UP MLC Chunav 2022: सत्ता के मजबूत किले में सपा के डॉ कफील कैसे लगा पाएंगे सेंध? जानें क्या है समीकरण?

UP MLC Chunav 2022: देवरिया-कुशीनगर स्थानीय निकाय विधान परिषद के हो रहे चुनाव में सपा व भाजपा का आमने समाने का मुकाबला है।

Update: 2022-03-27 15:51 GMT

MLC चुनाव में भी हार गया लोकतंत्र, देवरिया में BJP से मिली हार के बाद बोले डॉ. कफील खान

जितेंद्र उपाध्याय की रिपोर्ट

UP MLC Chunav 2022: देवरिया-कुशीनगर स्थानीय निकाय विधान परिषद के हो रहे चुनाव में सपा व भाजपा का आमने समाने का मुकाबला है। इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए पेशे से चिकित्सक व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कफील को सपा नेतृत्व ने उम्मीदवार बनाया है। सत्ता के मजबूत किले को भेदने की सपा की कोशिश कितना कामयाब होगी ये तो आनेवाले नतीजे बताएंगे। इसके पहले भाजपा उम्मीदवार डा.रतनपाल सिंह की जीत सुनिश्चित करने के लिए संगठन के कार्यकर्ता एड़ी चोटी एक कर दिए हैं।

पंचायतों व नगरीय निकायों के मतों के बल पर ही देवरिया-कुशीनगर स्थानीय निकाय विधान परिषद का चुनाव होना है। खास बात यह है कि इस सीट पर सपा के रामअवध यादव पिछले चुनाव में विजयी रहे थे। जिनका मुकाबला बसपा से हुआ था। रामअवध यादव को प्रथम वरियता का 2800 मत मिला था। जबकि बसपा के अजीत शाही 1421 मत मिले थे। भाजपा के सुनील सिंह को 315 मत मिला था। इस बार राजनीतिक समीकरण बदला हुआ है। बसपा चुनाव मैदान से बाहर है। जबकि सपा के साथ इस बार भाजपा का सीधा मुकाबला है।

भाजपा का दावा है कि दोनों जिलों के जिला पंचायत से लेकर क्षेत्र पंचायत की प्रमुखों की कुर्सी पर सर्वाधिक उनके प्रतिनिधियों का ही कब्जा है। जबकि सपा नेतृत्व अपने जीत की गणित अपने सर्वाधिक ग्राम प्रधानों व जिला पंचायत सदस्यों के समर्थक होने का दावा के आधार पर कर रही है। चुनाव में 5513 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इसमें देवरिया जिले के 2786 मतदाता व कुशीनगर के 2727 मतदाता वोट डालेंगे। इसमें देवरिया के 1579 पुरूष व 1207 महिला मतदाता हैं। वहीं कुशीनगर जिले के 1541 पुरूष तथा 1186 महिला मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगी। इसके लिए कुछ 32 बूथ बनाए जाएंगे। इसमें देवरिया कुल 17 बूथ होंगे, जिसमें सोलह ब्लाक कार्यालय व जिला पंचायत कार्यालय में एक-एक बूथ होगा। वहीं कुशीनगर में 15 बूथ बनेंगे, जिसमें 14 ब्लाक कार्यालय तथा एक जिला पंचायत कार्यालय में बनेगा। इसमें सांसद, विधायक, एमएलसी, ग्राम प्रधान, बीडीसी सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, नगर पालिका व नगर पंचायत के अध्यक्ष, सभासद आदि भाग लेंगे। कुल मतदान का प्रथम वरियता का मत अगर आधे से एक अधिक जिसे भी हासिल होगा उसे निर्वाचित घोषित कर दिया जाएगा। ऐसी स्थिति न होने पर द्वितीय वरियता के मतों की गणना की जाएगी।

