाव देते हुए कहा कि हाथ धोने मास्क पहनने की तरह ऑक्सीजन, कन्संट्रेटर, दवाओं आदि के इस्तेमाल पर ऑडियो-विजुअल पहल होनी चाहिए। वरना हम समय गंवा रहे हैं। 

अदालत ने केंद्र से कहा कि लोगों को इनके उपयोग के बारे में जागरूक करने या टीकाकरण या टीकाकरण पर सुझाव के लिए अमिताभ बच्चन जैसी हस्तियों से भी सहायता ली जा सकती है। हाईकोर्ट ने इस दिशा में दिल्ली सरकार को जल्द कदम उठाकर 18 मई तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।   

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