हाथरस कांड में नया खुलासा, पीड़िता के भाई और आरोपी के बीच 100 से ज्यादा बार हुई फोन पर

हाथरस कांड में ये खुलासा यूपी पुलिस की जांच में हुआ है, पुलिस ने आरोपी और पीड़ित परिवार के कॉल रिकॉर्ड को खंगाला तो पाया कि बातचीत का सिलसिला पिछले साल 13 अक्टूबर को शुरू हुआ। ज्यादातर कॉल चंदपा क्षेत्र से ही की गई है, जो पीड़िता के गांव से महज 2 किमी की दूरी पर है।

Update: 2020-10-07 08:06 GMT

जनज्वार, लखनऊ। हाथरस कांड में आएदिन नए खुलासे सामने आने से मामला तूल पकड़ता जा रहा है। आज 6 अक्टूबर को सोशल मीडिया में एक सीडीआर लिस्ट सामने आई है। यह लिस्ट दुष्कर्म के आरोपी संदीप और पीड़िता के भाई के नाम पर रजिस्टर फोन नंबर पर की गई बातचीत की बताई जा रही है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपनी जांच पड़ताल में पाया है कि पीड़ित परिवार और मुख्य आरोपी संदीप फोन के जरिए आपस में संपर्क में थे।

पीड़ित परिवार और संदीप के बीच फोन पर बातचीत का सिलसिला पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुआ था। पीड़ित परिवार और आरोपी के बीच 104 बार फोन पर बातचीत हुई। हाथरस कांड में ये खुलासा यूपी पुलिस की जांच में हुआ है, पुलिस ने आरोपी और पीड़ित परिवार के कॉल रिकॉर्ड को खंगाला तो पाया कि बातचीत का सिलसिला पिछले साल 13 अक्टूबर को शुरू हुआ। ज्यादातर कॉल चंदपा क्षेत्र से ही की गई है, जो पीड़िता के गांव से महज 2 किमी की दूरी पर है।

इसमें से 62 कॉल वो हैं जो पीड़ित परिवार की ओर से की गई तो वहीं 42 कॉल आरोपी संदीप की ओर से की गई थी। यूपी पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि पीड़ित परिवार और आरोपी संदीप के बीच नियमित अंतराल पर बात हुई। आरोपी संदीप को कॉल पीड़िता के भाई की ओर से की गई थी। इस बीच, स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) की जांच भी अंतिम दौर में है।

SIT अपनी रिपोर्ट बुधवार 7 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप सकती है। गृह सचिव भगवान स्वरूप की अगुवाई में डीआईजी चन्द्र प्रकाश और एसपी पूनम ने केस की जांच की है। बता दें SIT ने पिछले हफ्ते जांच शुरू की थी और सात दिनों में रिपोर्ट सौंपने की बात कही थी। एसआईटी की टीम चंदपा के उस गांव भी पहुंची थी, जहां की पीड़िता रहने वाली थी, एसआईटी ने पीड़िता के परिवारवालों का बयान भी लिया।

22 तारीख को पीड़िता ने अपने बयान में संदीप, रामू, लवकुश और रवि पर दुष्कर्म के आरोप लगाए थे। इसके बाद 14 तारीख को लिखी गई एफआईआर में दुष्कर्म की धाराएं बढ़ाई गई थीं। 29 सितंबर को पीड़िता की दिल्ली के अस्पताल में मौत हो गई थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने पीड़िता का शव परिवार की मर्जी के बिना रात में ही जला दिया था। जहां एक ओर पूरा विपक्ष हाथरस में हुई इस घटना को दुष्कर्म और हत्या मानकर सरकार को घेरने का काम कर रहा है, तो वहीं बीते दिनों एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दुष्कर्म न होने की बात कही थी।

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