West Singhbhum News: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम में आदिवासी मनरेगा महिला मजदूर को जनदबाव के बाद 9 महीने बाद मिली मजदूरी

West Singhbhum News: आज भुखमरी में भारत की स्थिति पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स के अनुसार भारत में भूख की स्थिति गंभीर है और अधिकांश देशों से काफी ख़राब है।

Update: 2022-12-01 18:19 GMT

West Singhbhum News: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम में आदिवासी मनरेगा महिला मजदूर को जनदबाव के बाद 9 महीने बाद मिली मजदूरी

विशद कुमार की रिपोर्ट 

West Singhbhum News: आज भुखमरी में भारत की स्थिति पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स के अनुसार भारत में भूख की स्थिति गंभीर है और अधिकांश देशों से काफी ख़राब है। अगर झारखंड की बात करें तो राज्य के पश्चिमी सिंहभूम में स्थिति और भी गंभीर है। 2019-21 में हुए राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण –5 के अनुसार ज़िला में पांच वर्ष से कम उम्र के लगभग 60% बच्चे कुपोषित हैं (उम्र अनुसार वज़न और लम्बाई कम है)। 2015-16 के सर्वेक्षण की तुलना में ज़िले में न के बराबर सुधार हुआ है। ज़िले की एक-तिहाई महिलाओं का बॉडी मास इंडेक्स सामान्य से कम है।

वहीं दशकों के संघर्ष के बाद बने खाद्य व सामाजिक सुरक्षा अधिकारों को केंद्र सरकार विस्तार करने की बजाय सीमित करने में लगी हुई है। वहीं राज्य सरकार ने जन दबाव में कई सकारात्मक निर्णय तो लिये हैं, लेकिन जन अपेक्षा अनुरूप कार्यवाई नहीं हो सकी है। साथ ही, स्थानीय प्रशासन का खाद्य व सामाजिक सुरक्षा अधिकारों के प्रति उदासीन रवैया किसी से छुपा नहीं है। शिकायतों पर समय सीमा में कार्यवाई नहीं की जाती है।


वहीं दूसरी तरफ मनरेगा के मजदूरों की स्थिति और भी खराब है। एक तो काम नहीं मिलता और मिलता भी है तो समय पर भुगतान नहीं होता है। समय पर भुगतान नहीं होने के कारण को जॉब कार्ड संख्या से आधार और बैंक खाता का लिंक नहीं होना बताया जाता है, जिसकी वजह से मजदूरों को भूखा रहने को मजबूर होना पड़ता है।

बता दें कि पश्चिम सिंहभूम के प्रखंड सोनुआ, पंचायत पोड़ाहाट, ग्राम पोड़ाहाट (गुटुसाई) की महिला आदिवासी मनरेगा मजदूर शुरू दिग्गी जिन्होंने मनरेगा के तहत दिसम्बर 2021 से लेकर मार्च 2022 तक कुल 40 दिन कार्य किया। परन्तु उनका जॉब कार्ड संख्या 1825 से आधार और बैंक खाता लिंक नहीं होने के चलते उनको भुगतान नहीं मिल पा रहा था।

बता दें कि आदिवासी मनरेगा महिला मजदूर शुरू दिग्गी जिनका जॉबकार्ड संख्या : 1825, योजना संख्या : 3408014015/WC, 7080901308684, 3408014015/WC, 7080901277668 और मस्टररोल संख्या : 14870, 15240, 13980, 15954, 15762, 15852, 14232 था, जिन्होंने मनरेगा के तहत 7 मास्टर रोल में कुल 40 दिन कार्य की थी। परंतु 8 से 9 महीने वित्त जाने के बाद भी उनको उनका मेहनत का भुगतान नहीं मिला था।


शुरू दिग्गी भुगतान को लेकर कई बार प्रखंड और पंचायत का चकर लगाती रही, और उनको संबंधित विभाग से हमेशा झूठा आश्वासन मिलता रहा। वह भूखा रहने मजबूर रही, इसी बीच खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच से जुड़े लोगों को इसकी जानकरी हुई। मंच से जुड़े संदीप प्रधान ने बताया है कि इसकी जानकारी जब मंच के साथियों को हुई तो उनके द्वारा गांव में बैठक करते हुए एक लिखित आवेदन तैयार किया गया और 8 अप्रैल 2022 को प्रखंड कार्यालय सोनुआ में जमा किया गया। जिसमें हमने आग्रह किया था कि इन आदिवासी मनरेगा महिला मजदूर को बिलम्ब हुए मजदूरी का शीघ्र भुगतान किया जाए। इस आवेदन को लेकर हम व मजदूर साथी बीच-बीच में प्रखंड कार्यालय जा जा कर पूछते रहे, लेकिन कोई फायदा नहीं मिला, जिसको को देखते हुए अंततः मजदूर और मंच के साथियों ने मिलकर सोशल मिडिया के twitter के जरिए मुख्यमंत्री को टैग करते हुए मामले को रखा एवं फिर से दिनांक 28 नवम्बर 2022 को एक आवेदन पुनः प्रखंड विकास पदाधिकारी को दिया गया।

जिसके बाद 29 नवम्बर को गांव पोड़ाहाट (गुटुसाई) प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी और प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी दोनों गांव जा कर शिकायत की जानकारी ली। 30 नवम्बर को फिर से प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी और प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी के साथ ज़िला मनरेगा लोकपाल तीनों पदाधिकारी गांव पहुँचकर मामले की पुनः जानकारी ली। तब उन्होंने मजदूर शुरू दिग्गी के द्वारा की गयी शिकायत को सही पाया। जिसको देखते हुए 30 नवम्बर की शाम 5 बजे मजदूर शुरू दिग्गी को उनकी मजदूरी का भुगतान उनके हाथ में चेक के माध्यम से दिया। दिग्गी को हुए मजदूरी भुगतान पर गांव में जहां खुशी लहर है वहीं ग्रामीणों ने इन युवाओं का आभार व्यक्त किया है।

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