Pushkar Singh Dhami: उत्तराखंड में जल्द लागू होगी समान नागरिक संहिता, पहली कैबिनेट मीटिंग के बाद धामी का ऐलान
Pushkar Singh Dhami: उत्तराखंड में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) एक्शन मोड में आ गए हैं. पद संभालने के एक दिन बाद ही उन्होंने एक चुनावी वादा पूरा किया.
Pushkar Singh Dhami: उत्तराखंड में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) एक्शन मोड में आ गए हैं. पद संभालने के एक दिन बाद ही उन्होंने एक चुनावी वादा पूरा किया. सीएम धामी ने राज्य में यूनिफार्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) लागू करने का फैसला किया है. राज्य मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से मंजूरी दी कि जल्द से जल्द एक कमेटी का गठन किया जाएगा और इसे राज्य में लागू किया जाएगा. ऐसा करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य होगा.
विधानसभा चुनाव में जीत के बाद लगातार दूसरी बार सीएम बनने वाले धामी ने शपथ ग्रहण के बाद ही ऐलान किया था कि वह सत्ता संभालते ही राज्य यूनिफार्म सिविल कोड लागू करेंगे. अब पहली बैठक में इसका ऐलान कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि हमने पहले ही कहा था कि राज्य में सिविल कोड लेकर आयेंगे.
We have decided to implement Uniform Civil Code in the state. The state cabinet unanimously approved that a committee (of experts) will be constituted at the earliest & it will implemented in the state. This will be the first state to do so: Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami pic.twitter.com/GJNAdk1XbF
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 24, 2022
धामी ने कहा है कि वह यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने वाले पहले मुख्यमंत्री होंगे. यह एक राजनीतिक कदम है लेकिन इसे कानूनी रूप से समझाने की भी जरूरत है. धामी ने कहा कि उत्तराखंड में ऐसा कानून हो सभी के लिए समान हो. पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जल्द से जल्द एक कमेटी का गठन किया जायेगा. जो ड्राफ्ट तैयार करेगी और इस यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड को लागू करेंगे.
आर्टिकल 44 के तहत राज्य के पास अधिकार
आर्टिकल 44 के तहत राज्य को इसकी पावर है. यूनिफार्म सिविल कोड के जरिए सभी धर्म के लोगों पर एक समान कानून लागू हो जाता है. इस कानून के लागू होने के बाद कोई विशेष धर्म अपने मजहबी कानून को नहीं चला सकते है. यूनिफार्म सिविल कोड के लागू होते ही सभी धर्मों की शादी, तलाक सहित अन्य विषय को लेकर एक समान कानून होगा.