UP Board Paper Leak: बलिया के पत्रकार दिग्विजय सिंह का नया खुलासा, नकल माफियाओं की हकीकत सुनकर रह जाएंगे दंग
UP Board Paper Leak: UP बोर्ड की अंग्रेजी परीक्षा के पेपर लीक कांड में अपराधियों की बजाय पत्रकारों की गिरफ्तारी शुरू हो गई है। यूपी पुलिस ने बलिया से अमर उजाला के पत्रकार दिग्विजय सिंह और अजीत कुमार ओझा को गिरफ्तार कर लिया है।
UP Board Paper Leak: UP बोर्ड की अंग्रेजी परीक्षा के पेपर लीक कांड में अपराधियों की बजाय पत्रकारों की गिरफ्तारी शुरू हो गई है। यूपी पुलिस ने बलिया से अमर उजाला के पत्रकार दिग्विजय सिंह और अजीत कुमार ओझा को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक इस मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक बृजेश कुमार मिश्र को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था और अब दो पत्रकारों समेत कुल 22 आरोपियों पर कार्रवाई की गयी है। दो दर्जन लोगों से हिरासत में पूछताछ की भी खबरें हैं।
गुरुवार देर शाम सभी को सीजेएम कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। मामले में पत्रकारों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। बलिया कोतवाली में पत्रकारों ने इस कार्रवाई के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी किया और इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताया।
जेल जाने से पहले पत्रकार दिग्विजय सिंह ने बताया कि किस तरह उन्हें सूत्रों से खबर मिली कि संस्कृत विद्यालय का पेपर आउट हो चुका है और उन्होंने पेपर की कॉपी अपने अखबार में प्रकाशित की। इसके बाद अंग्रेजी विषय का पर्चा मिला और इसे भी अमर उजाला ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। खबर छपने के बाद प्रशासन अब शिक्षा माफियाओं को पकड़ने की बजाए उनसे ही पूछ रही है कि पेपर कहाँ से आउट हुए।
पत्रकार दिग्विजय सिंह ने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताया है। उन्होंने कहा, 'जो डीएम कहते थे कि हम बुलडोजर चलाएंगे, सबको नंगा करेंगे, आज वे खुद नंगे हो गए हैं। आज भी नकल नहीं रुका है। बलिया में धड़ल्ले से नकल हो रहा है। दो नंबर की कॉपियां यहां जमा हो रही हैं। प्रशासन को भ्रम है कि हम चुप हो जाएंगे।'
यूपी: पेपर लीक मामले में 'अमर उजाला' अखबार के पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है. सुनिए पत्रकार का क्या कहना है.मामले में अखबार की खामोशी को भी गौर किया जाए.pic.twitter.com/Z6EFHpkQWZ— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) March 31, 2022
क्या है पूरा मामला?
"अमर उजाला" के 30 मार्च के बलिया संस्करण में अंग्रेजी का वह पेपर छापा गया था जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। पुलिस हिरासत में लिए गए पत्रकार अजित कुमार ओझा के मुताबिक— "बलिया के डीएम इंद्र विक्रम सिंह और डीआईओएस ब्रजेश कुमार मिश्र ने 30 मार्च की सुबह उनसे संपर्क किया। दोनों अफसरों ने प्रकाशित खबर के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी और लीक पेपर व्हाट्सएप पर पेपर भेजने के लिए आग्रह किया। हमने दोनों अफसरों को लीक पेपर सुबह ही भेज दिया था।
अचानक दोपहर में परीक्षा निरस्त होते ही पुलिस अमर उजाला के दफ्तर में पहुंची और हमें उठाकर कोतवाली ले आई। " मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस हिरासत में पत्रकार अजित कुमार ओझा से वायरल पेपर के सिलसिले में करीब तीन घंटे तक पूछताछ की गई। आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने अजित के साथ हाथापाई और धक्का-मुक्की की, जिसके बाद उनकी मेडिकल जांच कराई कराई गई।
विपक्ष हुआ हमलावर
अखिलेश यादव ने तंज करते हुए कहा है, "उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की दूसरी पारी में भी पेपर लीक करवाने का व्यवसाय बदस्तूर जारी है। युवा कह रहे हैं कि रोज़गार देने में नाकाम भाजपा सरकार जान-बूझकर किसी परीक्षा को पूर्ण नहीं होने देना चाहती है। भाजपा सरकार अपने इन पेपर माफ़ियाओं पर दिखाने के लिए सही मगर कागज का ही बुलडोजर चलवा दें।"
उप्र भाजपा सरकार की दूसरी पारी में भी पेपर लीक करवाने का व्यवसाय बदस्तूर जारी है। युवा कह रहे हैं कि रोज़गार देने में नाकाम भाजपा सरकार जानबूझकर किसी परीक्षा को पूर्ण नहीं होने देना चाहती है।भाजपा सरकार अपने इन पेपर माफ़ियाओं पर दिखाने के लिए सही, काग़ज़ का ही बुलडोज़र चलवा दे। pic.twitter.com/IMR4wC9KQ5— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 30, 2022