सपा के उम्मीदवार सत्ता के अन्याय के प्रतिकार के रूप में लड़ रहे चुनाव

समाजवादी पार्टी के देवरिया जिले के उपाध्यक्ष हृदय नारायण जायसवाल कहते हैं कि हमारे उम्मीदवार डॉ.कफील ने सत्ता का दमन झेला है। सत्ता के अन्याय के प्रतिकार के रूप में वे चुनाव लड़ रहे हैं। न्याय की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए निकाय प्रतिनिधि उनके पक्ष में मतदान करेंगे। मेडिकल कॉलेज में 2017 में हुई त्रासदी और अन्य कई मुद्दों को लेकर चर्चा में रहे डॉ. कफील खान के चुनाव लड़ने से राजनीतिक बहस तेज हो गई है। डॉ खान कहते हैं कि जब मैं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने गया था तो. उन्हें 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई त्रासदी पर लिखी किताब भेंट की। डॉ. कफील खान ने कहा कि उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूं? मैं चाहता हूं कि एक अस्पताल बनाया जाए ताकि गरीब और असहाय लोगों को इलाज मिल सके। इसके अलावा मैंने उन्हें सामाजिक सरोकार से जुड़ी अपनी भविष्य की योजना के बारे में बताया जिसके बाद अखिलेश यादव ने कहा कि अगर आप राजनीतिक रूप से मजबूत बनते हैं और लोगों के बीच जाते हैं तो आप बेहतर तरीके से लोगों की सेवा कर सकते हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि वह चाहते हैं कि मैं एमएलसी चुनाव लडूं, जिस पर मैं तैयार हो गया। कफील खान ने कहा कि , यह मेरे राजनीतिक सफर की शुरुआत है और मुझे उम्मीद है कि मैं लोगों की बेहतर सेवा कर सकूंगा। उन्होंने कहा कि मैं अपने चिकित्सा पेशे में हमेशा ईमानदार रहा हूं और हमेशा लोगों की सेवा की है और आगे भी करता रहूंगा। हमारी कोशिश होगी की शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में कुछ बेहतर करूं। इस कार्य में जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिलूंगा।

गोरखपुर ऑक्सीजन कांड के बाद चर्चा में आने वाले डॉ. कफील खान ने गोरखपुर अस्पताल त्रासदी के विषय पर लिखी किताब में त्रासदी के बाद उनके जीवन में आए भूचाल को बयां किया। किताब में कहा गया है कि 10 अगस्त 2017 की शाम को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सरकारी बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के नेहरू अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन खत्म हो गई! कथित तौर पर, अगले कुछ दिनों में, अस्सी से अधिक मरीजों जिनमें 63 बच्चे और 18 वयस्कों ने अपनी जान गंवा दी। कॉलेज के बाल रोग विभाग में सबसे जूनियर प्रवक्ता डॉ कफील खान ने ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की और अन्य कर्मचारियों के साथ आपातकालीन स्थिति मे उपचार करने मे लगे रहे ताकि अधिक से अधिक बच्चों को बचाया जा सके।

जब त्रासदी की खबर सुर्खियों में आई तब खान को संकट की घड़ी में डटे रहने, आपातकालीन स्थिति को नियंत्रित करने और और बच्चों को बचाने में लगातार प्रयास को देखते हुए उन्हें हीरो नायक कहा गया। लेकिन कुछ ही दिनों बाद, उन्हें निलंबित कर दिया गया, और उनके साथ 9 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और चिकित्सीय लापरवाही जैसे अन्य गंभीर आरोपों के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई। आनन फानन उन्हें जेल भेज दिया गया। जनवरी 2020 में, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित रूप से भड़काऊ भाषण के लिए खान को फिर से गिरफ्तार किया गया और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत आरोपित किया गया। बाद में उन्होंने सात महीने जेल में बिताए। 1 सितंबर 2020 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सभी आरोपों को से बरी कर दिया।

डॉ. खान ने कहा, ''जब गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन कांड हुआ था तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मैं हीरो बनने की कोशिश कर रहा हूं क्योंकि मैं संकट के वक्त बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर लाने में कामयाब रहा था। अगर मैं विधान परिषद सदस्य का चुनाव जीता और मेरी योगी जी से मुलाकात हुई तो मैं कहूंगा कि मैं अभिनेता बनने के बजाय नेता बन गया हूं।

छात्र जीवन से ही राजनीति में हैं भाजपा के डॉ. रतनपाल

भाजपा उम्मीदवार डा. रतनपाल सिंह का सपा उम्मीदवार के सामने राजनीतिक कद बड़ा है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के 1995 में ये छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। इसके बाद से भाजपा में लंबे समय से सक्रिय हैं। इनकी उम्मीदवारी पर मोहर भाजपा नेतृत्व ने विधान सभा चुनाव के दौरान ही लगा दी थी। उस दौरान ये विधान सभा क्षेत्र रूद्रपुर से दावेदारी कर रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इनके परिवार की करीबी व सांसद कमलेश पासवान व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह से मजबूत रिश्ते इनके उम्मीदवारी तय करने में प्रमुख भूमिका मानी जा रही है। जिला पंचायत देवरिया के अध्यक्ष गिरिश तिवारी कहते हैं कि भाजपा की जीत तय है। पंचायतों के चुनाव के दौरान हमारी पार्टी ने शानदार जीत करके अपनी एमएलसी की दावेदारी जता दी थी। विधान सभा चुनाव में मिले जनादेश के बाद अब इस चुनाव में भी हमें भारी अंतर जीत मिलेगी।

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