Ground Report : लाखों रेहड़ी पटरी वालों को लोन देने का दावा कर रहे PM मोदी, लखनऊ में नहीं एक भी लाभार्थी

एक महिला जो छोटी सी दुकान चलाती हैं, उनसे इस योजना के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा फॉर्म भरे हुए एक महीना हो गया है, लेकिन अभी तक नहीं मिला, मोदी जी दिल्ली में बैठके ऐसे ही फालतू में बोल देते हैं, गरीब आदमी ऐसे ही मर रहा है, टीवी में जो दिखाते हैं, उसमें सरकार झूठ बोलती है.....

Update: 2020-10-28 11:08 GMT

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल्स के जरिए उत्तर प्रदेश के स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर योजना (पीएम स्वनिधि योजना) के लाभार्थियों से बात कर रहे थे। केंद्र की मोदी सरकार के मुताबिक अबतक इस योजना के तहत अबतक सात लाख से ज्याद रेहड़ी पटरी दुकानदारों का रजिस्ट्रेशन हुआ है, जिसमें आधे से अधिक लगभग 3 लाख 70 हजार लोगों को ऋण स्वीकृत हो गया है। 2 लाख 74 हजार रेहड़ी पटरी दुकानदारों को इसके तहत ऋण मिल चुका है। प्रधानमंत्री के मुताबिक इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश में ही लगभग पांच लाख रेहड़ी पटरी वालों को ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के तहत दस हजार रुपये तक का सिक्योरिटी फ्री लोन उपलब्ध कराया जाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इन दावों में कितनी सच्चाई है, इसकी तहकीकात करने के लिए हमारी जा पहुंची राजधानी लखनऊ। इस दौरान हमने कई रेहड़ी पटरी वाले दुकानदारों से बातचीत करने की कोशिश की और जानना चाहा कि क्या वास्तव में उनको यह लोन मिला है या ये दावे भी हवा-हवाई हैं। एक फल विक्रेता ने हमें बताया कि इसके लिए फॉर्म भरे हुए दो महीने हो चुके हैं, उन्होंने कहा था कि आपके पास मोबाइल फोन में ओटीपी आएगा लेकिन अभी तक नहीं आया। उन्होंने कहा कि ये महंगाई का सौदा है लेकिन क्या करें। पूछने पर उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम नहीं देखा है।  

ठेली लगाने वाले एक सब्जी विक्रेता समीर ने हमें बताया कि पांच छह महीने पहले लोन के लिए कोशिश की थी लेकिन अभी तक नहीं मिला। लोन के लिए गए थे उन्होंने कहा कि हमारे पास देने के लिए कुछ है ही नहीं तो कहां से देंगे। मूंगफली का ठेला लगाए हुए एक व्यक्ति ने हमें बताया कि उन्हें अभी तक इसकी कोई जानकारी नहीं है। लेकिन अगर लोन मिलता है तो इससे थोड़ा ठीक धंधा कर लेंगे।

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एक टूटी-फूटी दुकान के भीतर नाई का काम करने वाले दुकानदार से जब पूछा कि इसका (दुकान का) चेहरा अब तक क्यों नहीं चमका पाए? तो उन्होंने कहा कि उनके पास पैसा नहीं है। फिर जब उनसे कहा गया कि सरकार तो लोन दे रही है तो उन्होंने कहा हमारे पास तो अभी तक आधार कार्ड भी नहीं है, वो बना ही नहीं है। 

अबतक हममें उन लाखों लोगों में से एक भी व्यक्ति राजधानी लखनऊ में नहीं मिला था जिसे इस योजना के तहत लोन मिला हो। फिर भी हम कोशिश करते रहे कि शायद कोई इस योजना का लाभार्थी मिल जाए। आगे एक बुजुर्ग महिला जो छोटी सी दुकान रेहड़ी पटरी पर चलाती हैं, उनसे इस योजना के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा- फॉर्म भरे हुए एक महीना हो गया है, लेकिन अभी तक नहीं मिला। मोदी जी दिल्ली में बैठके ऐसे ही फालतू में बोल देते हैं, गरीब आदमी ऐसे ही मर रहा है। टीवी में जो दिखाते हैं, उसमें सरकार झूठ बोलती है।

रेहड़ी पटरी वालों फॉर्म भरने में मदद करने वाले वीरेंद्र गुप्ता हमें बताते हैं, हमारा अनुभव ये रहा है कि जिन पटरी वाले दुकानदारों को हमने बताया कि यहां पर शिव विहार के इंदिरा नगर में आपके रैनबसेरा में कैंप लग रहा है, आप आकर फॉर्म भरवा लीजिए। उसी के साथ ही आपका रजिस्ट्रेशन भी हो जाएगा और बैंक से लोन मिल जाएगा। अभी कल के दिन हमने कैंप लगाया और करीब 33 लोगों के फॉर्म हमने भरवाए हैं। अब आगे की प्रक्रिया बैंक वाले ही जानते होंगे। 

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