Twitter Removed Gujrat BJP Tweet : ट्विटर ने PM की यूपी मुहिम को दिया झटका, गुजरात BJP का पोस्ट हटाने की बताई ये वजह
Ahmedabad Bomb Blast Case : अहमदाबाद ब्लास्ट केस में विशेष अदालत का फैसला शुक्रवार को आने के बाद गुजरात भाजपा ने एक ट्वीट में एक कार्टून डाला था। कार्टून में कुछ पुरुषों को टोपी पहने हुए दिखाया गया था,जो फांसी के फंदे से लटके हुए थे। इस पर विवाद होने के बाद ट्विटर (Twitter Removed BJP Tweet ) ने इसे हटा दिया है।
Ahmedabad Bomb Blast Case : चौहद साल पहले अहमदाबाद बम ब्लास्ट केस में अदालत का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद से आतंकी घटनाओं को लेकर सियासी चर्चा सुर्खियों में हैं। इस बीच ट्विटर ने अहमदाबाद ब्लास्ट केस पर अदालत के फैसले से जुड़े गुजरात भाजपा के एक टिृवट को ट्विटर ने डिलीट ( Twitter Removed BJP Tweet ) कर पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) की आतंकवाद को यूपी से जोड़ने की मुहिम को बड़ा झटका दिया है। गुजरात भाजपा ने अदालत का फैसला आने के बाद विवादित ट्विट पब्लिक डोमेन में साझा किया था, जिसे ट्विटर ने अपने प्रोटोकॉल के खिलाफ माना है।
दरअसल, साल 2008 के अहमदाबाद सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में 38 दोषियों को मौत की सजा सुनाए जाने के विशेष अदालत के फैसले की सराहना करते हुए भाजपा गुजरात इकाई द्वारा किए गए ट्वीट को ट्विटर ने एक विवाद के बाद हटा दिया है। इस मामले में गुजरात BJP के प्रवक्ता यग्नेश दवे ने बताया है कि 2008 के सिलसिलेवार बम विस्फोटों के फैसले पर किए गए पोस्ट को किसी की शिकायत के बाद ट्विटर ने हटा दिया है। दवे के मुताबिक ट्वीट अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए किया गया था।
गुजरात भाजपा के ट्वीट में क्या था?
गुजरात भाजपा के ट्वीट में एक कार्टून डाला गया था। कार्टून में कुछ लोगों को टोपी पहने हुए दिखाया गया था। ट्विट में दिखाए गए लोग फांसी के फंदे से लटके हुए थे। इसकी पृष्ठभूमि में एक तिरंगा और बम विस्फोट के दृश्य को दर्शाने वाला एक चित्र था। चित्र के ऊपरी हिस्से में दाएं कोने पर 'सत्यमेव जयते' लिखा हुआ था।
Ahmedabad Bomb Blast Case : इसे अहमदाबाद सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में विशेष अदालत के फैसले के एक दिन बाद यानि शनिवार को गुजरात BJP के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया गया था। अदालत ने इस मामले में 38 दोषियों को मौत की सजा और 11 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इन धमाकों में 56 लोगों की मौत हो गई थी। 200 से अधिक अन्य लोग घायल हो गए थे। अदालत के इस फैसले को ऐतिहासिक माना जा रहा है। भारतीय न्यायिक व्यवस्था के इतिहास में पहली बार 38 लोगों को एक साथ फांसी की सजा सुनाई गई। लेकिन ट्विटर ने इस मुद्दे को यूपी में सियासी तरीके से कैश करने के भाजपा की मुहिम को शुरुआती स्तर ट्विट डिलीट कर झटका दे दिया है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने शनिवार को हरदोई में एक जनसभा में कहा था कि समाजवादी पार्टी को आतंकवादी समर्थक बताया। उन्होंने कहा था कि मैं उस दिन को भूल नहीं सकता जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था और अहमदाबाद में सीरियल बम धमाके हुए थे। 2012 में जब सपा सत्ता में आई तो आतंकवादियों पर से बम धमाकों का मुकदमा वापस लेने का फैसला किया था। सपा पर गोरखपुर, अयोध्या और लखनऊ में बम धमाकों के आरोपियों से मुकदमा वापस लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि अदालतों ने सपा की साजिश नहीं चलने दी और आतंकी को सजा सुनाई। यूपी में एक दो नहीं बल्कि आतंकी हमलों के 14 मुकदमों में सपा सरकार ने मुकदमे वापस लेने का फैसला लिया था। क्या आतंकवादियों को बचाने का सपा का ये खेल ठीक है?