Ghaziabad News: यूट्यूब देखकर घर पर छाप डाले लाखों के नकली नोट, असली और नकली में फर्क करना मुश्किल

Ghaziabad News: गाजियाबाद पुलिस के अनुसार, नकली नोट छापने का यह काम गाजियाबाद के कैलाभट्ठा में बीते 8 महीनों से किया जा रहा था। इन लोगों ने अब तक करीब 16 लाख रुपये के नकली नोट छापे हैं...

Update: 2022-01-08 14:42 GMT

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Ghaziabad News: अब तक आपने यूट्यूब देखकर कोई नई रेसिपी (Food Recipe) या लाइफ सेविंग हैक (Life Saving Hack) सिखने की बात जरूर सुनी होगी, या खुद सिखा भी होगा। पर क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि यूट्यूब देखकर कोई नकली नोट (Fake Notes) छाप सकता है। जी हां, यूट्यूब देखकर फर्जी नोट (Fake Currency Priniting) छापने का अनोखा मामले उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से सामने आया है। यूपी पुलिस ने जाली नोट छापने के मामले में एक गिरोह के 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग यूट्यूब से तरीका सीखकर घर के प्रिंटर मशीन से ही नकली नोट बनाने का काम कर रहे थे। हैरानी की बात यह है कि, अबतक ये लोग करीब 16 लाख रुपये के नकली नोट छाप चुके थे।

घर में बैठकर छाप रहे थे नकली नोट

गाजियाबाद पुलिस के अनुसार, नकली नोट छापने का यह काम गाजियाबाद (Fake Note Printing Gang Ghaziabad) के कैलाभट्ठा में बीते 8 महीनों से किया जा रहा था। इस मामले में एक गिरोह के सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह सभी लोग इस गोरखधंधे में शामिल थे। इन लोगों ने अब तक करीब 16 लाख रुपये के नकली नोट छापे हैं। नकली नोट छापने वाला यह गिरोह एक घर में बैठकर प्रिंटिंग मशीन से इस पूरे काम को अंजाम दे रहा था।

मामले की जानकारी देते हुए सीओ सदर आकाश पटेल ने बताया कि, हमें सूचना मिली थी कि उक्त जगह पर कोई गैरकानूनी गतिविधि जारी है, जिसके बाद हमने छापा मारकर कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, छापेमारी के दौरान करीब 6 लाख 59 हजार के नकली नोट भी बरामद भी किये गए हैं। जब्त किये गए रुपयों में 100 से लेकर 2000 रूपए तक के नोट शामिल हैं। सीओ पटेल ने बताया कि, हमने घर से एक कागज काटने की मशीन, कागज और 2 प्रिंटर भी बरामद किये हैं।

मई 2021 से चल रहा था नकली नोटों का धंधा

सीओ सदर आकाश पटेल ने बताया कि मौके से हमें केवल तीन लोग ही मिले थे, लेकिन पूछताछ के बाद आरोपियों की पहचान गाजियाबाद (UP) के रहने वाले अमन, आलम, सोनू, रहबर, आजाद, फुरकान और मो. युनुस के रूप में हुई है। इस पूरी गैंग का मास्टरमाइंड आजाद बताया जा है। सीओ सदर पटेल ने कहा कि यह आरोपी ऐसे नोट छाप रहे थे, जिन्हें पहली बार में भांप नहीं सकते थे। असली और नकली नोटों में अंतर करना बेहद मुश्किल हो गया था। हालांकि, आरोपियों ने किसी विदेशी नेटवर्क से लिंक की बात से इंकार किया है।

यूट्यूब से सीखा नोट छापने का तरीका

नकली नोट छापने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड आजाद ने पुलिस को बताया कि मई, 2021 में उसे पेट्रोल पंप पर किसी ने नकली नोट दिया था। जब नोट के नकली होने का पता चला तो बाजार गया और नोट चल गए। तभी उसे नकली नोट छापने का आइडिया आया और फिर यूट्यूब से तरीका सीखकर मो युनुस और सोनू के साथ काम शुरू कर दिया। बाकी बचे आलम, अमन और फुरकान इन नकली नोटों को बाजार में खपा देते थे। अब तक यह गिरोह करीब 12 लाख रुपये के नाली नोट बाजार में खपा चुका है।

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