Uttar Pradesh News : साहूकारी अधिनियम को समाप्त करेगी योगी सरकार, जिला प्रशासन ने व्यवस्था को समाप्त करने के लिए जारी की रिपोर्ट

Uttar Pradesh News : साहूकारों के जाल में फंसकर अब लोगो की जान नहीं जाएगी, राजस्व परिषद द्वारा जनपद स्तर पर साहूकारी लाइसेंस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है...

Update: 2022-07-18 08:07 GMT

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Uttar Pradesh News : यूपी साहूकारी अधिनियम को समाप्त करने की तैयारी शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि यह नियम लागू होने के बाद साहूकारों के जाल में फंसकर लोगों की जान नहीं जाएगी। राजस्व परिषद द्वारा जनपद स्तर पर साहूकारी लाइसेंस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है, वहीं जिले में उप्र सहकारी अधिनियम 1976 के तहत नए लाइसेंस जारी करने व नवीनीकरण पर रोक लगा दी गई है।

सूदखोरी में गरीबों का होता है भयानक शोषण

सूदखोरों के चक्कर में अक्सर लोग फंस जाते हैं। कई बार ये ब्याज देते-देते कर्ज नहीं चुका पाते हैं। हालत यह हो जाती है कि सूदखोरों के जाल में फंसकर कोई आत्महत्या कर लेता है तो कोई घातक कदम उठा लेता है। माना जा रहा है कि अब ऐसा नहीं हो सकेगा। दरअसल प्रदेश सरकार ने साहूकारी व्यवस्था खत्म करने की तैयारी तेज कर दी है। बैंकों से कर्ज लेने की प्रणाली आसान होने के बावजूद साहूकार ज्यादा ब्याज पर रकम देकर गरीबों का शोषण कर रहे हैं। ऐसे में राजस्व विभाग ने सभी जिलों से इस व्यवस्था की जरूरत पर रिपोर्ट मांगी जिला प्रशासन ने व्यवस्था को समाप्त करने की रिपोर्ट जारी की है।

साहूकारी व्यवस्था की कोई आवश्यकता नहीं

रिपोर्ट में बतया गय है कि जब बैंकों में जीरो बैलेंस पर अकाउंट खुल रहा है तो उस साहूकारी व्यवस्था की कोई आवश्यकता नहीं है। साहूकारी अधिनियम के तहत अलीगढ़ जिले में करीब 100 साहूकारी अधिनियम के तहत लाइसेंस है। जिला प्रशासन ने पिछले करीब 6 माह से नवीनीकरण की प्रक्रिया रोकने के साथ ही नए लाइसेंस जारी किए जाने पर रोक लगा रखी है।

विधान जायसवाल, एडीएम वित्त एवं राजस्व कहते इस बारे में कहते हैं, 'सरकार की तमाम योजनाएं हैं, चाहे वह मुद्रा लोन योजना हो या अन्य कोई। सब्सिडी पर लोन दिया जा रहा है। बैंकिंग व्यवस्था इतनी आसान हो गई है कि साहूकारों की जरूरत नहीं है। शासन को साहूकारी अधिनियम को समाप्त करने के संबंध में रिपोर्ट भेज दी गई है। जनपद में नए लाइसेंस व नवीनीकरण भी नहीं किया जा रहा है।

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वर्तमान परिस्तिथियों में इस कानून की जरुरत नहीं

दरअसल मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर 24 जून को राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक हुई। सभी ने यह माना कि वर्तमान परिस्तिथियों में इस कानून की जरुरत नहीं है तथा इसे समाप्त कर देना ही ठीक है। एडीएम वित्त विधान जायसवाल ने बताया कि जब छोटे कारोबारियों को बैंक से लोन लेने में परेशानी होती थी, तब राज्य सरकार ने यूपी साहूकारी विनियम कानून 1976 पास कराया। इसका उद्देश्य इलाके के साहूकारों को छोटे कारोबारियों व जरूरतमंदों की मदद करने के लिए कानूनी संरक्षण देना था।

साहूकारी के लिए लाइसेंस लेना जरूरी

उत्तर प्रदेश साहूकारी अधिनियम 1976 के मुताबिक साहूकारी के लिए लाइसेंस लेना जरूरी है। यह लाइसेंस एक साल के लिए मिलता है और हर साल इसका नवीनीकरण होता है। इसके तहत साहूकार प्रतिभूत ऋण यानी कोई वस्तु गिरवी रखकर लिए गए ऋण पर 14% वार्षिक ब्याज ले सकते हैं।

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