Nomi Rawat News: एवरेस्ट जीतकर भी जिंदगी की जंग हारने वाली सविता का शव बरामद, उभरती नौमी रावत का रुला देने वाला वीडियो हो रहा है वायरल
Nomi Rawat News: उत्तरकाशी के बर्फीले तूफान की चपेट में आए प्रशिक्षु पर्वतारोहियों के दल के सात और शव शुक्रवार को बरामद किये गए। इस हादसे के तीन लोग अभी भी लापता हैं। बरामद शवों में इसी साल एवरेस्ट की चोटी फतह करने वाली सविता कंसवाल और उत्तरकाशी निवासी उभरती हुई पर्वतारोही नोमी रावत के शव शामिल हैं।
Nomi Rawat News: उत्तरकाशी के बर्फीले तूफान की चपेट में आए प्रशिक्षु पर्वतारोहियों के दल के सात और शव शुक्रवार को बरामद किये गए। इस हादसे के तीन लोग अभी भी लापता हैं। बरामद शवों में इसी साल एवरेस्ट की चोटी फतह करने वाली सविता कंसवाल और उत्तरकाशी निवासी उभरती हुई पर्वतारोही नोमी रावत के शव शामिल हैं। नोमी रावत का शव बरामद होने के बाद ही उसके आखिरी वीडियो सहित उसकी जीवंतता को दर्शाते कई और रुला देने वाले वीडियो वायरल होने शुरू हो गए हैं।
उत्तरकाशी में द्रौपदी का डांडा की चोटी पर एवलांच की चपेट में आए सात और प्रशिक्षु पर्वतारोहियों के शव आज शुक्रवार दोपहर तक खोज बचाव दल ने बरामद कर लिए हैं। अब तक कुल 26 शव बरामद हुए हैं। अभी तीन पर्वतारोही लापता चल रहे हैं। वायु सेना के चीता हेलीकाप्टरों के जरिये चार शवों को हर्षिल पहुंचाया गया। जहां से एंबुलेंस के जरिये जिला अस्पताल उत्तरकाशी लाया गया। इन चार शवों में एवरेस्टर सविता कंसवाल, नोमी रावत, अजय बिष्ट और शिवम कैंथला के शव शामिल हैं। जिला अस्पताल में शवों का पोस्टमार्टम कर सभी शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं। एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। मौसम प्रतिकूल होने के कारण अन्य शवों को उत्तरकाशी नहीं पहुंचाया जा सका। द्रौपदी का डांडा (डीकेडी) चोटी पर एवलांच की चपेट में आकर जान गंवाने वाले इन सात और प्रशिक्षु पर्वतारोहियों के शव सहित खोज एवं बचाव अभियान में लगी टीम ने कुल 26 शव बरामद किए हैं। तीन अब भी लापता हैं। उनकी खोज चल रही है।
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) का 42 सदस्यीय दल 23 सितबंर को द्रौपदी का डांडा (डीकेडी) में प्रशिक्षण के लिए गया था। मंगलवार चार अक्टूबर को यह दल एवलांच की चपेट में आ गया था। पर्वतारोहण संस्थान (निम), एसडीआरएफ और जम्मू-कश्मीर हाई एल्टीटयूट वारफेयर स्कूल, गुलमर्ग की 14 सदस्यीय टीम लापता दल की खोज के लिए अभियान चला रही हैं।
सविता ने इसी वर्ष एवरेस्ट सहित कई पहाड़ियों पर फहराया था तिरंगा
उत्तरकाशी में हुए इस हादसे में जान गंवाने वाली सविता कांसवाल के हौसले और जज्बे को हर कोई न केवल याद कर रहा है अपितु उनकी इस तरह से हुई मौत से प्रदेश-देश और माउंटेनियरिंग की दुनिया की बहुत बड़ी क्षति बता रहा है। सविता ने इसी साल 2 मई को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) पर तिरंगा फहराया था। इसके 15 दिन के अंदर माउंट मकालू पर्वतों पर भी सफल आरोहण किया था। एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल उत्तरकाशी जनपद की एक उभरती हुई पर्वतारोही