कानपुर : विकास दुबे के खजांची रहे जय वाजपेयी व उसके तीन भाइयों पर लगा गैंगस्टर एक्ट, खुलेगी पुराने पापों की फाइल

जय वाजपेयी की बिकरू कांड से संलिप्तता की उगाही करते हुए गैंगस्टर एक्ट लगाया गया है। यह भी कहा गया है कि वह सरकारी भूमि कब्जाने, भयादोहन करने व अवैध ढंग से पैसे कमाने में संलग्न रहा है...

Update: 2020-07-31 03:35 GMT

विकास दुबे के साथ जय वाजपेयी (गुलाबी शूट में दायें) का फाइल फोटो.

जनज्वार।  कानपुर के मारे गए कुख्यात अपराधी विकास दुबे का खजांची कहा जाने वाले जय वाजपेयी पर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया है। उसके खिलाफ इस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है और इसी के तहत कार्रवाई होगी। इस मामले में उसके भाइयों को भी आरोपी बनाया गया है। इस संबंध में कानपुर पुलिस ने एक बयान जारी कर बताया है कि कानपुर नगर, थाना नजीराबाद के ब्रह्मानगर के रहने वाले लक्ष्मीकांत वाजपेयी के बेटे जय वाजपेयी पर चौबेपुर थाना में पंजीकृत अपराध संख्या 192/20 के तहत यह यह कार्रवाई की जा रही है।

चौबेपुर थाना क्षेत्र में ही पड़ने वाले बिकरू गांव में विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ दो-तीन जुलाई की रात गिरफ्तार करने आई पुलिस टीम पर हमला कर दिया था, जिसमें आठ पुलिस कर्मी मारे गए थे। हालांकि बाद में विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार किया गया था और कानपुर लाते वक्त यूपी पुलिस के हाथों वह इनकाउंटर में मारा गया था।

पुलिस के बयान में कहा गया है कि गिरोह बनाकर अपराध करने के मामले में उसकी संलिप्तता को देखते हुए नजीराबाद थाना में मामला दर्ज किया गया है। महत्वपूर्ण बात यह कि गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में जय वाजपेयी के साथ उसके तीन अन्य भाइयों को भी सह आरोपी बनाया गया है और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जय वाजपेयी के भाई शोभित वाजपेयी, रजयकांत वाजपेयी, अजयकांत वाजपेयी को आरोपी बनाया गया है।


पुलिस ने अपने बयान में यह भी कहा है कि जय वाजपेयी और उसके साथियों का एक संगठित गिरोह है जो सरकारी जमीन पर कब्जा, नियम विरुद्ध ढंग से जमावड़ा लगाने, जघन्य घटनाएं करता है। इससे वे पैसे कमाते हैं और समाज के विरुद्ध काम करते हैं। क्षेत्र में उसका आतंक है। इनके भय व आतंक के कारण कोई कोर्ट में इनके खिलाफ गवाह व बयान देने का साहस नहीं करता है। इसलिए कानपुर जिला पुलिस उसके खिलाफ यह कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने कहा है कि इस वक्त जय वाजपेयी जिला जेल, कानपुर तेहात में है, वहीं उसके अन्य भाइयों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है।

गौरतलब है कि जय वाजपेयी के खिलाफ कई अलग-अलग थानों में दर्जनों आपराधिक मामले पहले से दर्ज हैं। इसमें डकैती से लेकर मारपीट जैसी कई बड़ी धाराएं शामिल हैं। जिनमे से अधिकतर मुकदमों में फाइनल रिपोर्ट भी लग चुकी है। बिकरू कांड में जय बाजपेई को जेल भेजा गया है। साथ ही उसका आपराधिक इतिहास भी खंगाला जा रहा है। पुलिस अफसरों का कहना है कि जय के खिलाफ जो भी पुराने केस दर्ज थे अब उन सभी को खोला जाएगा। अगर पुलिस की लापरवाही रही तो उन पर कार्रवाई होगी।

यहां के स्थानीय लोगों के मुताबिक जय बाजपेई की कभी एक पान की दुकान हुआ करती थी। बाद में विकास दुबे के संरक्षण में जय वाजपेयी ने 7 साल में अकूत संपत्ति बना डाली। जिले के थाना चौबेपुर पर पंजीकृत मुकदमा अपराध संख्या 192/20 जिसमें धारा 147, 148, 149, 302, 307, 395, 412, 120b भारतीय दंड विधान 7 सीएलए एक्ट में जेल भेजा जा चुका है। जय वाजपेयी पर अब मुकदमा संख्या 219/2020 की धारा 3(1) यूपी गैंगस्टर एक्ट में पंजीकृत किया गया है। जय फिलहाल कानपुर देहात की जेल में बंद है।

गुरुवार को एसआइटी जांच के लिए पहुंची कानपुर, की पड़ताल

बिकरू कांड मामले में गुरुवार को एसआइटी की टीम ने कानपुर पहुंच कर जांच-पड़ताल की व बयान दर्ज किए। मामले की जांच के लिए गठित एसआइटी ने सर्किट हाउस में घटना के समय या बाद में इस जांच से जुड़े हैं। वरिष्ठ आइएएस अधिकारी संजय भूस रेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआइटी में एडीजी हरिराम शर्मा व डीआइजी रवींद्र गौड़ शामिल हैं। एसआइटी ने जिले के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक की और मामले से जुड़े दस्तावेजों का निरीक्षण किया। विकास दुबे के किसी प्रकार से सहयोगी रहे लोगों का ब्यौरा लिया और खुफिया नाकामियों की भी पड़ताल की गई। 

बिकरू कांड के शहीदों के परिजनों को मिलेंगे 30-30 लाख

यूपी पुलिस और एसबीआई के बीच चार साल पहले एक समझौता हुआ था, जिसके तहत सभी पुलिसकर्मियों के सैलरी एकाउंट एसबीआई में खोले गए थे। इस समझौते में यह तय हुआ था कि शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों के परिवार को एसबीआई की तरफ से 30 लाख की बीमा राशि व अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। इसी के तहत बिकरू कांड में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिवार को एसबीआई मुख्यालय कानपुर की तरफ से 30-30 लाख रुपये की बीमा राशि दी जा रही है।

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