Dehradun News: हैलंग घटना की जांच शुरू, गढ़वाल कमिश्नर के दूत पहुंचे मंदोदरी की ड्योढ़ी
Dehradun News: राज्य सरकार के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही हैलंग घटना की तपिश कम करने के लिए मंगलवार को जिला प्रशासन पुलिस उत्पीड़न का शिकार बनी मंदोदरी देवी के घर पहुंच गया।
Dehradun News: राज्य सरकार के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही हैलंग घटना की तपिश कम करने के लिए मंगलवार को जिला प्रशासन पुलिस उत्पीड़न का शिकार बनी मंदोदरी देवी के घर पहुंच गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा हैलंग घटना की गढ़वाल कमिश्नर से जांच कराए जाने की घोषणा के बाद गढ़वाल कमिश्नर के निर्देश पर चमोली जिले के एडीएम अभिषेक त्रिपाठी जोशीमठ एसडीएम कुमकुम जोशी और जोशीमठ क्षेत्र के पटवारी विजय ढूंगरियाल के साथ हैलंग गांव में मंदोदरी देवी से घटना की बाबत तथ्यों को जानने पहुंचे।
मंडलायुक्त के निर्देश पर पहुंची प्रशासनिक टीम ने मंदोदरी देवी को आश्वस्त किया कि कम्पनी द्वारा अब कोई मलवा उनके चारागाह में नहीं डाला जाएगा। अपना मोबाइल नम्बर मंदोदरी देवी को देते हुए उन्होंने कहा कि यदि कम्पनी के आदमी ऐसा करते हैं तो उसकी सूचना तत्काल उन्हें दी जाए, भले ही रात का समय क्यों न हो। प्रशासन ने कम्पनी द्वारा अभी मलवा डालने न डालने के बारे में भी पता किया तो मंदोदरी देवी ने बताया कि उनकी मशीन वहां खड़ी है। दिन में मलवा नहीं डाला जा रहा है लेकिन रात को क्या करती है, इसकी कोई जानकारी नहीं है। 15 जुलाई के घटनाक्रम की बाबत मंदोदरी देवी ने उन्हें उस दिन के वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि सब कुछ तो उस वीडियो में साफ दिख रहा है। दिलचस्प बात यह रही कि जिस मंदोदरी देवी को प्रशासन लगातार दोषी ठहरा रहा था अब बदले सुर में उसी मंदोदरी देवी को ही पर्यावरण बचाने वाला बताते हुए कह रहा था कि हम लोग तो पर्यावरण दिवस साल में एक ही दिन मनाते हैं लेकिन आप लोग तो जंगल की साल भर रक्षा करके हर दिन पर्यावरण सुरक्षा करते हैं।
जोशीमठ निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अतुल सती ने इसे प्रशासन का नया चेहरा बताते हुए कहा कि अभी तक अपनी अकड़ में प्रशासन जनता की ताकत के सामने जमीन पर आया हुआ है। प्रशासन की ओर से कल तक जिन्हें कब्जा करने वाले कहा जा रहा था, उन्हें ही आज आज पर्यावरण की रक्षक बताया जा रहा है तो इसके पीछे मंदोदरी देवी का हौसला और अडिग खड़े रहने की शक्ति ही है। जिसने उस जिला प्रशासन को कम्पनी के मलवा डालने की पहरेदारी करने पर मजबूर कर दिया है जिस प्रशासन ने मकिंग डालने की और ढंगार में खेल मैदान बनाने की अनुमति ही खुद दी थी। लेकिन हैलंग जनसभा के बीच से निकले हमारी मांग के पांच बिंदुओं पर कार्यवाही न होने से कम अब कुछ मंजूर नहीं होगा।
इस मामले में गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार का कहना है कि सरकार की तरफ से अभी जांच का आदेश नहीं मिला है। लेकिन घटना की गंभीरता को देखते हुयेआधिकारियो को मौके पर जाकर वस्तुस्थिति पता करने के मौखिक निर्देश दिए गए हैं। कांवड़ यात्रा समाप्त होने पर वह खुद मौके पर जाकर सभी तथ्यों की पड़ताल कर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।