Ankita Bhandari Murder:जानिए उत्तराखंड को दहला देने वाले अंकिता हत्याकांड का अब तक का अपडेट, फोरेंसिक रिपोर्ट से हुआ बड़ा खुलासा

Ankita Bhandari Murder: उत्तराखंड को दहला देने वाला अंकिता हत्याकांड इन दिनों फिर सुर्खियों में आ गया है। फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद मौत से पहले अंकिता के साथ दुराचार होने की संभावना से इंकार करने के बाद अब लोगों की नजरें मामले की जांच कर रही एसआईटी की चार्जशीट पर अटक गई हैं।

Update: 2022-10-17 17:24 GMT

Ankita Bhandari Murder:जानिए उत्तराखंड को दहला देने वाले अंकिता हत्याकांड का अब तक का अपडेट, फोरेंसिक रिपोर्ट से हुआ बड़ा खुलासा

Ankita Bhandari Murder: उत्तराखंड को दहला देने वाला अंकिता हत्याकांड इन दिनों फिर सुर्खियों में आ गया है। फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद मौत से पहले अंकिता के साथ दुराचार होने की संभावना से इंकार करने के बाद अब लोगों की नजरें मामले की जांच कर रही एसआईटी की चार्जशीट पर अटक गई हैं। चार्जशीट में दाखिल किए गए सबूतों, बयानों, तथ्यों और इलेक्ट्रोनिक सबूतों की बिना पर अंकिता को मिलने वाले इंसाफ की बुनियाद रखी जानी है।

18 सितंबर को गायब हुई थी अंकिता

ऋषिकेश के पास भाजपा नेता विनोद आर्य के पुत्र पुल्कित आर्य के रिजॉर्ट में कार्यरत अंकिता भंडारी 18 सितंबर को रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गई थी। अंकिता के गायब होने का पता भी तब चला जब अंकिता के एक फेसबुक फ्रेंड ने उसके मोबाइल पर संपर्क न होने पर इसकी जानकारी अंकिता के पिता को दी।

अंकिता के पिता को टरकाता रहा पटवारी

बेटी के लापता होने की बात सुनकर जब अंकिता के पिता उसकी तलाश में रिजॉर्ट पहुंचे तो पता चला अंकिता रिजॉर्ट से गायब है। पुलिस ने घटनास्थल राजस्व क्षेत्र बताते हुए अंकिता के पिता को पटवारी के पास भेजा तो पटवारी ने गुमशुदगी के 24 घंटे पूरे न होने तक रिपोर्ट दर्ज न करने की बात कर उन्हें टरका दिया।

पुल्कित की तहरीर पर गुमशुदगी दर्ज की पटवारी ने

क्षेत्रीय पटवारी ने अपनी बेटी की खोज में भटक रहे अंकिता के पिता की जगह रिजॉर्ट मालिक पुल्कित आर्य की तहरीर पर गुमशुदगी दर्ज कर जांच से बचने के लिए खुद छुट्टी ले ली। लेकिन मामला स्थानीय मीडिया तक पहुंचने पर यह मामला तूल पकड़ने लगा। जिसके बाद मामला 22 सितंबर को रेगुलर पुलिस को शिफ्ट किया गया। पुलिस ने पुल्कित आर्य और उसके साथियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला की इन्होंने अंकिता को चीला नहर में धक्का दे दिया है।

कौन था पुलकित आर्य?

पूरे मामले में पुल्कित नाम का को रिजॉर्ट स्वामी था, वह भाजपा नेता विनोद आर्य का बेटा था। विनोद राज्य मंत्री रहे हैं। बीजेपी ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं और यूपी के सह-प्रभारी थे। जबकि विनोद आर्य के बड़े बेटा अंकित आर्य दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री था, जो घटना के दिन तक राज्य पिछड़ा आयोग में उपाध्यक्ष था।

पुलिस हिरासत में आरोपियों की हुई थी पिटाई

अंकिता की गुमशुदगी को लेकर लोगों में इतना गुस्सा था कि गुस्साए ग्रामीणों ने पुल्कित आर्य व उसके साथियों को कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाने के दौरान, रास्ते में पुलिस की गाड़ी को रोककर इनके के साथ मारपीट की थी। ग्रामीणों ने इन लोगों को इतना पीटा था कि उनके कपड़े तक फाड़ दिए थे। पुलिस बमुश्किल इन्हें किसी तरह बचाकर कोर्ट में पेश कर पाई थी।

रात में गरजा बुलडोजर तो जिम्मेदार हटे पीछे

गुस्साए लोगों ने पुल्कित के रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलाने की मांग की तो आधी रात को एक बुलडोजर पुल्कित के रिजॉर्ट को ध्वस्त करने रिजॉर्ट पर पहुंच गया। जहां अंकिता के कमरे और कुछ दीवारों को तोड़ने के बाद बुलडोजर लापता हो गया। आधी रात को ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुलडोजर कार्यवाही को अपनी वाहवाही के तौर पर प्रस्तुत करते हुए एक ट्वीट भी किया था। लेकिन जैसे ही यह शोर उठा कि बुलडोजर अंकिता के कमरे के सबूत नष्ट करने भेजा गया था तो सारे अधिकारी बुलडोजर की कार्यवाही से अपना पल्ला झाड़ने लगे।

