Railway Luggage Rule: Modi Government ने आपदा में तलाशा अवसर, रेल यात्रियों से लगेज सैनिटाइज के नाम पर हर रोज लाखों की कमाई

Railway Luggage Rule: मोदी सरकार (Modi Government) के रेलवे विभाग ( Railway Department) ने आपदा में भी अवसर तलाश लिए। ओमिक्रोन (Omicron) की दहशत के बीच रेलवे ने सामान सैनिटाइज करने के नाम पर प्रतिदिन लाखों की कमाई शुरू कर दी है।

Update: 2022-01-02 16:39 GMT

Railway Luggage Rule: मोदी सरकार (Modi Government) के रेलवे विभाग ( Railway Department) ने आपदा में भी अवसर तलाश लिए। ओमिक्रोन (Omicron) की दहशत के बीच रेलवे ने सामान सैनिटाइज करने के नाम पर प्रतिदिन लाखों की कमाई शुरू कर दी है। बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ के रेलवे जंक्शन की। आइए समझते हैं पूरा मामला।

कोविड-19 के बीच रेल मंत्रालय पहले से ही यात्रियों से अतिरिक्त किराया वसूल रहा है। इस बीच मोदी सरकार के रेलवे डिपार्टमेंट ने आपदा में कमाई करने का एक और अवसर तलाश लिया। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जंक्शन, जिसे आज भी छोटी लाइन का जंक्शन कहा जाता है, उसके गेट पर घुसते ही ठेकेदार के कर्मचारी यात्रियों को आदेश देते हैं कि अपने सभी बैग लेकर इधर लाइन में लग जाओ। यात्रियों को बचकर निकलने का ठेकेदार के कर्मचारी कोई मौका नहीं देते हैं।

कहने को तो प्रवेश द्वार पर बने केबिन के चारों तरफ स्वैच्छिक सेवा के बड़े-बड़े पोस्टर लगा रखे लेकिन प्रत्येक यात्री को बिना सामान सैनिटाइज कराएं जाने का कोई रास्ता ठेकेदार के कर्मचारी नहीं छोड़ते हैं। जोर जबरदस्ती के साथ आपको अपना बैग सैनिटाइज कराने वाले केबिन के अंदर देना ही पड़ेगा। अगर आप निकलने की कोशिश करेंगे तो ठेकेदार के कर्मचारी छीना झपटी करने लगेंगे।

एक बैग 10 रुपये में होता सैनिटाइज

बैग छोटा हो या बड़ा। यात्रियों को एक बैग सैनिटाइज करने की कीमत 10 रुपये चुकानी ही पड़ेगी। अगर आपके पास पांच बैग हैं तो 50 रुपये देने ही पड़ेंगे। इसकी कोई रसीद भी आपको नहीं मिलेगी। अगर एक दिन में 10,000 यात्रियों ने भी राजधानी के लखनऊ जंक्शन से रवानगी ली। तो बैठे-ठाले सामान सैनिटाइज करने के नाम पर एक लाख की वसूली हो गई। स्वैच्छिक सेवा के पोस्टर महज दिखावे के लिए लगे हैं, पूरा खेल जोर जबरदस्ती से चल रहा है।

मुख्य वाणिज्य अधीक्षक ने दे रखे आईकार्ड

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के छोटी लाइन वाले जंक्शन पर सामान (लगेज) सैनिटाइज करने वाले केबिन के पास यात्रियों की घेराबंदी करने वाले ठेकेदार के कर्मचारियों के गले में लटके हुए आई कार्ड पर मुख्य वाणिज्य अधीक्षक की मुहर लगी हुई है। कर्मचारी बताते हैं कि वह तो ठेकेदार के लिए काम कर रहे हैं।, मीडिया के सवालों से बचते हुए कर्मचारियों का कहना है कि उनको तो ठेकेदार के जैसे निर्देश हैं, उसके अनुसार वे लोग कार्य करते हैं। रेलवे डिपार्टमेंट ने बैग स्वैच्छिक सेवा के रूप में सैनिटाइज करने के लिए ठेका दिया है।

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