Lucknow News: गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की बढ़ सकती है मुश्किल, 22 साल पुराने मर्डर केस में सुनवाई आज

Lucknow News: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही। कहा जा रहा कि साल 2000 में लखीमपुर खीरी में हुए एक मर्डर मामले में आज हाइकोर्ट उनकी जमानत रद्द करने की याचिका पर सुनवाई कर रही है।

Update: 2022-09-02 12:19 GMT

Lucknow News: गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की बढ़ सकती है मुश्किल, 22 साल पुराने मर्डर केस में सुनवाई आज

Lucknow News: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही। कहा जा रहा कि साल 2000 में लखीमपुर खीरी में हुए एक मर्डर मामले में आज हाइकोर्ट उनकी जमानत रद्द करने की याचिका पर सुनवाई कर रही है। यह सुनवाई इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच में चल रही। बता दें कि इस मामले में टेनी जमानत पर हैं जिसे रद्द करने के लिए सुनवाई की जा रही। इस याचिका की सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रेणु अग्रवाल की खंडपीठ के समक्ष 2 सितंबर के लिए सूचीबद्ध किया गया था। जिसे पीड़ित पक्ष ने दायर किया है।

क्या है मामला?

लखीमपुर खीरी में 2000 में एक युवक प्रभात गुप्ता की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अन्य अभियुक्तों के साथ-साथ अजय मिश्रा भी नामजद थे। लखीमपुर खीरी की सत्र अदालत ने मिश्रा और अन्य को पर्याप्त साक्ष्यों के अभाव में 2004 में बरी कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ 2004 में राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की थी।

फैसले के खिलाफ दी गई अपील

दरअसल अजय मिश्रा के खिलाफ मामले में आरोप पत्र दायर किया गया था और निचली अदालत ने उन्हें 2004 में आरोपों से बरी कर दिया था। राज्य सरकार ने अजय मिश्रा को बरी किए जाने के खिलाफ 2004 में उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी। इसे सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया गया था और अजय मिश्रा को यह सुनिश्चित करने के लिए जमानती बांड देने को कहा गया था कि वह अपील पर सुनवाई के दौरान उपलब्ध रहेंगे।

क्या है याचिका में?

याचिका में कहा गया है कि अजय मिश्रा की दोषमुक्ति के खिलाफ दाखिल राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई में उनकी ओर से सहयोग नहीं किया जा रहा है, लिहाजा उनके बांड को निरस्त किया जाए और अपील पर सुनवाई पूरी होने तक उन्हें हिरासत में रखा जाए। वहीं इस मामले में अजय मिश्रा टेनी की ओर से दाखिल स्थानांतरण प्रार्थना पत्र को मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल ने खारिज कर दिया है। दरअसल अजय मिश्रा ने अपने खिलाफ दाखिल इस अपील को उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ से प्रधान पीठ इलाहाबाद स्थानान्तरित की जाने की मांग रखी थी।

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