UP Election 2022: तो क्या टल जाएंगे यूपी चुनाव? इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग और पीएम मोदी से कही ये बात

UP Election 2022: इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज ने कहा कि "अगर रैलियों को नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से भी बदतर होंगे। चुनावी रैलियों पर फौरन पाबंदी लगे।"

Update: 2021-12-24 03:35 GMT


यूपी चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कही अहम बात

UP Election 2022: कोरोना के नए वेरिएंट के बीच देशभर में कोरोना (Covid 19) के बढ़ते मामलों ने तीसरी लहर की चिंता बढ़ा दी है। इसी बीच पांच राज्यों में चुनाव को लेकर रैली और सभाओं का दौर जारी हैं। यूपी में भाजपा, सपा से लेकर कांग्रेस और तमाम छोटी बड़ी पार्टियां कोरोना की गाइडलाइन (Covid Guidelines) को ताक पर रख अपनी सभाओं में ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाने की फिराक में हैं। इसी के मद्देनजर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग (Election Commission) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से यूपी चुनाव की तारीख टालने (Elections) और रैलियों (Rallies) पर तुरंत पाबंदी लगाने का का आग्रह किया है।

'जान है तो जहान है'-इलाहाबाद HC

यूपी की इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर यादव ने केंद्र सरकार से आग्रह करते हुए कहा है कि "अगर रैलियों को नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से भी बदतर होंगे। यूपी चुनाव 1 से 2 महीने टाले जाएं।" कोर्ट ने कहा, "जान है तो जहान है। चुनावी रैलियों पर फौरन पाबंदी लगे।" कोर्ट ने एक जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र से यह आग्रह किया।

कोर्ट में उमड़ती भीड़ को लेकर टिप्पणी करते अदालत ने कहा यहां नियमित रूप से भीड़ होती है क्योंकि प्रतिदिन सैकड़ों मामले सूचीबद्ध होते हैं और बड़ी संख्या में लोगों द्वारा सामाजिक दूरी का पालन नहीं किया जाता है। चुनाव को लेकर चिंता जाहिर करते हुए न्यायाधीश यादव ने चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक पार्टियों द्वारा किसी भी प्रकार की रैलियों और सभाओं पर रोक लगाने का आग्रह किया। कोर्ट ने राजनीतिक दलों को दूरदर्शन या समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचार करने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध भी किया।

कोविड प्रोटोकॉल का पालन असंभव- HC

इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) के न्यायाधीश ने कहा कि देश में कोविड की तीसरी लहर की संभावना है क्योंकि नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामले बढ़ रहे हैं। कोविड के मामलों की संख्या के बारे में समाचार रिपोर्टों का हवाला देते हुए और फिर से लॉकडाउन लागू किए जाने वाले देशों का उदाहरण देते हुए जज ने कहा कि, "यूपी ग्राम पंचायत चुनाव और बंगाल विधानसभा चुनाव ने बहुत से लोगों को संक्रमित किया, जिससे कई मौतें भी हुईं। राजनीतिक दल आगामी यूपी विधानसभा चुनावों (UP Assembly Election) के लिए रैलियों और सभाओं का आयोजन कर रहे हैं और ऐसे आयोजनों में कोविड प्रोटोकॉल (Covid Protocol) का पालन करना असंभव है।"

बहरहाल देखना यह होगा कि केंद्र की भाजपा सरकार (Central Government) और चुनाव इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad Highcourt) के चुनाव टालने के अनुरोध पर कितना विचार कर पाती है। अगर ऐसा होता है तो संभव है कि यूपी चुनाव में एक दो महीने की देरी हो सकती है।

पीएम मोदी ने की समीक्षा बैठक

बता दें साल 2022 में यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं। फरवरी से चुनावी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। चुनाव से पहले सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत रैलीयों और सभाओं को संबोधित करने में झोंक दी है। इन रैलियों में हजारों की तादाद में जुटती भीड़ कोरोना प्रोटोकॉल को ठेंगा दिखाती नजर आती है। वहीं, देश में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच गुरुवार 23 दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने राजधानी दिल्‍ली में समीक्षा बैठक क, जिसमें नए वेरिएंट के प्रसार को रोकने के लिए सतर्कता और तमाम उपाय करने पर जोर दिया गया। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राज्य जिला स्तर पर स्वास्थ्य, व्यवस्था की मज़बूती को सुनिश्चित किया जाए।

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