जानिए उत्तर प्रदेश की इन 8 विधानसभा सीटों पर क्यों हो रहा है उपचुनाव

जिन आठ सीटों पर उपचुनाव होना है. उनमें दो सीटें समाजवादी पार्टी के पास थीं, जबकि बाकी छह सीटें बीजेपी के पास. दो सीटें प्रदेश सरकार के मंत्रियों के निधन से खाली हुई हैं.

Update: 2020-09-29 04:29 GMT

जनज्वार। उत्तर प्रदेश में आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है. उपचुनाव की तारीख का ऐलान 29 नवंबर को चुनाव आयोग करेगा, लेकिन यूपी के तमाम बड़े सियासी दल उपचुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं. सभी सियासी दलों के नेता उपचुनाव वाले क्षेत्रों का लगातार दौरा कर रहे हैं. उपचुनाव साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से खास माने जा रहे हैं.

जिन आठ सीटों पर उपचुनाव होना है. उनमें दो सीटें समाजवादी पार्टी के पास थीं, जबकि बाकी छह सीटें बीजेपी के पास. दो सीटें प्रदेश सरकार के मंत्रियों के निधन से खाली हुई हैं.

फिरोजाबाद की टूंडला सीट भारतीय जनता पार्टी के डॉ. एसपी सिंह बघेल के सांसद निर्वाचित होने के बाद इस्तीफा देने से खाली हुई है. न्यायालय में विवाद लंबित होने के कारण यहां अब तक उप-चुनाव नहीं हुआ था. रामपुर की स्वार सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम जीते थे. अब्दुल्ला आजम की सदस्यता जन्मतिथि विवाद में निरस्त हुई.

उन्नाव की बांगरमऊ से भारतीय जनता पार्टी के कुलदीप सिंह सेंगर जीते थे. उनकी सदस्यता बलात्कार के एक मामले में उम्र कैद की सजा मिलने के कारण रद्द हुई थी. इसके अलावा जौनपुर के मल्हनी क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के पारसनाथ यादव जीते थे, लेकिन लंबी बीमारी में निधन होने के कारण यह सीट रिक्त हुई.

देवरिया सदर से भारतीय जनता पार्टी के जन्मेजय सिंह और बुलंदशहर से भारतीय जनता पार्टी के वीरेंद्र सिरोही के निधन के चलते दोनों सीटें रिक्त हुई हैं. कानपुर की घाटमपुर सीट भारतीय जनता पार्टी की कमल रानी वरुण और अमरोहा की नौगावां सादात भारतीय जनता पार्टी के चेतन चौहान की कोरोना वायरस के संक्रमण से निधन होने से रिक्त हुई है. कमला रानी और चेतनचौहान दोनों योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थे. वायरस के संक्रमण से निधन होने से रिक्त हुई है. कमला रानी और चेतनचौहान दोनों योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थे.

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