Dev Deepawali 2022: भोले की नगरी काशी में जलेंगे 10 लाख दिये, शिक्षा विभाग को साढ़े तीन लाख की जिम्मेदारी का लीक हुआ पर्चा
Dev Deepawali 2022: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में देव दीपावली के अवसर पर 10 लाख दीए जलाए जाएंगे। जिनमें से साढ़े तीन लाख दिए बेसिक शिक्षा विभाग जलवाएगा। इसके लिए जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने विभागीय शिक्षकों के लिए निर्देश जारी किया है। जिसका पत्र सोशल मीडिया में वायरल होकर चर्चा का विषय बना हुआ है।
Dev Deepawali 2022: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में देव दीपावली के अवसर पर 10 लाख दीए जलाए जाएंगे। जिनमें से साढ़े तीन लाख दिए बेसिक शिक्षा विभाग जलवाएगा। इसके लिए जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने विभागीय शिक्षकों के लिए निर्देश जारी किया है। जिसका पत्र सोशल मीडिया में वायरल होकर चर्चा का विषय बना हुआ है।
शिक्षा अधिकारी ने यह काम देव दीपावली पर शिक्षकों को दीये जलाने के लिए जारी किया है। इसमें बेसिक शिक्षकों को साढ़े तीन लाख दीये जलाने को कहा गया है। दिया और तेल बाती पर्यटन विभाग उपलब्ध कराएगा। बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. अरविंद कुमार पाठक की ओर से जारी आदेश के मुताबिक शिक्षकों को 10 अलग अलग सेक्टरों में 35,000 हजार दीये जलाने है। देव दिपावली पर सेक्टर 11 से सेक्टर 20 तक के दिए शिक्षकों को जलाने हैं। बीएसए ने हर सेक्टर के लिए प्रभारी भी नियुक्त किया हैं।
आदेश में शिक्षा विभाग के सभी कर्मचारियों को गंगा के दूसरी तरफ रेत पर 3.5 लाख दीये लगाए जाने में सहयोग की बात कही गई है। विवाद बढ़ते देख जिला अधिकारी ने तत्काल इस पर सामने आकर कहा कि देव दीपावली पूरी तरह से पर्यटन विभाग का आयोजन होता है। इसमें शिक्षा के साथ अन्य सभी विभाग के कर्मचारियों का सहयोग लिया जाता है। इसमें किसी सरकारी कर्मचारी से किसी भी प्रकार का आर्थिक सहयोग नहीं लिया जाता।
क्या बोले जिलाधिकारी?
शिक्षा विभाग के इस आदेश पर डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि हर साल की तरह देव दीपावली में दुनियाभर से लाखों पर्यटक इस आयोजन को देखने आते हैं। गंगा के घाट पर और दूसरी तरफ रेत पर लाखों दीये एक साथ जलाए जाते हैं। इस आयोजन को सम्पन्न कराने के ये हजारों लोगों की जरूरत पड़ती है। सभी विभाग के कर्मचारियों के साथ सैकड़ों एनजीओ और घाट की समितियों से भी मदद ली जाती है। इस आयोजन को करने के दिए पूरा फाइनेंस पर्यटन विभाग की ओर से दिया जाता है।
जिलाधिकारी ने कहा कि, इसमें किसी भी कर्मचारी से कोई पैसे की डिमांड नहीं की जाती। इन कर्मचारियों को छोटे-छोटे सेक्टर बनाकर बस दीयों को समय से लगवाने की ज़िम्मेदारी दी जाती है। ये पूरी तरह से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग का आयोजन होता है और इसमें सभी विभाग के अधिकारी कर्मचारी मिल कर आयोजन को सफल बनाते हैं। इस बार भी स्थानीय कुम्हारों से ही दीये खरीदे जा रहे है और इनका टेंडर भी हो चुका है ।