लखनऊ रेफर की गई 3 दिन की दुल्हन खुशी दुबे, खून की उल्टियां और मिर्गी के दौरे पड़ने की शिकायत

तकरीबन 8 महीने से बाराबंकी के किशोरी संप्रेक्षण गृह में खुशी की हालत नाजुक बताई जा रही है। इससे पहले खुशी को नवंबर 2020 में खून की उल्टियों की शिकायत हुई थी...

Update: 2021-05-31 02:42 GMT

खून की उल्टियां व दौर् पड़ने कि शिकायत पर बाराबंकी से लखनऊ रेफर की गई बिकरू कांड की बेवा, खुशी दुबे.

जनज्वार, लखनऊ। यूपी के कानपुर में हुआ बिकरू कांड अब तक चर्चाओं में बना हुआ है। इस कांड को अंजाम देने में शामिल रहे अमर दुबे को पुलिस ने हमीरपुर एनकाउंटर में ढ़ेर कर दिया था। तब से लेकर अब तक अमर दुबे की दो दिन की दुल्हन सरकारी उत्पीड़न का खामियाजा भुगत रही है।

अदालत के आदेश पर 14 सितंबर 2020 को जिले की संप्रेक्षण गृह में लाई गई खुशी की हालत शनिवार 29 मई की रात अधिक बिगड़ गई। रविवार 30 मई को उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया। खून की उल्टियां व मिर्गी ना रूकने के बाद उसे महिला चिकित्सकों की निगरानी में लखनऊ रेफर कर दिया गया।

तकरीबन 8 महीने से बाराबंकी के किशोरी संप्रेक्षण गृह में खुशी की हालत नाजुक बताई जा रही है। इससे पहले खुशी को नवंबर 2020 में खून की उल्टियों की शिकायत हुई थी। तब खुशी को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। 

सूत्रों की मानें तो खुशी की मां दो दिन से बाराबंकी में ही थी। वहीं एक झोल और सामने आ रहा है कि बिकरू जैसे चर्चित कांड से जुड़ी लड़की की हालत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराने की सूचना महिला कल्याण विभाग के अधिकारियों ने पुलिस तक को नहीं दी।

जिला प्रोबेशन अधिकारी अनिल मौर्य का कहना है कि कानपुर बिकरू कांड एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की विधवा खुशी को खून की उल्टियां व मिर्गी की शिकायत थी। उसे जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां लाभ ना होने पर लखनऊ रेफर कर दिया गया है।

आपको बता दें कि इस मामले को लेकर जेल में बंद नाबालिग खुशी दुबे के लिए कई लोगों ने आवाज उठाई है, लेकिन यह आवाज शासन के कानों तक नहीं जा पा रही है।

यहां तक की खुशी के मां-बाप और वकील ने भी जनज्वार से बात करते हुए खुशी को बेगुनाह बताया है, पर शायद सरकार को अंदेशा है कि खुशी ही सबसे बड़ी आतंकी है। या फिर हो यह भी सकता है कि खुशी के पास तमाम सफेदपोशों की जानकारी भी हो?

वरिष्ठ पत्रकार सुशील दुबे कहते हैं 'सीएम योगी जी ये अन्याय है। आज भी बाराबंकी जेल में तीन दिन की व्याहता अब विधवा काफी समय से वेवजह बंद खुशी दुबे याद है, आपको! तत्कालीन एसएसपी कानपुर दिनेश कुमार पी ने जिसे बेगुनाह कहा था सुना है बाराबंकी जेल में खून की उल्टी कर रही है। कौन सा हिनियस क्राइम किया है इस बच्ची ने, पति शायद अपराधी अमर दुबे तो मारा ही गया है। उसे पेरोल पर रिहा करवा देना चाहिए और सामाजिक-महिला संगठनों का पुण्य कार्य भी खतम हो गया लग रहा।

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