गैंगस्टर विकास दुबे की आंख-कान कहलाने वाले ने गले में तख्ती टांग पत्नी-बच्चों समेत किया सरेंडर
उमाकांत उर्फ बउअन को विकास दुबे की आंख, नाक, कान कहा जाता था। चौबेपुर का रहने वाला उमाकांत पुलिस की 50 हजार इनामिया सूची में भी शामिल है....
कानपुर। कानपुर के बिकरू कांड में आरोपी उमाकांत उर्फ बउअन ने शनिवार 8 अगस्त को चौबेपुर थाने में पत्नी और बच्चों के साथ सरेंडर कर दिया। उमाकांत (Umakant) पत्नी के साथ थाने पहुंचा और वहां दंडवत लेट गया। जब दरबान से उससे पूछा तो उसने बताया वो विकास दुबे (vikas Dubey) का साथी है। बिकरू कांड (Bikru Kand) में वह भी शामिल था, जिसके बाद थाने में हड़कंप मच गया। आनन फानन में दरोगा ने उसका चेहरा देखा।
इसी बीच वहां सीओ संतोष सिंह पहुंच गए और उसे पूछताछ के लिए अंदर ले गए। पुलिस को उमाकांत की काफी समय से तलाश थी। पुलिस ने कई जगह छापेमारी भी की थी, लेकिन सफलता नहीं मिली थी। उमाकांत उर्फ बउअन को विकास दुबे की आंख, नाक, कान कहा जाता था। चौबेपुर का रहने वाला उमाकांत पुलिस की 50 हजार इनामिया सूची में भी शामिल है।
आज शनिवार 8 अगस्त को उमाकांत ने थाना चौबेपुर (Chaubepur) में सरेंडर किया। इस दौरान वह पत्नी और बच्चों को भी साथ लेकर पहुंचा था। सरेंडर के वक्त उमाकांत ने गले में एक तख्ती टांग रखी थी, जिसमें उसने अपना जुर्म कबूल किया। साथ ही पुलिस के सामने सरेंडर की बात भी लिख रखी थी। पुलिस ने बताया कि एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे गए अपराधी विकास दुबे का उमाकांत खास साथी है।
पुलिस एनकाउंटर की दहशत के चलते उसने पत्नी और बच्चों के साथ सरेंडर किया है। उमाकांत ने गले में टांगी तख्ती में लिखा था, 'मेरा नाम उमाकांत शुक्ला उर्फ बउअन पुत्र मूलचंद शुक्ला निवासी बिकरू थाना चौबेपुर है। मैं बिकरू कांड में विकास दुबे के साथ शामिल था। मुझे पकड़ने के लिए रोज पुलिस द्वारा तलाश किया जा रहा है, जिससे मैं बहुत डरा हुआ हूं। हम लोगों द्वारा जो घटना की गई थी उसकी हमें बहुत आत्मग्लानी है। मैं खुद पुलिस के सामने हाजिर हो रहा हूं। मेरी जान की रक्षा की जाए। मुझ पर रहम किया जाए।'
यूपी एसटीएफ ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए विकास दुबे सहित उसके पांच साथियों को मुठभेड़ में मार गिराया था। अभी तक पुलिस इस मामले में 15 से अधिक लोगों को जेल भेज चुकी है। विकास के एक साथी ने सरेंडर भी किया है। वहीं इस घटना में शामिल कई बदमाश अभी तक फरार चल रहे हैं, जिन्हें ढूंढने के लिए यूपी एसटीएफ की कई टीमें लगी हुई हैं।