थीं। उन्होंने बेहद कम समय में पर्वतारोहण के क्षेत्र में अपना नाम बनाया था। सविता ने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से एडवांस और सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स किया था। सविता नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की एक कुशल प्रशिक्षक थीं। माउंट एवरेस्ट सहित अन्य पहाड़ियों पर उनकी सफलता से बीते दिनों उसके क्षेत्र और जनपद भर में खुशी की लहर थी। सविता की मौत की खबर आने के बाद से ही उसके गांव में शोक की लहर है। सविता का बचपन आर्थिक तंगी में गुजरा। पहाड़ियों पर घास काटने के दौरान ही सविता ने जिन ऊंचाइयों को छुआ, बहुत कम लोग उसके इर्द गिर्द भी पहुंच पाते हैं। चार बहनों में सबसे छोटी सविता वृद्ध पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी देवी की देख रेख करने के साथ घर की जिम्मेदारियां भी बखूबी संभाल रही थीं। सरकारी स्कूल से पढ़ी सविता ने वर्ष 2013 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स और फिर एडवांस व सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स भी किया। कोर्स की फीस जुटाने के लिए सविता ने देहरादून की एक कंपनी में भी नौकरी की। वर्ष 2018 से सविता निम में बतौर प्रशिक्षक तैनात थीं।
नोमी रावत के वीडियो रुला रहे हैं प्रशासकों को
बर्फीले तूफान की चपेट में आकर जान गंवानी वाली उत्तरकाशी की होनहार बेटी नोमी रावत की मौत के बाद हर कोई सदमे में है। बेहद खुशगवार स्वभाव की नोमी अक्सर गतिविधियों से जुड़ी खबर सोशल मीडिया पर डालती रहती थी। सोशल मीडिया पर उसका मौत से पहले का एक आखिरी वीडियो बेहद वायरल हो रहा है जिसमें वह प्रसिद्ध शो मैन राजकपूर की बहुचर्चित फिल्म राम तेरी गंगा मैली के एक गीत के साथ पहाड़ की सुंदरता को प्रकट कर रही है। इसके अलावा नोमी के और भी वीडियो धड़ल्ले से वायरल हो रहे हैं। जो बताते हैं कि पर्वतारोही के साथ ही वह गीत संगीत की दुनिया में भी अच्छा दखल रखती थी।
अल्मोड़ा निवासी अजय का 6 माह पहले हुआ था विवाह
उत्तरकाशी जिले के द्रौपदी डांडा-टू में एवलॉन्च हादसे में मिसिंग चल रहे अल्मोड़ा निवासी जिस अजय बिष्ट का शुक्रवार को शव बरामद हुआ है, उनका विवाह अभी छः माह पूर्व ही हुआ था। युवा पर्वतारोही अजय बिष्ट की मौत के बाद अल्मोड़ा नगर में शोक की लहर है। बीते मंगलवार को एवलॉन्च हादसे के बाद से नगर के गोपालधारा निवासी डी.एस बिष्ट के पुत्र अजय बिष्ट के परिजन व नगर के लोग उनकी सकुशल बरामदगी की दुआ कर रहे थे। लेकिन हादसे के चौथे दिन अजय के शव मिलने की खबर सामने आई। इस दुखद घटना के बाद उनके स्वजनों में कोहराम मच गया। अजय शुरू से ही पर्वतारोहण के शौकीन अजय बिष्ट का इसी साल अप्रैल माह में विवाह हुआ था। वह कसार देवी क्षेत्र में एक कैफे चलाते थे। उनके पिता का नगर में रेस्टोरेंट है। अजय ने पूर्व में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान 'निम' से एडवेंचर में एडवांस कोर्स करने के लिए संस्थान में दाखिला लिया था। युवा पर्वतारोही अजय बिष्ट की मौत से हर कोई स्तब्ध है। इस दुखद घटना पर नगर व्यापार मंडल ने गहरा दुख प्रकट किया है।