देहरादून : स्ट्राइक की खबर पब्लिश होते ही सख्ती, उत्तराखंड सरकार ने 6 महीने तक हड़ताल पर लगाई रोक

राज्य सरकार ने सफाईकर्मियों की ही तरह विद्युतकर्मियों की हड़ताल को गम्भीरता से लेते हुए हड़ताल पर रुख सख्त कर लिया। इतना ही नहीं सरकार ने प्रदेश में आगामी छः महीने के लिए विद्युत विभाग में किसी भी हड़ताल पर सख्ती से प्रतिबंध लगा दिया...

Update: 2021-07-28 04:27 GMT

(उत्तराखंड सरकार ने हड़ताल खत्म कराते हुए अगले 6 महीने तक रोक लगा दी है)

जनज्वार, देहरादून। चुनावी साल में विभिन्न विभागों के राज्य कर्मचारियों की हड़ताल से जूझती राज्य सरकार ने जनज्वार द्वारा हड़ताली मुददों को प्रमुखता से उठाए जाने के चंद घण्टे बाद ही कठोर निर्णय लेते हुए बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया। सरकार इससे पहले सफाईकर्मियों की हड़ताल पर भी सख्ती दिखा चुकी है।

गौरतलब है कि चुनावी साल में उत्तराखण्ड में विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की एकाएक उठी हड़ताली आवाज़ को आधार बनाते हुए जनज्वार समेत कई अन्य मीडिया संस्थानों इस खबर को विशेष तौर पर कवर किया था। खबर में प्रदेश के सफाईकर्मियों, पुलिसकर्मियों के परिजनों के साथ ही बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल पर विस्तार से चर्चा की गई थी।

खबर के पब्लिश होने के कुछ ही घन्टे के भीतर राज्य सरकार ने सफाईकर्मियों की ही तरह विद्युतकर्मियों की हड़ताल को गम्भीरता से लेते हुए हड़ताल पर रुख सख्त कर लिया। इतना ही नहीं सरकार ने प्रदेश में आगामी छः महीने के लिए विद्युत विभाग में किसी भी हड़ताल पर सख्ती से प्रतिबंध लगा दिया।

सोमवार 26 जुलाई की आधी रात से शुरू हुई बिजलीकर्मियों की इस हड़ताल से मंगलवार 27 जुलाई की सुबह से ही पूरे प्रदेश में त्राहि-त्राहि मच गई थी। कर्मचारियों ने घरों-दफ्तरों सहित उद्योगों की विद्युत आपूर्ति भंग कर डाली थी, जिससे न केवल कामकाज प्रभावित हुआ बल्कि जनजीवन भी अस्त-व्यस्त हो गया था।

उत्तराखण्ड : चुनावी साल में एक के बाद एक हो रहे कर्मचारियों के आंदोलन से सांसत में पड़ती धामी सरकार

हालांकि सरकार की ओर से विद्युतकर्मियों से बातचीत कर मामले का समाधान निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन विद्युतकर्मियों द्वारा अपनी मांगों पर अड़े रहने के कारण सरकार ने सख्त फैसला करने की ठान ली। इससे पहले सरकार ऐसे ही सख्त कदम सफाईकर्मियों की हड़ताल की बाबत उठा चुकी है।

जबकि पुलिसकर्मियों की मांगों को सरकार मंत्रियों की उपसमिति के हवाले कर मामले के समाधान की तरफ बढ़ रही है। सरकार को यह भी आशंका थी कि यदि विद्युत विभाग के कर्मचारियों की मांगों के साथ नरमी बरती गई तो चुनावी साल होने के कारण बाकी अन्य सभी विभागों में हड़ताल की बाढ़ आ जायेगी।

लिहाजा सरकार ने देरी न करते हुए हड़ताली पृवर्त्ति पर अंकुश जाने के लिए ऊर्जा सचिव सौजन्या के ओर से आदेश जारी करवाते हुए विद्युत विभाग के तीनों निगमों में आगामी छः महीने के लिए हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया।

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