Pilibhit News: Pilibhit शहर में सपा ने डॉ. शैलेंद्र गंगवार को मैदान में उतारा, भाजपा की बढ़ी धुकधुकी, बरखेड़ा से फिर हेमराज और पूरनपुर में आरती, बीसलपुर पर विचार मंथन

Pilibhit News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के जनपद पीलीभीत (Pilibhit) में चार विधानसभा सीटों में से तीन पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।

Update: 2022-01-24 17:31 GMT

Pilibhit News: Pilibhit शहर में सपा ने डॉ. शैलेंद्र गंगवार को मैदान में उतारा, बरखेड़ा से फिर हेमराज और पूरनपुर में आरती, बीसलपुर पर विचार मंथन

पीलीभीत निर्मल कांत शुक्ल की रिपोर्ट

Pilibhit News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के जनपद पीलीभीत (Pilibhit) में चार विधानसभा सीटों में से तीन पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। जबकि बीसलपुर विधानसभा क्षेत्र पर पार्टी का निर्णय सुरक्षित है। समाजवादी पार्टी ने पीलीभीत शहर से नामचीन सर्जन डॉ. शैलेंद्र सिंह गंगवार (Dr. Shailendra Singh Gangwar) को मैदान में उतारकर भाजपा में बेचैनी पैदा कर दी है। भाजपा की डॉ. शैलेंद्र को चुनाव मैदान में उतरने से रोकने की साम दाम दंड भेद की कोई भी नीति काम नहीं आ सकी। सपा हाईकमान ने गहन विचार मंथन के बाद डॉ. शैलेंद्र के नाम पर मुहर लगा दी।

दरअसल सपा हाईकमान के पास बीते 24 घंटे से लगातार छन छन कर पीलीभीत से खबरें पहुंच रही थी। सोशल मीडिया पर विरोधी खेमा लगातार डॉ. शैलेंद्र का टिकट कटवाने के लिए यह झूठ प्रचारित करने में लगा हुआ था कि वह भाजपा प्रत्याशी व विधायक संजय गंगवार के नजदीकी है और उनके रिश्तेदार हैं। मीडिया में भी फोटो के साथ इस तरह की पेड खबरें छपवायी गयीं ताकि संदिग्ध मानकर सपा हाईकमान उनके नाम पर विचार ना करें। सपा हाईकमान भी हर सूचना कि अपने स्तर से पड़ताल करने में जुटा था। विरोधियों ने रविवार देर रात यह खबर प्रचारित की कि डॉ. शैलेंद्र ने पार्टी फंड में टिकट के लिए एक करोड़ रुपया दिया है। इस खबर के पीछे भाजपा खेमे का मकसद सिर्फ इतना था कि बदनामी के डर से डॉ. शैलेंद्र के नाम पर सपा हाईकमान विचार ना करें। लेकिन तमाम कुचक्रों के बीच सपा हाईकमान ने डॉ. शैलेंद्र सिंह गंगवार को ही सबसे मजबूत मानकर उन पर ही भरोसा जताया। सपा हाईकमान पर यह भी खबर थी कि भाजपा के सदर सीट के टिकट के बाद उपजे असंतोष से असंतुष्ट खेमा भी डॉ. शैलेंद्र सिंह गंगवार के सीधे संपर्क में है।

समाजवादी पार्टी ने बरखेड़ा (Barkhera) विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मंत्री व क्षेत्र के कद्दावर नेता हेमराज वर्मा (Hemraj Verma) को मैदान में उतारा है जबकि पूरनपुर (Puranpur) (सुरक्षित) विधानसभा सीट से पूर्व विधायक पीतम राम की पुत्रवधू व जिला पंचायत अध्यक्ष आरती (Aarti) को प्रत्याशी बनाया है। जबकि महिला सशक्तिकरण का नारा देने वाली भाजपा ने जनपद में एक भी टिकट महिला प्रत्याशी को नहीं दिया है। न कांग्रेस ने पीलीभीत में किसी महिला को टिकट दिया है। बसपा के तो अभी प्रत्याशी ही घोषित नहीं है।


साले-बहनोई के झगड़े में मुस्लिम दावेदारी पड़ी कमजोर

पीलीभीत सदर विधानसभा सीट से चार बार विधायक रह चुके रूहेलखंड मंडल के सबसे कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री हाजी रियाज अहमद के निधन के बाद उनकी विरासत को संभालने के लिए उनके दामाद मोहम्मद आरिफ और बेटा डॉ. शाने अली टिकट की दावेदारी कर रहे थे। यह भी प्रस्ताव दिया गया था कि दोनों आपसी मतभेद खत्म करें और हाजी रियाज अहमद की पत्नी आमना बेगम को चुनाव लड़ाएं। लेकिन साले और बहनोई किसी भी कीमत पर टिकट की दावेदारी से पीछे हटने को तैयार ही नहीं हुए। ऐसे में जोखिम ना उठाते हुए तब पार्टी हाईकमान को अन्य विकल्प पर विचार करना पड़ा।

