UP में भारी निवेश के दावों के उलट बैंकों में जमा पूंजी का भी 60 प्रतिशत पहुंच रहा गुजरात-महाराष्ट्र, एजेंडा यूपी ने उठाये और भी सवाल
अगर सरकार भूमिहीन, गरीब परिवारों को आवासीय भूमि और एक एकड़ कृषि योग्य जमीन, खेती के सहकारीकरण के लिए प्रोत्साहन और कृषि आधारित व लघु-कुटीर, छोटे, मझोले उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए तो बेकारी की समस्या का समाधान होता और प्रदेश का विकास भी सुनिश्चित होता....
लखनऊ। आंदोलनकारियों, विभिन्न विचार समूहों—संगठनों और राजनीतिक व्यक्तियों द्वारा गठित एजेंडा यूपी 2023-24 टीम की वर्चुअल मीटिंग में प्रदेशव्यापी अभियान संचालित करने की रूपरेखा तैयार करने के लिए 17 जनवरी को लखनऊ के दारुलसफा कामन हाल में सम्मेलन सह बैठक का आयोजन का फैसला लिया गया है। यह जानकारी एजेंडा यूपी टीम की ओर से मीडिया को दी गयी है।
एजेंडा यूपी में प्रमुख रूप से हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की गारंटी, प्रदेश में रिक्त पड़े 6 लाख पदों को तत्काल भरने, दलित-आदिवासी-अति पिछड़े, भूमिहीन व गरीब परिवारों को आवासीय भूमि और आजीविका के लिए एक एकड़ जमीन, सहकारी खेती का प्रोत्साहन, सभी नागरिकों को निशुल्क व स्तरीय सरकारी शिक्षा व दवा, इलाज की व्यवस्था, शिक्षा-स्वास्थ्य के बजट में बढ़ोतरी, नागरिक अधिकारों की रक्षा, किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून, मजदूर विरोधी लेबर कोड की समाप्ति और पुरानी पेंशन योजना की बहाली जैसे ज्वलंत मुद्दे शामिल हैं।
वर्चुअल मीटिंग में वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश में बेकारी की भयावह स्थिति के चलते लोगों के पलायन में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट द्वारा निवेश व रोजगार सृजन के दावों की वास्तविकता प्रोपेगैंडा से एकदम अलग है। प्रदेश में भारी निवेश के प्रचार के उलट लोगों की बैंकों में जमा पूंजी का भी 60 प्रतिशत हिस्सा गुजरात, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पलायन कर रहा है। दरअसल प्रदेश में रोजगार सृजन और विकास अवरूद्ध है। रिक्त पदों को भरने के वायदे को लेकर सरकार गंभीर नहीं है और 6 लाख रिक्त पदों को भरा नहीं था रहा।
अगर सरकार भूमिहीन, गरीब परिवारों को आवासीय भूमि और एक एकड़ कृषि योग्य जमीन, खेती के सहकारीकरण के लिए प्रोत्साहन और कृषि आधारित व लघु-कुटीर, छोटे, मझोले उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए तो बेकारी की समस्या का समाधान होता और प्रदेश का विकास भी सुनिश्चित होता। बैठक में सम्मेलन में प्रदेश के हर हिस्से से भागीदारी के लिए जन सम्पर्क करने का निर्णय हुआ।
बैठक में ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसआर दारापुरी, पूर्व कैबिनेट मंत्री दद्दू प्रसाद, अंबेडकर जन मोर्चा के संयोजक श्रवण कुमार निराला, पत्रकार सिद्धार्थ रामू, लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण के आलोक, संयुक्त युवा मोर्चा केंद्रीय टीम के सदस्य राजेश सचान, मजदूर किसान मंच के महामंत्री डॉक्टर बृज बिहारी, आईपीएफ प्रदेश अध्यक्ष डॉ बी आर गौतम, वर्कर्स फ्रंट के अध्यक्ष दिनकर कपूर, इंजीनियर दुर्गा प्रसाद आदि लोग शामिल रहे।