Kanpur News: कानपुर पुलिस की प्रताड़ना से तंग व्यापारी ने थाने के भीतर जहर खाकर दी जान, तीन निलंबित

एसपी अजीत सिन्हा ने बताया कि प्राथमिक जांच में पता चला कि दरोगा और हेड कांस्टेबल ने कारोबारी की बात ठीक से नहीं सुनी। रिपोर्ट दर्ज करने में भी लापरवाही बरते जाने की बात सामने आई है...

Update: 2022-01-08 05:18 GMT

(पुलिस की प्रताड़ना से तंग व्यापारी ने थाने में खाया जहर)

Kanpur News: यूपी के कानपुर में फिर एक व्यापारी पर पुलिस का कहर बरपा है। यहां के थाना साढ़ में एक बोरा गेहूं चोरी की रिपोर्ट दर्ज नहीं करने पर गल्ला कारोबारी ने थाने के भीतर ही जहरीला पदार्थ खाकर जान दे दी। वह FIR दर्ज न करने और पीटने के बाद लॉकअप (Lockup) में बंद कर देने से आहत था। मौत के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने दो जीपों में आ रही पुलिस कोॆ दौड़ा दिया। रात में ही डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया। एसपी आउटर ने देर रात दो दरोगा और एक सिपाही को निलंबित कर दिया है। घटना की जांच एएसपी ग्रामीण को सौंपी गई है।

जानकारी के मुताबिक गोपालपुर निवासी 50 वर्षीय अरुण गुप्ता (Arun Gupta) का जाहानाबाद रोड पर घर है। सामने पंकज पांडे की मार्केट में उनका गल्ला गोदाम है। 4 जनवरी को अरुण बरामदे में सो रहे थे। आरोप है कि रात में गांव का मिथुन त्रिवेदी गोदाम पहुंचा और गेहूं का बोरा साइकिल पर लादकर भागने लगा। जिसे पंकज के भतीजे व पड़ोसी बबलू ने देखा तो शोर मचाया। शोर सुनकर अरुण जाग गया। इस दौरान मिथुन भाग निकला।

अरुण चोरी की तहरीर लेकर 5 जनवरी को साढ़ थाना पहुंचे। बेटे हर्षित का आरोप है कि थानेदार ने उन्हें भगा दिया। 6 जनवरी फिर थाने गए तो एसओ ने मारापीटा और लॉकअप में बंद कर दिया। जहां से देर रात छोड़ा गया। शुक्रवार सुबह 8 बजे कारोबारी अरुण, प्रधान लल्ला सिंह के यहां पहुंचे। यहां मिले आश्वासन के बाद फिर पहुंचे। थाने में दफ्तर जाने के बजाय वह मेस की ओर चले गए।

बताया जा रहा कि अरूण मेस के पीछे बेहोश मिले जिसपर पुलिस ने उन्हें भीतरगांव सीएचसी फिर उर्मिला अस्पताल ले गई। जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। बताया यह भी जा रहा है कि मौत से पहले ही पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। घटना के बाद एसपी ने एसआई विनोद कुमार, कृष्णकांत तथा हेड मोहर्रिर सुरेश कुमार को निलंबित कर दिया है।

थाने के बाहर पान की गुमटी चलाने वाले राजेश ने बताया कि सुबह 9 बजे उसने अरुण को थाने में घुसते देखा गया था। उसके बाद तककरीबन साढ़े 9 बजे थाने में हड़कंप मच गया। तब पता चला कि थाने के पीछे बनी मेस के पास अरुण नाम के गल्ला व्यापारी ने जहर खा लिया।  

कानपुर आउटर एसपी अजीत सिन्हा ने बताया कि प्राथमिक जांच में पता चला कि दरोगा और हेड कांस्टेबल ने कारोबारी की बात ठीक से नहीं सुनी। रिपोर्ट दर्ज करने में भी लापरवाही बरते जाने की बात सामने आई है। तीनों की जिम्मेदारी तय करते हुए निलंबित कर दिया गया है। दरोगा, सिपाही के अलावा एसओ की भूमिका की जांच एएसपी करेंगे। जो भी सामने आएगा कार्रवाई की जाएगी।

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