हाथरस गैंगरेप केस : प्रियंका ने कहा डीएम-एसपी के काॅल रिकार्ड सार्वजनिक करें, इस्तीफा दें सीएम योगी
प्रियंका गांधी ने सवाल उठाया है कि डीएम-एसपी किसके इशारे पर काम कर रहे थे। उन्होंने दोनों अधिकारियों का फोन रिकार्ड सार्वजनिक करने की मांग की है...
जनज्वार। उत्तरप्रदेश सरकार ने हाथरस गैंगरेप केस मामले में शुक्रवार की शाम हाथरस के एसपी विक्रांत वीर सहित पांच अफसरों को सस्पेंड करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही इन अधिकारियों का नार्को पाॅलीग्राफी टेस्ट करवाने की बात मुख्यमंत्री कार्यालय ने कही है। यूपी सरकार के इस फैसले के बाद उत्तरप्रदेश की प्रभारी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने निशाना साधा है
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि मोहरों को सस्पेंड करने से क्या होगा? हाथरस की पीड़िता, उसके परिवार को भीषण कष्ट किसके आर्डर पर दिया गया? हाथरस के डीएम, एसपी के फोन रिकार्ड्स पब्लिक किए जाएं। मुख्यमंत्री अपनी जिम्मेदारी से हटने की कोशिश न करें, देश देख रहा है। इसके साथ ही प्रियंका गांधी ने योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगा है।
इससे पहले प्रियंका गांधी आज शाम में दिल्ली के वाल्मीकि मंदिर में हाथरस पीड़िता की आत्मा की शांति के लिए आयोजित एक प्रार्थना सभा में शामिल हुईं। प्रियंका गांधी कल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ हाथरस जाने के दौरान नोएडा एक्सप्रेस वे पर रोक दी गईं थीं।
हाथरस की घटना के खिलाफ आज जंतर मंतर पर वाम दलों, आम आदमी पार्टी आदि ने विरोध प्रदर्शन किया। भीम आर्मी ने भी विरोध प्रदर्शन किया।
एसपी सहित पांच पुलिस अफसर सस्पेंड, डीएम भी हो सकते हैं निलंबित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसपी विक्रांत वीर, सीओ राम शब्द, तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार वर्मा, सीनियर सब इंस्पेक्टर जगवीर सिंह व हेड मोहर्रिर महेश पाल को निलंबित करने का आदेश दिया। इसके साथ ही इन अधिकारियों व कर्मियों की नार्काे पाॅलीग्राफी टेस्ट भी करायी जाएगी ताकि यह पता चल सके कि ये सच बोल रहे हैं या झूठ।
उधर, हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार पर भी निलंबन की तलवार लटक रही है। प्रवीण कुमार लक्षकार पर पीड़िता के परिवार पर दबाव बनाने का आरोप हैै। पीड़िता की भाभी ने डीएम पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनके ससुर यानी पीड़िता के पिता को कहा कि अगर आपकी बेटी कोरोना से मर जाती तो मुआवजा मिलता। यह भी कहा कि मीडिया वाले चले जाएंगे हम यही रहेंगे। डीएम के पत्रकारों से इस मामले में बातचीत करने के तरीके पर भी सवाल उठा है।