Dehradun News: हेलंग कूच के लिए निकला देहरादून से कारवां, रूद्रप्रयाग में पर्चे बांटकर मांगा जनसमर्थन
Dehradun News, Dehradun Samachar। हैलंग एकजुटता मंच के तत्वाधान में अंग्रेजो भारत छोड़ो दिवस के मौके पर किए गए "हैलंग कूच" के लिए देहरादून से आंदोलनकारियों का कारवां उत्तराखण्ड महिला मंच की अध्यक्ष एवं उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन की अग्रणी नेत्री कमला पंत की अगुवाई में सोमवार की दोपहर रूद्रप्रयाग पहुंच गया।
Dehradun News, Dehradun Samachar। हैलंग एकजुटता मंच के तत्वाधान में अंग्रेजो भारत छोड़ो दिवस के मौके पर किए गए "हैलंग कूच" के लिए देहरादून से आंदोलनकारियों का कारवां उत्तराखण्ड महिला मंच की अध्यक्ष एवं उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन की अग्रणी नेत्री कमला पंत की अगुवाई में सोमवार की दोपहर रूद्रप्रयाग पहुंच गया। रुद्रप्रयाग बाजार में पर्चा वितरण व नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से दल ने हैलंग घटना पर जनसमर्थन मांगते हुए उम्मीद जताई कि महिला अस्मिता और संसाधनों पर लोगों के अधिकारों की ठहरी हुई लड़ाई हेलंग से दुबारा शुरू होगी। रुद्रप्रयाग में आंदोलनकारी कारवां की अगवानी जन अधिकार मंच के कार्यकर्ताओं ने जोश-खरोश के साथ करते हुए विश्वास दिलाया कि इस जनांदोलन को भरपूर समर्थन और सहयोग दिया जाएगा। मंच के संस्थापक अध्यक्ष मोहित डिमरी, केपी ढोंढियाल, रमेश पहाड़ी, जोत सिंह बिष्ट, बीबी ममगाईं, भगत सिंह चौहान आदि ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों पर पहला हक स्थानीय निवासियों का होना चाहिए और सभी जन संगठनों को इसके लिए सरकार पर दबाव बनाना चाहिए।
महिला मंच नेत्री कमला पंत ने चमोली जिले के हेलंग में स्थानीय घसियारी महिलाओं से प्रशासन की ज्यादती के लिए उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री से माफी मांगने की मांग करते हुए कहा कि यह कोई सामान्य घटना नहीं है। इससे सरकारी तंत्र के साथ माफियाराज के गंठजोड़ का एक कलंकित चेहरा सामने आया है और यह उत्तराखण्ड राज्य की लड़ाई में शामिल उस हर इंसान के लिए एक चुनौती है, जिसने अपना जीवन एक बेहतर उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण के लिए समर्पित किया है। यह राज्य आंदोलन के शहीदों का भी अपमान है और इसे अब आगे सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हेलंग से महिला अस्मिता और संसाधनों पर् स्थानीय लोगों के हक की लड़ाई आरम्भ ही गई है और इसे मुकाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी प्रत्येक उत्तराखण्डी को उठानी होगी।
आगे की यात्रा पर रवाना होने से पहले रुद्रप्रयाग में पत्रकारों से बातचीत करते हुए हैलंग कूच टीम ने कहा कि पहाड़ों के गांव रोजगार और जीविका के साधनों में कमी के कारण लगातार खाली होते जा रहे हैं और उनके संसाधनों पर माफ़ियाओं का कब्जा हो रहा है। शहीदों ने इसके लिए अपने प्राणों की बाज़ी नहीं लगाई थी। इसे गम्भीरता से समझना होगा और उत्तराखण्डी जनता को जी जान से इसके खिलाफ लड़ना होगा। हैलंग एकजुटता मंच को अपना समर्थन देने जाते पर्यावरणविद और सामाजिक हितचेता डॉ. रवि चोपड़ा ने कहा कि आजादी की लड़ाई जिस ग्राम स्वराज्य के लिए लड़ी गई थी, वह जमीन पर कहीं दिखाई नहीं देती है। सत्ता में प्रत्येक व्यक्ति की भागदारी के लिए ग्रामसभा को लोकसभा से बड़ी भूमिका में लाने के बाद ही यह स्थिति आ सकती है। वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोचन भट्ट ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में स्वीकार किया कि टुकड़े-टुकड़े आंदोलनों से संविधान की यह कल्पना साकार नहीं हो सकती। इसलिए हेलंग की जमीन से राज्य आंदोलन की तर्ज पर यह आंदोलन उठ खड़ा हुआ है और इसके अच्छे परिणामों की आशा करनी चाहिए।
हैलंग कूच दल में स्वराज्य अभियान के पूरन बर्त्वाल, महिला मंच की हेमलता नेगी, विजय नैथानी, पद्मा गुप्ता, शांता नेगी, शांति सेमवाल, करुणा राणा, कमलेश्वरी बडोला, रजनी नेगी, कमला नेगी, दीपा देवी, पद्मा रावत, गढ़वाल सभा की उपाध्यक्ष निर्मला बिष्ट, एनएस पंवार, सतीश धौलाखण्डी सहित कई लोग शामिल थे।
दूसरी ओर नैनीताल समाचार के संपादक राजीवलोचन शाह व उमा भट्ट अपने साथियों के साथ सोमवार शाम से पहले ही हैलंग में घसियारी मंदोदरी देवी के घर पहुंच चुके हैं। टीम राजीव द्वारा इस दौरान मंदोदरी देवी व उनकी देवरानी लीला देवी से 15 जुलाई की उस घटना की बाबत जानकारी हासिल कर मामले की तह तक जाने की कोशिश की।