Uttarakhand Election: उत्तराखंड चुनाव को सांप्रदायिक रंग देने की भाजपाई कोशिश नाकाम, हरीश रावत की फोटो से छेड़छाड़, जानें फिर क्या हुआ
Uttarakhand Election 2022: विकास के मुद्दे पर दिवालियेपन का शिकार बनी भारतीय जनता पार्टी की हिन्दू बहुल्य उत्तराखण्ड प्रदेश में भी चुनावी मैच हिन्दू-मुस्लिम की अपनी पसंदीदा मैच पर खेलने की कोशिशों को चुनाव आयोग ने झटका दे दिया है।
Uttarakhand Election 2022: विकास के मुद्दे पर दिवालियेपन का शिकार बनी भारतीय जनता पार्टी की हिन्दू बहुल्य उत्तराखण्ड प्रदेश में भी चुनावी मैच हिन्दू-मुस्लिम की अपनी पसंदीदा मैच पर खेलने की कोशिशों को चुनाव आयोग ने झटका दे दिया है। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस पार्टी के मुख्य चेहरे हरीश रावत की फोटो से छेड़छाड़ कर उन्हें मौलवी के रूप में चित्रित की कुटिल भाजपाई करतूत को बेहद आपत्तिजनक मानते हुए चुनाव आयोग ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को नोटिस इश्यू कर दिया है। भाजपा से इस नोटिस का जवाब 24 घण्टे में मांगा गया है।
उत्तराखंड में 14 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए चुनावी शोर जारी है। इसी शोर में राजनीतिक पार्टियों के बीच भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। सत्ता में बैठी भारतीय जनता पार्टी के पास इस चुनाव में जनहित के मुद्दे का अभाव है तो कांग्रेस आक्रामक रूप से उसे यहीं घेरने की कोशिश कर रही है। प्रदेश में मुस्लिम आबादी नगण्य व किसी भी सीट पर प्रभुत्वशाली न होने के कारण भाजपा यहां चुनावी रंगत को अपने प्रिय हिन्दू-मुस्लिम विषय पर पूरी तरह नहीं ला पा रही है। अलबत्ता वह कांग्रेस को घेरने की कोशिश यहीं कर रही थी।
लेकिन चुनावी रंगत मनमाफिक करने की भाजपा को इस कोशिश में पहला चटख रंग मिला हरिद्वार से। जहां कांग्रेस से असंतुष्ट एक स्थानीय मुस्लिम नेता ने पार्टी प्रत्याशी का समर्थन करने के लिए अपना मांग पत्र कांग्रेस को दिया। इस मांग पत्र में सहसपुर विधानसभा में एक मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाये जाने की भी मांग की गई थी। जिसके बारे में कांग्रेस नेताओं की ओर से सामान्य चुनावी आश्वासन दे दिया था।
इसी मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मुद्दे को भाजपा ने उत्तराखण्ड को देवभूमि बताते हुए इस रूप में प्रचारित करना शुरू कर दिया जैसे "यूनिवर्सिटी" का वायदा यूनिवर्सिटी का न होकर मुसलमानों के किसी ऐसे धार्मिक स्थल के बारे में हो जिससे आम हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं हर हाल में आहत हो रही हों। शरारतपूर्ण एजेंडे को भाजपाईयों ने आगे बढ़ाते हुए हरीश रावत सरकार के कार्यकाल के जुमे के दिन छुट्टी के आदेश से जोड़कर हरीश रावत को मुसलमानों का तुष्टिकरण करने वाला नेता बताना शुरू कर दिया। कार्यकर्ताओं में उत्साह ज्यादा दिखाई दिया तो हरीश रावत की एक फोटो को मौलवी रूप में चित्रित कर उसे पार्टी के सोशल मीडिया पेज पर वायरल कर हरीश रावत की छवि खराब करने की कोशिशें शुरू हो गई।
कांग्रेस ने भी मामले में पलटवार करते हुए भाजपा कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत का एक ऐसा वीडियो ढूंढ निकाला जिसमें वह हरा कुर्ता पहने एक मस्जिद से बाहर निकल रहे हैं। कुल पांच सेकेंड के इस वीडियो को कांग्रेस ने वायरल कराते हुए भाजपा की कथनी-करनी को एक्सपोज करते हुए जवाब मांगना शुरू कर दिया।
अभी तक भाजपा कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप लगाती थी। लेकिन इस बार कांग्रेस ने भाजपा को ही अब मुस्लिम तुष्टीकरण पर घेर लिया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चुनाव में अपनी हार को देखते ही बीजेपी नेता मस्जिद पहुंचने लगे हैं। लेकिन मुसलमानों को पता है कि बीजेपी और वोट के लिए कुछ भी कर सकती है।
कांग्रेस के प्रभारी मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि ने बीजेपी से मुस्लिम तुष्टीकरण पर स्पष्टीकरण मांगते हुए पूछा कि जनता को बताना चाहिए कि चुनाव के समय बीजेपी मस्जिद दर मस्जिद क्यों भटक रही है। कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने भी पार्टी के मीडिया व्हाट्सएप्प ग्रुप में मंत्री धन सिंह रावत का मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ वाली यह वीडियो व मस्जिद के बाहर की फोटो शेयर की थी।
कांग्रेस के इस हमले का कोई जवाब आ पाता, इससे पहले ही कांग्रेस पार्टी की ओर से चुनाव आयोग को भी एक शिकायत दे दी गई। जिसमें कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत को मुस्लिम मौलवी के रूप में चित्रित करके उन्हें सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है। सोशल मीडिया पर इस तरह की छोड़छाड़ वाली फोटो को शेयर किया जा रहा है। जो कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।
इसी शिकायत पर अब निर्वाचन आयोग की तरफ से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को नोटिस जारी किया गया है। कांग्रेस की यह शिकायत राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से नई दिल्ली स्थित भारत निर्वाचन आयोग को भेजी थी। जिस पर आयोग के प्रमुख सचिव राहुल शर्मा की ओर से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में आयोग ने इसे पहली नजर में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया है। आयोग ने इसे भड़काऊ बयान बाजी के चलते लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचने और इससे कानून व्यवस्था का संकट खड़ा होने के चलते चुनाव प्रक्रिया पर असर डालने की शर्त का उल्लंघन माना है। इस पर आयोग ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को इस पर 24 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा है। जवाब न दिए जाने पर आयोग ने आगे कार्रवाई करने की भी बात कही है।