उन्नाव की पूर्व सांसद अनु टंडन ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, राजीव शुक्ला बोले नहीं पड़ता कोई फर्क

अनु टंडन ने अपने इस्तीफे की वजह प्रदेश नेतृत्व को बताया है और कहा है कि उनके व उनके लोगों को खिलाफ अनर्गल प्रचार किया जा रहा था। उन्होंने मामले को सुलझाने के लिए प्रियंका गांधी से वार्ता की लेकिन कोई हल नहीं निकला, इसलिए पार्टी छोड़ रही हैं...

Update: 2020-10-30 06:25 GMT

जनज्वार। उत्तरप्रदेश के उन्नाव से पूर्व कांग्रेस सांसद अनु टंडन ने कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार को इस्तीफा देने के बाद उन्होंने अपना एक वक्तव्य और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। अनु टंडन ने कहा है कि लोग मेरे इस्तीफे के बाद यह पूछ रहे हैं कि अब मेरा भविष्य क्या है तो भविष्य आप हैं और इसको लेकर मैं कांग्रेस के लोगों व अन्य दलों के नेताओं से वार्ता कर रही हूं।

अनु टंडन ने कहा है कि उन्हें कांग्रेस नेतृत्व से कोई शिकायत नहीं है और उन्होंने उन्हें पर्याप्त स्नेह दिया है। हालांकि उन्होंने प्रदेश इकाई पर निशाना साधा और कहा कि वे सोशल मीडिया की आड़ लेकर जो कुछ करते हैं और उससे यह सोचते हैं कि संगठन मजबूत हो जाएगा तो ऐसा होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दोनों अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से उन्हें सहयोग मिला है और उनकी विचारधारा कांग्रेस की विचारधारा ही रही है और इस्तीफे के बाद इसमें कोई बदलाव नहीं आया है।

अनु टंडन ने प्रदेश नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि महीने उनसे तालमेल नहीं होने के कारण महीनों से उन्हें कामकाज में कोई सहयोग नहीं मिल पा रहा था। उन्होंने कहा कि 2019 का चुनाव हारना उनके लिए उतनी बड़ी तबाही नहीं रही जितना पार्टी संगठन की तबाही और बिखराव देखना। पार्टी का प्रदेश नेतृत्व सोशल मीडिया मैनेजमेंट और निजी ब्रांडिंग में इतना लीन है कि पार्टी के मतदाताओं के बिखर जाने का उसे कोई इल्म नहीं है।

उन्होंने लिखा है कि उनके नेक इरादे के बावजूद उनके व उनके सहयोगियों के खिलाफ झूठा प्रचार सिर्फ वाहवाही के लिए किया जा रहा है। अनु टंडन ने कहा है कि इस मामले में कांग्रेस के प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी से उनकी बातचीत हुई, लेकिन कोई रास्ता जो आगे सबके हित में हो वह नहीं निकल सका। उन्होंने कहा कि यूपी और अन्य प्रदेश के नेताओं के साथ उनकी वार्ता हुई लेकिन इस हालात में सभी असहाय लगे। उन्होंने यह भी कहा है कि वे विपरीत हालात में भी कई महीने तक पार्टी में बनी रहीं।

उन्होंने लिखा है कि उन्नाव व उत्तरप्रदेश उनकी जन्मभूमि व कर्मभूमि है और इसके लिए वे समर्पित रहेंगी। उन्होंने कहा है कि भविष्य में वे किस रास्ते पर चलेगी इसको लेकर अपने सहयोगियों व कार्यकर्ताओं से वे परामर्श करेंगी। उन्होंने कहा है कि हम बदलाव के लिए एक ताकत के रूप में उभरेंगी और जनता की आवाज बनेंगीं।

अन्नू टंडन ने जो वीडियो जारी किया है उसमें उन्होंने कहा कि मैंने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष को भेज दिया है। कार्यकर्ताओं से सलाह लेने के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा। मैं आज जिस मुकाम पर पहुंची हूं, वह कार्यकर्ताओं की ही देन है। मुझे विश्वास है कि हम सब मिलकर नए बदलाव के लिए एक ताकत की तरह उभरेंगे और जनता की आवाज बनेंगे।

गौरतलब है कि अन्नू टंडन, 2009 में कांग्रेस के टिकट पर उन्नाव से सांसद बनी थीं। 2014 और 2019 का चुनाव भी अन्नू टंडन ने कांग्रेस के टिकट पर लड़ा, लेकिन जीत नहीं सकीं। 2014 के चुनाव में अन्नू टंडन चौथे और 2019 के चुनाव में तीसरे नंबर पर रही थीं। बताया जा रहा है कि बांगरमऊ उपचुनाव को लेकर मतभेद के बाद अन्नू टंडन ने पार्टी से इस्तीफा ले लिया है।

अन्नू टण्डन के इस्तीफा देने के बाद उन्नाव पहुँचे राजीव शुक्ला ने कहा उनके इस्तीफा देने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता, उपचुनाव में उनकी प्रत्याशी आरती बाजपाई की जीत तय है। इसी के साथ राजीव शुक्ला ने मांग की कि चुनाव सेंट्रल पुलिस की देखरेख में होने चाहिए। उन्होंने कहा यूपी पुलिस की देखरेख में चुनाव होने से विपक्ष को संदेह रहेगा। सरकार पुलिस पर दबाव बना कर उनसे धांधली करा सकती हैं। चुनाव आयोग से मेरी अपील है कि चुनाव में कोई भी किसी भी तरह की सत्ता अपनी धांधली ना करा पाए। और केंद्रीय पुलिस की देखरेख में यह चुनाव होना चाहिए।

बहनजी के भाजपा समर्थित होने पर पूर्व सांसद ने कहा हम लोग पहले से ही जानते हैं कि इनकी मिलीभगत पहले से ही थी। वो पहले से ही भाजपा की सहयोगी के रूप में काम कर रही हैं। वो बोलते हैं ना की बी टीम के रूप में काम कर रही हैं। और अब खुल के वो भाजपा की सहयोगी हो गई हैं। उनका अपना अस्तित्व धीमे धीमे खत्म होता जा रहा है।

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