हाथरस डीएम के रहते सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को न न्याय मिलेगा और न ही सही जांच हो पाएगी - मायावती

मायावती ने कहा यूपी सरकार की रहस्मय चुप्पी दुःखद व अति-चिन्ताजनक, हालाँकि सरकार CBI जाँच हेतु राजी हुई है, किन्तु उस डीएम के वहाँ रहते इस मामले की निष्पक्ष जाँच कैसे होे सकती है...

Update: 2020-10-04 04:51 GMT

जनज्वार। हाथरस गैंगरेप मामला में योगी सरकार की मुश्किलें खत्म होने नाम ही नहीं ले रही. एक ओर इस मामले को लेकर जहां देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं वही दूसरी तरफ विपक्षी दल भी योगी सरकार से लगातार सवाल पूछ रहे हैं. इसी सिलसिले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी योगी सरकार से मांग की है.

मायावती ने इस मामले में ट्वीट कर मांग की "हाथरस गैंगरेप काण्ड के पीड़ित परिवार ने जिले के डीएम पर धमकाने आदि के कई गंभीर आरोप लगाए हैं, फिर भी यूपी सरकार की रहस्मय चुप्पी दुःखद व अति-चिन्ताजनक। हालाँकि सरकार CBI जाँच हेतु राजी हुई है, किन्तु उस डीएम के वहाँ रहते इस मामले की निष्पक्ष जाँच कैसे होे सकती है? लोग आशंकित"।

आप को बता दें कि इस से पहले मायावती ने इस मामले की सीबीआई (CBI) जांच की मांग की थी. मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा, ''हाथरस जघन्य गैंगरेप काण्ड को लेकर पूरे देश में ज़बरदस्त आक्रोश है. इसकी शुरूआती आई जांच रिपोर्ट से जनता सन्तुष्ट नहीं लगती है. अतः इस मामले की CBI से या फिर माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच होनी चाहिए, बी.एस.पी. की यह मांग.'

मायावती ने दूसरे ट्वीट में राष्ट्रपति से भी इस मामले में दखल देने की मांग की है. उन्होंने लिखा, ''देश के माननीय राष्ट्रपति यू.पी. से आते हैं व एक दलित होने के नाते भी इस प्रकरण में ख़ासकर सरकार के अमानवीय रवैये को ध्यान में रखकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिये दखल देने की भी उनसे पुरज़ोर अपील.''

गौरतलब है कि 14 सितंबर को यूपी के हाथरस में एक दलित युवती के साथ ऊंची जाति के गांव के ही चार लोगों ने रेप किया. पीड़िता ने दो हफ्तों बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया.

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