स्थानीय विधायक की तोड़ दी थी कार

अंकिता भंडारी को मौत को लेकर लोगों के गुस्से का आलम यह था कि स्थानीय विधायक रेणु बिष्ट की कार पर पथराव कर लोगों ने उनकी गाड़ी तक फोड़ दी थी। खुद विधायक को बमुश्किल जान बचाकर मौके से भागना पड़ा था।

सारा दिन पोस्टमार्टम हाउस पर रहा हाई वोल्टेज ड्रामा

आरोपियों की निशानदेही पर गुमशुदगी के पांच दिन बाद बरामद हुए शव का पोस्टमार्टम एम्स में किया गया। पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव का अंतिम संस्कार न करने पर अड़े रहे। शाम को मुख्यमंत्री के दखल पर अंतिम संस्कार तब हुआ जब अंकिता की मां भी अपनी बेटी के दर्शनों से वंचित रह गई थी।

मामला एसआईटी को सुपुर्द किया गया

अंकिता हत्याकांड की गूंज अब प्रदेश की सीमाओं से बाहर निकलकर देश भर में गूंजने लगी थी। यहां तक कि इस मामले में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट करने शुरू कर दिए थे। मामले की नाजुकता को देखते हुए सरकार ने इसे विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दिया था।

अंकिता को देह व्यापार में झोंकना चाहता था पुल्कित

अंकिता भंडारी को रिजॉर्ट मालिक पुल्कित आर्य जबरन देह व्यापार के काले धंधे में झोंकने पर आमादा था। श्रीकोट गांव की अंकिता भंडारी रिजॉर्ट में रिशेप्सन पर काम करने आई थी। लेकिन पुल्कित आर्य और उसकी गैंग में शामिल प्रबंधक सौरभ भास्कर, सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता की नियत शुरू से ही खराब थी। सौरभ व अंकित नाम के यह युवा रिजॉर्ट में नाम के ही प्रबंधक थे। इनका मुख्य काम सारा दिन रिसोर्ट में गलत कामों को प्रेरित करना और रिसोर्ट स्टाफ पर दबंगई करना ही था। अपनी इसी रणनीति के तहत इस गिरोह ने अपना यह जाल अंकिता पर भी फेंकना शुरू कर दिया। अंकिता के किसी भी हालत में देह व्यापार के धंधे को न कबूलने पर 18 सितंबर की शाम को पुल्कित सौरभ व अंकित की मदद से अंकिता का अपहरण करके ले गए। जहां इन लोगों ने अंकिता को चीला नहर में धक्का देकर मौत के घाट उतार दिया था।

पहले भी विवादों में रहा था पुल्कित

अंकिता की निर्मम हत्या के आरोप में गिरफ्तार हुआ पुल्कित आर्य पुराना बिगड़ैल था। बाप की सत्ता के नशे में चूर यह पुल्कित कोरोना काल में जब पूरे देश के लोग अपने घरों में बंद थे, अपने पिता की कार से तफरीह के लिए जोशीमठ के उर्गम गांव तक पहुंच गया था। 24 मई को कोरोना काल के दौरान तमाम नियम कानूनों को अपने जूते से रौंदकर जोशीमठ के उर्गम गांव पहुंचे राज्यमंत्री विनोद आर्य का बेटे पुलकित आर्य के खिलाफ तब भी कोई बड़ी कार्यवाही सत्ता के दबाव में नहीं हो पाई थी। मंत्री के इस पुत्र की यहां पर तफरीहबाजी की रिपोर्ट भी हुई थी। तब लोगों ने इसके खिलाफ कार्यवाही करने के लिए आवाज भी उठाई थी। लेकिन तब भी इसको बिना कोई गम्भीर कार्यवाही के जाने दिया गया था।

पिता-पुत्र को निष्कासित कर पल्ला झाड़ा था भाजपा ने

इस जघन्य हत्याकांड की उंगलियां हत्यारे के पिता विनोद आर्य की वजह से पार्टी की ओर उठने के बाद मुख्यमंत्री धामी की ओर से आरोपी पुल्कित आर्य के भाई अंकित आर्य को ओबीसी आयोग पद से बर्खास्त कर दिया था। जबकि भारतीय जनता पार्टी से अंकिता हत्याकांड में पुलकित आर्य की गिरफ़्तारी के बाद आरोपी के पिता विनोद आर्य और उसके भाई डॉ. अंकित आर्य को पार्टी से निष्काषित कर दिया गया था। लेकिन दिखावे की इस कार्यवाही के बाद भी संघ परिवार से जुड़े कई लोग अंकिता भंडारी हत्याकांड में पीड़ित परिवार पर ही टिप्पणियां करते रहे। जिसकी वजह से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े एक बड़े नेता के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही यह नेता फरार चल रहा हैं।

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