पुलिस के सामने ही अपहरणकर्ताओं ने उड़ाई 30 लाख की फिरौती, कानपुर पुलिस नाकाम
महिला ने अपना मकान बेंचकर रुपयों का बंदोबस्त किया, रुपयों से भरा बैग थानेदार के कहने पर पुल से नीचे फेंक दिया, अपहरणकर्ता बैग भी ले गए और अपह्रत को भी नहीं छोड़ा...
मनीष दुबे की रिपोर्ट
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित बर्रा थानाक्षेत्र की रहने वाली एक महिला के आरोपों ने पुलिस महकमे में खलबली मचा दी है। महिला ने एसएसपी से गुहार लगाते हुए आरोप लगाया है कि बर्रा पुलिस ने अपहर्ताओं को 30 लाख की फिरौती दिलवा दी लेकिन अभी तक न तो उसका बेटा वापस आया है और न ही अपहर्ताओं पर कार्रवाई की गई है। उसके इस आरोप के बाद बर्रा पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है, पुलिस के आला अधिकारियों ने सर्विलांस टीम की मदद से जांच कराए जाने की बात कही है।
दरअसल बर्रा निवासी चमन सिंह का बेटा संदीप 22 जून से लापता है। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी का बर्रा निवासी राहुल यादव से रिश्ता तय हुआ था। इस बीच उन्हें जानकारी हुई कि युवक अच्छी प्रवृत्ति का नहीं थी तो उन्होंने रिश्ता तोड़ दिया। आरोप है कि इसके बाद से युवक फोन पर परिवार को धमकी देने लगा था। 22 जून को उनका बेटा संदीप पैथोलॉजी गया था, जिसके बाद वह घर वापस नहीं लौटा। इसपर थाना पुलिस से शिकायत करके राहुल पर बेटे के अपहरण का संदेह जताकर मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद आरोपित फोन पर बेटे को छोड़ने के लिए 30 लाख रुपये की फिरौती की मांग करने लगे।
इस रकम की मांग के बाद थानाध्यक्ष बर्रा रणजीत रॉय ने बच्चे को सही सलामत घर भिजवाने की बात कही जिसके बाद थानेदार ने 30 लाख रुपयों का बंदोबस्त करने को कहा। वायरल वीडियो के मुताबिक महिला ने अपना मकान बेंचकर रुपयों का बंदोबस्त किया। रुपयों से भरा बैग थानेदार के कहने पर पुल से नीचे फेंक दिया। अपहरणकर्ता बैग भी ले गए और अपह्रत को भी नहीं छोड़ा।
इस बाबत जब थानेदार से कहा गया तो वे बोले कि हम क्या करें? और तुम क्या करोगे जादा से ज्यादा ट्रांसफर होगा। मामले में एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता ने जनज्वार को बताया कि बैग खाली था उसमें कपड़े भरे थे। लोग पुलिस को बदनाम करने को झूठा आरोप लगा रहे हैं। बाकी तफ्तीश चल रही है। हम जल्दा ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।
मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 'कानपुर में अपहरण की घटना के बाद बेबस व मजबूर परिजनों द्वारा सूचित करने के बावजूद पुलिस के सामने से फिरौती की रकम ले जानेवालों के ऊपर आख़िर किसका हाथ है कि उन्हें पुलिस का भी डर नहीं है। लगता है उप्र की भाजपा सरकार की नैतिकता का ही अपहरण हो गया है।'
कानपुर में अपहरण की घटना के बाद बेबस व मजबूर परिजनों द्वारा सूचित करने के बावजूद पुलिस के सामने से फिरौती की रकम ले जानेवालों के ऊपर आख़िर किसका हाथ है कि उन्हें पुलिस का भी डर नहीं है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 14, 2020
लगता है उप्र की भाजपा सरकार की नैतिकता का ही अपहरण हो गया है. #नहीं_चाहिए_भाजपा#NoMoreBJP