Neha Singh Rathore : योगी सरकार पर बरसीं नेहा सिंह राठौर, बोलीं- सरकार दबाना चाहती है मेरी आवाज, उतारी है चापलूस कवियों की फौज
Neha Singh Rathore : नेहा सिंह राठौर ने लिखा है कि सरकार मेरी आवाज दबाना चाहती है, दरबारी कवियों और गायकों की फौज अपने काम पर लगी है, यह दरबारी गायक सरकार के चमचे और जनता के दुश्मन है, जनता इन्हें को जवाब दे रही है...
Neha Singh Rathore : अपने गीतों से सामाजिक राजनीतिक मुद्दों को बेखौफ तरीके से उठाने वाली भोजपुरी गीतकार और लोक गायिका नेहा राठौर इन दिनों काफी चर्चा में है। बता दें कि नेहा सिंह राठौर ने रवि किशन के यूपी चुनाव को लेकर गाए रैप गीत 'यूपी में सब बा' का जवाब देते हुए 'यूपी में का बा' गीत गाया है। नेहा सिंह राठौर का यह गीत काफी लोकप्रिय हुआ। इसकी लोकप्रियता को देखते हुए नेहा सिंह राठौर ने इसका पार्ट टू भी गाया है। साथ ही अब तीसरे पाठ को लाने की घोषणा भी कर दी है।
जनता की ओर से पूछती है सवाल
बता दें कि नेहा सिंह राठौर के 'यूपी में का बा' गाने के बाद बीजेपी के समर्थक लगातार उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। नेहा सिंह राठौर अब बीजेपी के समर्थकों के निशाने पर है। बावजूद इसके नेहा सिंह राठौर ने आलोचकों को साफ-साफ जवाब दे दिया है कि वह डरने वाली नहीं है और उनका सवाल सत्ता में बैठे लोगों से है, सरकार से है।
चापलूस कवियों की उतारी है फौज
इस बीच नेहा सिंह राठौर ने सोशल मीडिया पर अपने एक पोस्ट में उन पर हो रहे हमले को लेकर एक लंबा पोस्ट शेयर किया है। नेहा ने ट्विटर पर अपना पक्ष लिखते हुए एक वीडियो भी साझा किया है। नेहा सिंह राठौर ने लिखा है कि 'सरकार मेरी आवाज दबाना चाहती है। दरबारी कवियों और गायकों की फौज अपने काम पर लगी है। यह दरबारी गायक सरकार के चमचे और जनता के दुश्मन है। जनता इन्हें को जवाब दे रही है।'
नेहा ने कहा है कि 'मैं जनता की ओर से सवाल पूछ रही हूं और चाहती हूं कि सरकार में सवालों का जवाब दे लेकिन सरकार बहुत चालाक है। वो नहीं चाहती कि जनता और सरकार के बीच सीधा सवाल-जवाब हो। ऐसे में उसने मेरे विरुद्ध अपने चापलूस कवियों-गायकों की फौज उतार दी है।'
वीडियो शेयर कर दिया जवाब
नेहा सिंह राठौर ने एक वीडियो भी शेयर किया है। इस वीडियो में नेहा सिंह राठौर कहती हुई दिख रही है कि 'चारण कवियों का एक पुराना इतिहास रहा है। ऐसे कवि राजा के चरणों में बैठकर कुछ सिक्कों और इनामों के लिए राजा की तारीफ में कविताएं लिखते-गाते थे। यही इनकी रोजी रोटी थी। वक्त बदल गया है पर ऐसे लोग आज भी मौजूद हैं। एक लोकगायक, जनकवि का काम जनता की तरफ से सरकार से सवाल पूछना है जबकि चारण,भाट,दरबारी कवियों का काम सरकार की तरफ से जनता को जवाब देना है। यही हो रहा है।'
सवाल का जवाब देने से बच रही है सरकार
वीडियो में नेहा ने आगे कहा है कि 'सरकार चाहती है कि मेरे सवालों को भूलकर इन चारण-भाटों की फर्जी कविताओं-गीतों में उलझ कर रह जाए, और जनता का गुस्सा सरकार के बजाय इन दरबारी गायकों पर निकले। दरबारी कवि और चारणों-भाटों का काम अपने हुजूर की तरफ से मुझे जवाब देना है, तो वह भी अपनी सारी मर्यादा भूल कर सरकार की ओर से मुझे जवाब देने में लगे हैं।'
चुनाव से पहले सरकार होती है मजबूर
लोकगायक नेहा सिंह राठौर ने वीडियो में आगे कहा है कि 'लोकतंत्र में चुनाव के ठीक पहले का समय ही एकमात्र ऐसा समय होता है, जब सरकारों की पूंछ दबी होती है। यही वह समय है, जब जनता सरकारों से सवाल पूछ कर अपनी नाराजगी दर्ज करवा सकती है। अपनी जरूरतें बता सकती है और सुधार की कोशिश कर सकती है लेकिन इन दरबारी गायकों ने इस संवेदनशील समय और जरूरी मौके पर सरकार के चापलूसी में जनता को भ्रमित कर रखा है। इन चारण कवियों-गायकों ने सरकारी पदों और सरकारी पुरस्कारों की उम्मीद में जनता से धोखाधड़ी की है। इसे याद रखा जाएगा।' इसके साथ ही नेहा सिंह राठौर ने घोषणा की है कि 'यूपी में का बा' का पार्ट 3 जल्द आ रहा है।