सपा ने बीसलपुर सीट नहीं की घोषित

समाजवादी पार्टी ने जनपद की 4 विधानसभा सीटों में 3 पर प्रत्याशी उतार दिए हैं लेकिन बीसलपुर विधानसभा सीट पर अभी प्रत्याशी का फैसला नहीं हो सका है हालांकि दिव्या गंगवार इस सीट पर सपा से टिकट की सबसे मजबूत दावेदार हैं। 2017 में दिव्या गंगवार बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ी थी, उनको 45338 वोट मिले थे और वह तीसरे स्थान पर रही थी। वह पूर्व भाजपा सांसद डॉ. परशुराम गंगवार की बेटी हैं। उस दिन पहले ही बसपा छोड़कर सपा में चली गईं। सूत्र बताते हैं कि सपा हाईकमान बीसलपुर सीट पर चौंकाने वाला भी निर्णय ले सकती है। सपा इस सीट पर बड़ा खेल करने की जुगत में है।

पीलीभीत सदर विधानसभा सीट

पीलीभीत सदर विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। इस बार पीलीभीत विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है। 2017 में पीलीभीत सदर सीट पर कुल 54.20 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 में मोदी लहर में भारतीय जनता पार्टी से संजय सिंह गंगवार ने समाजवादी पार्टी के रियाज अहमद को 43356 वोटों के अंतर से हराया था। हार के बावजूद समाजवादी पार्टी के रियाज अहमद को 93130 मत प्राप्त हुए थे। रियाज अहमद का पिछले वर्ष कोरोना से निधन हो चुका है। वर्ष 2002 से 2017 तक लगातार इस सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा। डॉ. शैलेंद्र सिंह गंगवार वर्ष 2017 का चुनाव बरखेड़ा विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी से लड़े थे, तब भगवा लहर के बावजूद उनको 28674 मत प्राप्त हुए थे।

पहली बार शहर सीट पर लड़ेगा कोई डॉक्टर

समाजवादी पार्टी ने 2022 के चुनाव के लिए सदर सीट पर शहर के नामचीन सर्जन डॉ. शैलेंद्र सिंह गंगवार को चुनाव मैदान में उतार दिया है।डॉ. शैलेंद्र ना फिर अपनी कुर्मी बिरादरी बल्कि ब्राह्मण, वैश्य, लोध किसान, सिख, मुस्लिम मतदाताओं में भी मजबूत पकड़ रखते हैं।

बरखेड़ा विधानसभा सीट

बरखेड़ा विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले की लोध-किसान बाहुल्य सीट है। 2017 में बरखेड़ा में कुल 49.37 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 में भगवा लहर में भारतीय जनता पार्टी से किशन लाल राजपूत ने समाजवादी पार्टी के हेमराज वर्मा को 57930 वोटों के अंतर से हराया था। तब सपा के हेमराज वर्मा को 46,665 मत मिले थे। इस बार बरखेड़ा विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है। वर्ष 2002 और वर्ष 2012 के चुनाव में यह सीट समाजवादी पार्टी के पास रही।

बरखेड़ा में फिर से हेमराज पर जताया भरोसा

समाजवादी पार्टी ने 2022 के चुनाव के लिए बरखेड़ा विधानसभा सीट पर एक बार फिर उत्तर प्रदेश सरकार में खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री रहे व लोध किसान बिरादरी के बड़े नेता हेमराज वर्मा को मैदान में उतारा है। इस सीट पर सपा से टिकट के लिए पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बुद्धसेन वर्मा भी मजबूत दावेदारी कर रहे थे।

पूरनपुर (सुरक्षित) विधानसभा सीट

पूरनपुर (सुरक्षित) विधानसभा सीट राजनीतिक दृष्टि से उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2017 में मोदी लहर में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। इस बार पूरनपुर (सुरक्षित) विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है।

पूरनपुर (सुरक्षित) विधानसभा सीट पर 2017 में कुल 52.06 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से भगवा लहर में बाबू राम पासवान ने समाजवादी पार्टी के पीतम राम को 39242 वोटों के अंतर से हराया था। तब सपा प्रत्याशी पीतम राम को 89,251 वोट मिले थे। इस सीट पर वर्ष 1996 में सपा के गोपाल कृष्ण सक्सेना व वर्ष 2012 में सपा के पीतम राम विधायक रहे थे।

पीतम की राजनीतिक विरासत संभालेगी पुत्रवधू आरती

पिछले वर्ष कोरोना हो जाने के कारण पूर्व विधायक पीतम राम इन दिनों अस्वस्थ चल रहे हैं। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने पूर्व सपा विधायक पीतम राम के अनुरोध पर उनकी पुत्रवधू आरती देवी को पूरनपुर सीट पर मैदान में उतारा है। आरती समाजवादी पार्टी से जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। अब अपने ससुर की विरासत आरती संभालेंगी। इस सीट पर समाजवादी पार्टी से पीतम राम के भांजे पेशे से ठेकेदार राजकुमार उर्फ राजू भी मजबूत दावेदारी कर रहे थे।

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