बुलंदशहर में ठाकुर ब्रांड जूता बेचने पर बजरंग दल के कार्यकर्ता ने दुकानदार व कंपनी पर कराया FIR, मुसलिम विक्रेता रिहा

बजरंग दल का कार्यकर्ता जब जूता खरीदने दुकान गया तो उसने वहां ठाकुर लिखा जूता दिखा जिसका दुकानदार से विरोध किया और फिर झड़प के बाद पुलिस में मामला दर्ज कराने पहुंच गया...

Update: 2021-01-07 04:28 GMT

जूता दुकानदार नासिर व ठाकुर लिखा जूता।

जनज्वार। उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर में एक दुकानदार द्वारा ठाकुर ब्रांड का जूता बेचने पर उसके व जूता निर्माता कंपनी के खिलाफ मामला पुलिस तक पहुंच गया। इस मामले में बजरंग दल के एक कार्यकर्ता विशाल चौहान ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी और इस पर रोक लगाने की मांग के साथ कहा कि जो लोग ऐसे जूत बनाते व बेचते हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

बुलंदशहर के गुलावठी कस्बे में विशाल चौहान नामक युवक सोमवार की शाम एक दुकान पर जूता खरीदने पहुंचा था। तभी उसने नासिर नामक दुकानदार के पास जो जूते दिखे उसमें सोल के नीचे ठाकुर लिखा हुआ था। विशाल के अनुसार, जूते के नीचे जाति लिखना आपत्तिजनक है। उसने इसको लेकर जूता बेचने वाले से बातचीत की।

इस दौरान जूता विक्रेता नासिर से विशाल की बहस शुरू हो गयी। दुकानदार नासिर ने विशाल से सवाल किया कि क्या तुम मेरी दुकान बंद कराओगे? वहीं, एक अन्य शख्स यह कहता है कि उसे ये जूते यहां से हटा देना चाहिए जिस पर नासिर का जवाब है कि क्या इसे मैंने बनाया है? क्या इन जूतों पर ठाकुर लिखा देख कर मैं बेचने के लिए लाया था।

इसके बाद विशाल ने नासिर के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करायी और यह आरोप लगाया कि उसने उसके साथ बदतमीजी की और विरोध करने पर मारपीट की गयी।

इसके बाद गुलावठी थाना में जूता बेचने वाले और बनाने वाली कंपनी के खिलाफ जातिसूचक शब्द इस्तेमाल करने समेत अन्य धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू की गयी।

इस मामले में नासिर के खिलाफ आइपीसी की धारा 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच घृणा, दुश्मनी या घृणा की भावनाओं को बढावा देना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचोन की सजा) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझ कर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया गया।

हालांकि नसीर ने पुलिस से कहा कि यह शब्द जूता बनाने वाली कंपनी ने लिखा है और उनका इससे कोई संबंध नहीं है। हालांकि जांच के बाद दुकानदार के खिलाफ अशांति को बढावा देने का सबूत नहीं मिलने पर पुलिस ने दुकानदार को छोड़ दिया। इस संबंध में बुलंदशहर के सिटी एसपी ने बयान दिया है कि दुकानदार को पूछताछ के लिए थाना लाया गया था और उसके बाद छोड़ दिया गया।


वहीं, द वायर ने जूता निर्माता कंपनी ठाकुर फुटवियर कंपनी के मालिक नरेंद्र त्रिलोकनी के हवाले से लिखा है कि इसको लेकर उनकी पुलिस से कोई बातचीत नहीं हुई है।

ठाकुर ब्रांड जूता बनाने वाले कंपनी नरेंद्र त्रिलोकनी के दादा ठाकुरदास त्रिलोकनी ने शुरू की थी। यह करीब 60 साल पुरानी कंपनी है और आरंभ से ही वह ठाकुर लिखा जूता बेच रही है। उत्तरप्रदेश के आगरा में उसका कारखाना है और पूरे देश में उसके उत्पाद बिकते हैं। प्रमुख आॅनलाइन प्लेटफार्म पर भी उसके जूते बिकते हैं। त्रिलोकनी ने द वायर से कहा कि उनके करीब 10 हजार जूत हर महीने बिकते हैं और उससे अच्छी कमाई होती है।

उन्होंने कहा कि कंपनी रजिस्टर्ड है और नाम पर काॅपीराइट है, लेकिन अगर पुलिस इस मामले में कुछ करती है तो उनके वकील इस मामले को देखेंगे। उन्होंने कहा कि ठाकुर नाम हमारे दादा जी से जुड़ा है और राजनीतिक वजहों से हम उसे नहीं बदलेंगे।

मालूम हो कि इन दिनों उत्तरप्रदेश में पुलिस वाहनों पर जाति लिख कर चलने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। 

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