Shraddha Gupta Suicide: मां बाप के लिए श्रद्धा के आखिरी शब्द- "I'm Sorry for this", घर पर जन्मदिन की तैयारी रह गई अधूरी

Shraddha Gupta Suicide: 6 नवंबर को श्रद्धा का जन्मदिन था। पूरा परिवार उसके जन्मदिन की तैयारियों में जुटा था लेकिन परिवारवालों को कहां पता था कि इस बार अपने जन्मदिन पर श्रद्धा अपने घर नहीं आएगी।

Update: 2021-10-31 10:29 GMT

(शनिवार, 30 अक्टूबर को श्रद्धा का शव किराए के कमरे में लटका मिला)

Shraddha Gupta Suicide: "दिपावली पर दीदी घर आने वाली थी। उनके जन्मदिन की तैयारियां चल रही थी। 22 अक्टूबर को पिछली बार जब घर आई थी तो कहा था इस बार बर्थडे पर खूब सारे गिफ्ट्स और कपड़े लूंगी। 6 नवंबर को जन्मदिन मनाकर उसे अयोध्या (Ayodhya)काम पर लौटना था।"- ये शब्द श्रद्धा के भाई सुभम के हैं। श्रद्धा अपने चार भाई बहनों में दूसरे नंबर पर थी। अपने काबिलियत के दम पर उसने बैंक में ऑफिसर की नौकरी पाई थी। श्रद्धा के मां बाप को उनकी बेटी पर गर्व था। मगर शनिवार, 30 अक्टूबर को उसकी मौत की खबर से घर पर कोहराम मच गया। पड़ोसी से लेकर रिश्तेदार तक जिसने भी ये खबर सुनी सभी स्तब्ध रह गए।

शनिवार, 30 अक्टूबर को लखनऊ(Lucknow) निवासी श्रद्धा गुप्ता का शव अयोध्या में उनके किराए के कमरे में लटका मिला। अयोध्या के पंजाब नेशलन बैंक में अधिकारी श्रद्धा गुप्ता (Shraddha Gupta)ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया जिसमें तीन लोगों को खुदकुशी का जिम्मेदार बताया गया। बैंक कर्मी श्रद्धा गुप्ता ने माता पिता के नाम अपने सुसाइड नोट में लिखा, "पापा मम्मी, मेरे सुसाइड की वजह विवेक गुप्ता, IPS आशीष तिवारी और अनिल रावत, ये तीन हैं। मानसिक तौर पर परेशान श्रद्धा ने आत्महत्या जैसी कठोर कदम उठाने से पहले अपने मांं बाप से माफी मांगी। माता पिता को लिखे अपने आखिरी शब्दों में श्रद्धा ने लिखा, "I'm sorry for this."

श्रद्धा के घर में किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि वह ऐसा कदम उठाएगी। 6 नवंबर को श्रद्धा का जन्मदिन था। पूरा परिवार उसके जन्मदिन की तैयारियों में जुटा था लेकिन परिवारवालों को कहां पता था कि इस बार जन्मदिन पर श्रद्धा अपने घर नहीं आएगी। श्रद्धा के भाई सुभम ने बताया कि दीदी दिपावली में घर आने वाली थी। 22 अक्तूबर को पिछली बार दीदी घर आईं थीं और जन्मदिन पर कपड़ों के साथ ही गिफ्ट्स की फरमाइश की थी।

श्रद्धा गुप्ता लखनऊ के राजाजीपुरम के सेक्टर-13 की रहने वाली थी। उसके पिता राजकुमार गुप्ता की कोतवाली के पास चिकन के कपड़ों की दुकान है। उनके दो बेटे और दो बेटियों में श्रद्धा दूसरे नंबर की संतान थी। श्रद्धा अयोध्या स्थित पीएनबी के सर्किल ऑफिस में स्केल वन अधिकारी के पद पर तैनात थीं और किराए के मकान में अकेली रहती थी। जबकि बड़ी बेटी मोहिनी का विवाह हो चुका है। वह अयोध्या के ख्वासपुरा मोहल्ले में किराए के मकान में रहती थीं। श्रद्धा को दीपावली पर घर आना था और छह नवंबर को अपना जन्मदिन मनाकर अयोध्या लौटना था। मां सुनीता और दोनों भाई शुभम और संकेत बहन के जन्मदिन की तैयारियां कर रहे थे मगर शनिवार सुबह एक फोन कॉल ने गुप्ता परिवार की सारी खुशियों को पल भर में मातम में बदल दिया। फोन पर पता चला कि अयोध्या में श्रद्धा का शव उनके किराए के कमरे में फांसी के फंदे पर लटका मिला है। बेटी की मौत की खबर से घर पर कोहराम मच गया। आनन-फानन में राजकुमार, उनकी पत्नी सुनीता और दोनों बेटे शुभम और संकेत अयोध्या रवाना हो गए।

श्रद्धा के परिजनों का कहना है कि एक साल पहले श्रद्धा की सगाई विवेक गुप्ता के साथ हुई थी जो बाद में टूट गई। भाई शुभम गुप्ता के अनुसार, बलरामपुर के उतरौला निवासी विवेक गुप्ता के साथ श्रद्धा की शादी तय हुई थी। शुभम का आरोप है कि विवेक की हरकतें शुरू से खराब थीं। परिवारवालों को पता चला कि विवेक की कई युवतियों से दोस्ती थी, जिनका उसके घर पर भी आना-जाना था। श्रद्धा के घरवालों को विवेक के बारे में और भी बातें पता चली जिसके बाद विवेक से श्रद्धा की शादी तोड़ दी गई थी। मगर इसके बाद वो श्रद्धा को परेशान करने लगा जिस कारण वह तनाव में रहने लगी थी।

श्रद्धा के भाई शुभम गुप्ता का कहना है कि विवेक गुप्ता न सिर्फ उनकी बहन श्रद्धा को बल्कि पूरे परिवार को तंग कर रहा था। कुछ पुलिस अधिकारियों का नाम लेकर वह हमेशा धमकी देता था और कहता था कि उसका कोई कुछ नहीं कर सकता।

लखनऊ के राजाजीपुरम निवासी श्रद्धा ने सुसाइड नोट में आईपीएस और अयोध्या के पूर्व एसएसपी आशीष तिवारी, कांस्टेबल अनिल रावत और विवेक गुप्ता के नाम का जिक्र किया है। पिता राजकुमार गुप्ता की तहरीर पर तीनों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया है। देर रात शव के पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने सरयू के रामघाट पर श्रद्धा का अंतिम संस्कार कर दिया।



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