उत्तर प्रदेश में पकड़ा गया गुजरात का पेंगोलिन तस्कर

कन्नौज पुलिस के प्रवक्ता ने कहा, "मिन्हाज और उत्तराखंड के हल्द्वानी के उसके सहयोगी नासिर 17 सितंबर को गुजरात के अरावली जिले के श्यामलाजी शहर से भाग गए थे...

Update: 2020-09-27 07:55 GMT

जन्ज्वार,कन्नौज | कन्नौज जिले में छापेमारी के दौरान मृत पैंगोलिन और उसके खाल के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। गुजरात के भरूच जिले के मूल निवासी मिन्हाज जलालपुरा पनवारा इलाके में रतनपुर चेक पोस्ट के पास अपने रिश्तेदार के यहां छिपा हुआ था।

कन्नौज पुलिस के प्रवक्ता ने कहा, "मिन्हाज और उत्तराखंड के हल्द्वानी के उसके सहयोगी नासिर 17 सितंबर को गुजरात के अरावली जिले के श्यामलाजी शहर से भाग गए थे, जबकि उनके तीसरे सहयोगी नादिम को गिरफ्तार कर लिया गया था।"

कन्नौज पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को गुजरात पुलिस को मिन्हाज को सौंप दिया है। अरावली वन डिविजन के तहत श्यामलजी वन रेंज में नादिम और नसीर सहित मिन्हाज और दो अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।

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नादिम के पास से करीब 10 किलोग्राम से अधिक वजनी पैंगोलिन का शव और खाल को बरामद किया गया। उसने स्वीकार किया कि वे पैंगोलिन शव और तराजू उत्तराखंड से लाए थे और इसे बेचने के लिए महाराष्ट्र जाने वाले थे। 

वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, पैंगोलिन को वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट की अनुसूची 1 के तहत संरक्षित किया जाता है।

वन्यजीव विशेषज्ञ ने कहा, "पैंगोलिन की मांग दक्षिणी चीन और वियतनाम में चीनी पारंपरिक चिकित्सा के लिए अधिक हैं, क्योंकि उनके खाल में औषधीय गुण होते हैं। उसके मांस को भी एक अच्छा खाद्य माना जाता है। चीन और वियतनाम में प्रति वर्ष करीब 100,000 तस्करी का अनुमान है। यह दुनिया में सबसे अधिक तस्करी वाला जानवर है।"

साल 2016 में पैंगोलिन को लेकर अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, क्योंकि यह इसके अस्तित्व के लिए खतरा बन गया था।

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