कानपुर हत्याकांड के बाद ट्रेंड में आया #PresidentRuleInUP, अजय लल्लू को रास्ते में रोका

कानपुर के लैब टैक्नीशियर संजीत यादव की हत्या के बाद उत्तरप्रदेश में कानून व्यवस्था पर एक बार फिर गंभीर सवाल उठ खड़ा हुआ है। लोग सोशल मीडिया पर राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग कर रहे हैं...

Update: 2020-07-24 13:57 GMT

जनज्वार। शुक्रवार की सुबह कानपुर में अपहृत लैब टैक्निशियन संजीत यादव की हत्या की खबर आने के बाद आज एक ओर जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर की एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता को सस्पेंड कर दिया, वहीं ट्विटर पर आज प्रेसिडेंट रूल इन यूपी ट्रेंड करने लगा। प्रेसिडेंट रूल इन यूपी हैसटैग पर ट्वीट कर लोग उत्तरप्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर राष्ट्रपति शासन की मांग करने लगे।

इस हैशटैग पर समाजवादी पार्टी से भी जुड़े बहुत सारे नेताओं व कार्यकर्ताओं ने ट्वीट कर राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की।  

शिवम कुशवाहा नाम के ट्विटर एकाउंट से इस हैशटैग पर लिखा गया उत्तरप्रदेश सरकार को अवश्य निलंबित किया जाए। उत्त्तरप्रदेश के लोग भय में जी रहे हैं। यह मात्र 30 लाख के लिए पुलिस ने किसी को मार दिया। इमरती रानी नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि योगी अबतक उत्तरप्रदेश को सबसे अक्षम मुख्यमंत्री मिले हैं। उनके शासन में अपराध का ग्राफ बढा है। वे कोविड को फैलने व जांच में विफल रहे। लोग बेड के अभाव में एंबुलेंस पर मर रहे हैं। 

हरिओम शर्मा के ट्विटर हैंडल से लिखा गया है उत्तरप्रदेश में जंगल राज है। यह अपराधियों के फलने फूलने की जगह बन गया है। कानून का कोई डर नहीं है। यह तेजी से कानून विहीन राज्य बनता जा रहा है।

हाल में कानुपर में विकास दुबे व उसके साथियों द्वारा आठ पुलिसकर्मियों की हत्या, फिर गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या और अब कानपुर में अपहृत लैब टैक्निशियन संजीत यादव की हत्या के बाद लोगों का आक्रोश कानून व्यवस्था को लेकर बढ गया है। यह हाल तब है जब राज्य सरकार ने कानून व्यवस्था की स्थिति सुधारने के लिए हर जिले के नोडल पदाधिकारी तैनात कर दिए हैं, जिसमें आइजी स्तर के उससे ऊपर के अफसरों को जिम्मेवारी दी गई है।

वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को आज कानपुर जाने से पुलिस ने रोक दिया। उनका एक वीडियो आया है जिसमें वह पुलिस को यह कहते दिख रहे हैं कि वे प्रदेश अध्यक्ष हैं, विधायक हैं और संजीत यादव के परिजनों से मुलाकात करने के लिए जाना चाहते हैं, तो उन्हें क्यों रोका जा रहा है।

लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का उसके दोस्तों ने ही 22 जून को फिरौती के लिए अपहरण कर लिया था और फिर पहचान उजागर होने के डर से उसकी हत्या कर दी। 

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