Muzaffarnagar Jail : मुस्लिम कैदियों ने पेश की धार्मिक सौहार्द की मिसाल, 218 कैदियों ने हिंदुओं के साथ रखा नवरात्र का फास्ट

Muzaffarnagar News : जेल कैंटीन में व्रत रखने वाले हिंदू-मुस्लिम कैदियों की आस्था का ख्याल रखते हुए कई तरह के फल, दूध, कुट्टू के आटे से बनी पूरियां, चाय और अन्य सामान उपलब्ध कराया गया है। ताकि आम जीवन में धार्मिक सौहार्द को बढ़ावा मिले।

Update: 2022-10-02 11:39 GMT

Muzaffarnagar Jail : मुस्लिम कैदियों ने पेश की धार्मिक सौहार्द की मिसाल, 200 से ज्यादा विशेष समुदाय के कैदी रख रहे नवरात्रि का फास्ट 

Muzaffarnagar News : पिछले सात दिनों से देशभर में नवरात्रि पर्व धूमधाम से जारी है। मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की वजह से घर से लेकर बाहर तक भक्तिभाव का माहौल चरम पर है। इस बीच उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) के मुजफ्फरनगर जिला जेल ( Muzaffarnagar district jail ) में धार्मिक सौहार्द ( religious harmony ) की मिसाल की खबर है। खबर यह है कि विचाराधीन और सजायाफ्ता 3000 कैदियों में से 1322 से ज्यादा कैदी नवरात्रि का व्रत रख रहे हैं। इनमें 218 मुस्लिम कैदी ( Muslim Prisoner ) भी है, जो नवरात्रि का फास्ट रख धार्मिक सौहार्द का मिसाल पेश कर रहे हैं।

उपवास में शामिल हैं 3000 में से 1322 कैदी


जेल के एक अधिकारी ने कहा कि मुस्लिम कैदियों का यह कार्य हिंदू कैदियों के प्रति उनकी भावनाओं को व्यक्त करने और एक-दूसरे की आस्था को सम्मान देने का एक तरीका है। उन्होंने रमजान के पवित्र महीने के दौरान हिंदू भाई भी सुबह से शाम तक मुस्लिम भाईयों के साथ रोजा रखते हैं। बता दें कि मुजफ्फरनगर जिला जेल के करीब 3,000 कैदी हैं। इनमें से करीब 1104 हिंदू और 218 मुसलमान नवरात्रि उपवास कर रहे हैं।

व्रत रखने वाले कैदियों के लिए है अलग से पवित्र भोजन का इंतजाम

जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने कहा नवरात्रि या रमजान जैसे धार्मिक आयोजनों के दौरान हम विशेष रूप से सतर्क रहते हैं। हम ऐसे चीजों को बढ़ावा देते हैं जो कैदियों के बीच सांप्रदायिक सद्भाव विकसित करने में मदद करे। इस बात को ध्यान में रखते हुए जेल प्रशासन ने नवरात्रि के व्रत रखने वालों के लिए कैंटीन में खास इंतेजाम किए हैं। मुजफ्फरनगर के जेल अधीक्षक ने कहा कि कैंटीन में व्रत रखने वाले कैदियों के लिए कई तरह के फल, दूध, कुट्टू के आटे से बनी पूरियां, चाय और अन्य सामान उपलब्ध कराया गया है।

Navratri Pooja : प्रेम का जवाब प्यार ही हो सकता है, नफरत नहीं

उपवास रखने वाले एक मुस्लिम कैदी ने कहा कि यह संस्कृति और धर्मों की एकता में उनका गहरा विश्वास है, जिसने उन्हें उपवास करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि लोगों को सीखना चाहिए कि जेल में सांप्रदायिक सद्भाव कैसे मनाया जाता है। हम सभी को एक ही सांस्कृतिक परिवेश में एक साथ रहना और सह-अस्तित्व में रहना है। एक अन्य मुस्लिम कैदी ने कहा - हम सांप्रदायिक सद्भाव की एक मिसाल कायम करते हुए गर्व महसूस करते हैं। अगर हिंदू भाई रमजान के दौरान उपवास कर सकते हैं तो हम भी नवरात्रि के दौरान उपवास कर सकते हैं। प्यार का जवाब केवल प्यार है, नफरत नहीं। 

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