आजम खान की 70 हेक्टेयर जमीन को यूपी सरकार के नाम करने का आदेश
राजस्व अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि आजम खान की अध्यक्षता वाले ट्रस्ट को जिन शर्ताें के अधीन शासन ने साढे 12 एकड़ जमीन खरीदने की अनुमति दी थी उसका पालन नहीं किया गया। इसलिए शर्ताें का उल्लंघन मानते हुए ट्रस्ट के नाम दर्ज साढे 12 एकड़ भूमि को छोड़ कर शेष 70.005 हेक्टेयर भूमि राज्य सरकार के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज किया जाए।
जनज्वार। उत्तरप्रदेश के रामपुर से समजावादी पार्टी के सांसद आजम खान के सामने अब एक नई मुसीबत आ गयी है। रामपुर जिला प्रशासन ने मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट से जुड़ी 70 हेक्टेयऱ जमीन के अधिग्रहण का आदेश जारी किया है। इस ट्रस्ट का संचालन आजम खान का परिवार करता है और इस पर उनका स्वामित्व है।
रामपुर एडीएम के राजस्व कोर्ट ने इस मामले में फैसला देते हुए आजम खान की अध्यक्षता वाले ट्रस्ट की भूमि को सरकारी संपत्ति घोषित करने का आदेश दिया है। मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी रामपुर के नाम साढे 12 एकड़ से अधिक भूमि है। इसके अलावा भी इसके पास भूमि है। राजस्व कोर्ट ने आदेश दिया है कि रामपुर के सदर एसडीएम को इस पर कब्जा प्राप्त करने और राजस्व अभिलेखों में राज्य सरकार का नाम दर्ज करने की कार्यवाही करने का आदेश दिया है।
राजस्व अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि आजम खान की अध्यक्षता वाले ट्रस्ट को जिन शर्ताें के अधीन शासन ने साढे 12 एकड़ जमीन खरीदने की अनुमति दी थी उसका पालन नहीं किया गया। इसलिए शर्ताें का उल्लंघन मानते हुए ट्रस्ट के नाम दर्ज साढे 12 एकड़ भूमि को छोड़ कर शेष 70.005 हेक्टेयर भूमि राज्य सरकार के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज किया जाए।
इस संबंध में सरकारी वकील अजय तिवारी ने कहा कि मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के अध्यक्ष आजम खान द्वारा साढे 12 एकड़ जमीन खरीदने की अनुति जिस शासनादेश के आधार पर मांगी गयी थी उस शासनदेश द्वारा दी गयी शर्ताे ंका उसमंे पालन नहीं किया गया। इसको लेकर एक वाद एडीएम जेपी गुप्ता को कोर्ट में एक मामला चल रहा था। उस पर फैसला आया है। जौहर ट्रस्ट की साढे 12 एकड़ भूमि को छोड़ कर 70.005 हेक्टेयर भूमि राज्य सरकार के नाम करने का आदेश एडीएम जेपी गुप्ता ने शनिवार को पारित किया और संबंधित अधिकारी को इस संबंध में कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है।
जौहर ट्रस्ट के नाम पर 2005 से अभी तक 75.0563 हेक्टेयर जमीन खरीदी गयी। सपा सरकार के समय कैबिनेट के फैसले के तहत ट्रस्ट द्वारा खरीदी जाने वाली जमीन में स्टांप शुल्क की छूट दी गयी थी। ट्रस्ट के नाम पर खरीदी गयी 70.005 हेक्टेयर भूमि के लिए स्टांप शुल्क का भुगतान नहीं किया गया। इस संबंध में कैबिनेट के प्रस्ताव में कहा गया था कि ट्रस्ट को लोकहित से जुड़े काम करने होंगे, जिसमें अल्पसंख्यक व गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देना शामिल है।
उत्तरप्रदेश में योगी सरकार के अस्तित्व में आने के बाद आजम खान, उनके परिवार व संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाइयां तेज हुईं। डीएम के आदेश पर रामपुर सदर एसडीएम ने जौहर ट्रस्ट के नाम खरीदी गयी जमीन की जांच की और पाया कि उसमें शासन द्वारा लगायी गयी शर्ताें का उल्लंघन किया गया है। इसके बाद एडीएम कोर्ट में वाद दायर किया। इस मामले की सुनवाई के दौरान आजम खान के ट्रस्ट के वकील ने जमीन खरीद की प्रक्रिया को सही बताया जबकि सरकार के पक्षकार ने एडीएम की जांच में चिह्नित किए गए बिंदुओ को सही बताया। इसके बाद इस मामले में राजस्व कोर्ट का फैसला आया जिसके तहत जमीनों को सरकार के नाम करने का आदेश दिया गया।