Haldwani News:अब लालकुआं की नगीना कॉलोनी पर तनी रेलवे की भृकुटी, 15 दिन के नोटिस किए चस्पा

Haldwani News: लालकुआं की बंगाली कालोनी स्थित नगीना कालोनी में रेलवे ने एक फिर से कब्जेधारियों के खिलाफ सख्त रूख अपनाते हुए जमीन पर काबिज 84 से अधिक लोगों के घरों को चिन्हित कर नोटिस चस्पा किया है।

Update: 2022-06-30 12:13 GMT

Haldwani News:अब लालकुआं की नगीना कॉलोनी पर तनी रेलवे की भृकुटी, 15 दिन के नोटिस किए चस्पा

Haldwani News: लालकुआं की बंगाली कालोनी स्थित नगीना कालोनी में रेलवे ने एक फिर से कब्जेधारियों के खिलाफ सख्त रूख अपनाते हुए जमीन पर काबिज 84 से अधिक लोगों के घरों को चिन्हित कर नोटिस चस्पा किया है। चस्पा नोटिस में 15 दिन के भीतर जमीन खाली करने के हिदायत देते हुए रेलवे प्रशासन ने तय समय सीमा के बाद कब्जे जबरन हटाए जाने की चेतावनी दी है। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने रेलवे प्रशासन द्वारा नोटिस चस्पा करने कि कारवाई पर कड़ा विरोध किया, लेकिन उनकी एक न चली। रेलवे की इस कारवाई से नगीना कालोनी में रहने वाले निवासियों में हडकंप मच गया है।


पाठकों को बताते चलें कि लालकुआं की इस बस्ती को अतिक्रमण मानते हुए बंगाली कॉलोनी में कई सालों पूर्व रेलवे विभाग की टीम ने कार्यवाही कर कुछ भूमि पर अतिक्रमण खाली कराया था। उसके बाद से स्थिति जस की तस थी। कई सालों की चुप्पी के बाद अब एक बार फिर आज रेलवे प्रशासन को इस अतिक्रमण की याद आ गई। जिसके बाद रेलवे प्रश्न ने नगीना कालोनी के 84 से अधिक परिवारों को चिन्हित कर घरों पर नोटिस चस्पा कर जमीन 15 दिन के अंदर खाली करने के आदेश दिये है। नोटिस चस्पा किए जाने के दौरान तहसीलदार सचिन कुमार, नायाब तहसीलदार राजीव वर्मा, रेलवे सुरक्षा बल के प्रभारी निरीक्षक तरूण वर्मा, जीआरपी चौकी इंचार्ज आनंद गिरी, उपनिरीक्षक नीरज जोशी सहित कई रेलवे कर्मचारी एवं पुलिसकर्मी मौजूद रहे।


रेलवे की इस कार्यवाही से प्रभावित होने वाले स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई दशकों से वह इस जमीन पर रह रहे है। सरकार की ओर से उन्हें बिजली, पानी, शिक्षा, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। कॉलोनी में ही उनके वोट भी बने हैं। लंबे समय से वह अपने मताधिकार का प्रयोग भी करते आ रहे हैं। लेकिन रेलवे जबरन अड़ियल रूख अपनाते हुए इस जमीन को अपना बताकर उनको बेघर करने का प्रयास कर रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि रेलवे के पास जमीन के कोई भी मालिकाना हक के कागजात नहीं हैं। यदि इसके बाद भी उन्हें यहां से जबरन हटाने का प्रयास किया गया तो इसके खिलाफ उग्र आंदोलन किया जायेगा।

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