UP की एथलीट खिलाड़ी के पिता हैं टीबी मरीज, खेत बेचकर मां करा रही है इलाज

सीताराम बताते हैं कि अभी तक तो दवा जैसे-तैसे चल रही थी, लेकिन अगले महीने की दवा भी नसीब नहीं होगी क्योंकि पैसा खत्म हो चुका है....

Update: 2020-10-29 13:18 GMT

पवन जायसवाल की ग्राउंड रिपोर्ट

मिर्जापुर। नक्सल प्रभावित राजगढ़ ब्लाक के सोनपुर गांव निवासी अंतराष्ट्रीय एथलेटिक्स केएम चंदा के पिता सत्यनारायण प्रजापति टीबी रोग से पीड़ित हैं। देश के लिए खेलने वाली बिटिया का परिवार आर्थिक तंगी के चलते उनके पिता कायदे से दवा भी नही करा पा रहा है, जबकि टीबी रोग को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए जिला क्षयरोग विभाग केवल प्रचार-प्रसार पर ही लाखों रुपये बहा चुका है। केएम चंदा खेलो इंडिया यूथ गेम्स व नेशनल जूनियर एथलेटिक्स का रिकार्ड अपने नाम कर इतिहास बना चुकी हैं। अब सात समंदर पार के देशों में भारत का मस्तक ऊंचा करने के लिए दिल्ली में दिन-रात पसीना बहा रहीं हैं।

इधर, चंदा के पिता आर्थिक बदहाली इस कदर सामना कर रहे हैं कि उनके पास दवा खरीदने तक के पैसे नसीब नहीं है। बीमारी के चलते सत्यानारायण अपना 10 बिस्वा जमीन तक रेहन रख चुके हैं। सीताराम बताते हैं कि अभी तक तो दवा जैसे-तैसे चल रही थी, लेकिन अगले महीने की दवा भी नसीब नहीं होगी क्योंकि पैसा खत्म हो चुका है। यह विडंबना नहीं तो और क्या है कि जिस पिता की बेटी विदेशी धरती पर देश के लिए खेलने की तैयारी कर रही हो, उसके बीमार पिता को दवा तक नसीब नहीं हो पा रही है। सरकारी योजनाएं भी पहुंच से बहुत दूर हैं।

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सत्यनारायण तीन बेटियों एवं एक बेटे के पिता हैं। बच्चों की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। बीमारी से जूझते हुए भी उन्होंने केएम चंदा को धाविका बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। माँ बन्नी मजदूरी करती हैं, पास में ही गाँव के यहां बर्तन मांजने भी जाती थी किन्तु आस-पास के लोग इनके बर्तन मांजने को लेकर कानाफूसी करते थे जिसके चलते उन्होंने ये काम भी छोड़ दिया, मजदूरी पर खेत भी लिया था किंतु चंदा के दिल्ली होने व उसके पिता का तबियत खराब रहने के चलते खेत मालिक ने इस साल उन्हें खेत देने से भी मना कर दिया।


चंदा ने रचा इतिहास

खेलो इंडिया यूथ गेम्स (2020) व 35वां नेशनल जूनियर एथलेटिक्स में चंदा ने नया कीर्तिमान गढ़ा। नेशनल जूनियर एथलेटिक्स 2019 में 1500 मीटर दौड़ में (4:17.19) नेशनल रिकार्ड बनाया। अब 2021 में बैंकांग में होने वाले जूनियर वर्ल्ड एथलेटिक्स में देश की ओर से खेलने की प्रबल दावेदार हैं। दिल्ली में ही रहकर चंदा अपनी तैयारी कर रही हैं।

लापरवाही के चलते नहीं मिला आवास

सूबे के ऊर्जा राज्य मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल ने अंतर्राष्ट्रीय एथलीट चंदा के पिता को आवास उपलब्ध कराने के आदेश दिए। पीएम आवास सूची में नाम आने के बाद भी प्रधान की मिलीभगत से सत्यनरायन को आवास भी नहीं मिला जबकि ऊर्जा राज्यमंत्री को आश्वासन दिए एक वर्ष का समय बीत गया है। साथ ही आर्थिक तंगी को देखते हुए सरकारी आंशिक मदद की भी घोषणा हुई थी किन्तु अबतक किसी तरह का कोई लाभ नही मिल पाया है। चंदा की मां मीडिया से बात करते हुए फफक पड़ती हैं। आखिर देश के लिए खेलने वाली बेटी का परिवार झुग्गी झोपड़ी में अपना जीवन बसर करने को मजबूर है, अन्य सुविधा तो दूर प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना से मिलने वाले आवास से भी अबतक वंचित हैं।

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