Russia Ukraine war : उत्तराखण्ड के छात्रों ने युद्धभूमि से लौटकर बताया मौत के तांडव का आंखों देखा हाल
Russia Ukraine war : गोलाबारी के बीच वहां लोग शून्य से दो डिग्री नीचे तापमान में बंकरों व रेलवे स्टेशनों के बेसमेन्ट में छिपकर जान बचाने को मजबूर हैं...
Russia Ukraine war : युद्धरत यूक्रेन में फंसे उत्तराखण्ड के छात्रों का एक समूह रविवार 26 फरवरी को सुरक्षित अपने देश लौट आया है। दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड भवन में इन छात्रों का उत्तराखण्ड के स्थानिक आयुक्त ने स्वागत किया। भवन में छात्रों ने यूक्रेन के आंखों देखे ताजा हालात को बयान करते हुए बताया कि गोलाबारी के बीच वहां लोग शून्य से दो डिग्री नीचे तापमान में बंकरों व रेलवे स्टेशनों के बेसमेन्ट में छिपकर जान बचाने को मजबूर हैं।
यातायात व्यवस्था ठप्प होने के कारण ऐसे स्थानों में फंसे लोग दूसरे सुरक्षित ठिकानों पर नहीं जा रहे हैं। एटीएम मशीन बन्द होने के कारण लोग एक-दूसरे की दया पर ही निर्भर हैं। भूख से व्याकुल कई लोग सड़कों पर निकलने की वजह से गोलाबारी की चपेट में आकर भी मरने को मजबूर हो रहे हैं। रविवार की सुबह यूक्रेन से भारत लौटे उत्तराखंड के तीन छात्रों आशुतोष पाल, अदनान व खुशी सिंह का नई दिल्ली में उत्तराखंड के अपर स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा ने स्वागत किया। इस अवसर पर छात्रों के अभिभावक और राज्य के सहायक प्रोटोकाल अधिकारी मनोज जोशी व दीपक चमोली भी उपस्थित थे।
गौरतलब है कि प्रदेश के 188 से अधिक छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं। सभी छात्रों की डिटेल प्रदेश सरकार द्वारा विदेश मंत्रालय को सौंपी गई है। इसके अलावा उत्तराखण्ड सरकार यूक्रेन में निवासरत उत्तराखंड के सभी छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिये भारत सरकार के लगातार सम्पर्क में है। विदेश मंत्रालय द्वारा यूक्रेन में रह रहे भारतीयों की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था की जा रही है, जिसके तहत यूक्रेन से सटे रोमानिया से छात्रों की यह पहली खेप का जत्था सुरक्षित वापस भारत पहुँचा है।
अभी भी जिन अभिवावकों के बच्चे यूक्रेन में फंसे हुए हैं। वह भी अपने बच्चों की सकुशल सुरक्षित वापसी की राह देख रहे हैं। यूक्रेन में रूस के हमले की खबरों के बीच भारत के काफी संख्या में छात्रों के वहां फंसे होने की भी सूचना है। हालांकि तीन फ्लाइट से 709 छात्रों को स्वदेश लाया जा चुका है। अभी भी उन्हें लाने की प्रयास जारी हैं। उत्तराखंड के 188 छात्रों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचना मिली थी। इनमें से अभी केवल तीन ही छात्र स्वदेश पहुंचे हैं।
उत्तराखंड में जारी किया हेल्पलाइन नंबर
रूस व यूक्रेन के चल रहे युद्ध के दौरान यूक्रेन में फंसे राज्य के छात्रों के अभिवावकों की चिंता व उनके साथ समन्वय के लिए उत्तराखंड शासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया जा चुका है।
अपर सचिव रिधिम अग्रवाल ने बताया कि यूक्रेन में निवासरत उत्तराखंड राज्य के लोगों की सुरक्षा और उनके परिजनों से प्राप्त हो रही सूचनाओं के संकलन के लिए नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। इनमें पुलिस उप महानिरीक्षक कानून व्यवस्था पी. रेणुका देवी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इनका मोबाइल नंबर 7579278144 भी जारी किया गया है।
साथ ही सहायक नोडल अधिकारी के रूप में पुलिस अधीक्षक कानून व्यवस्था प्रमोद कुमार को नामित किया गया है। इनका नंबर 9837788889 जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि नोडल अधिकारियों से अपेक्षा की गई है कि वे यूक्रेन में निवासरत उत्तराखंड राज्य के नागरिकों के परिजनों से मिल रही जानकारी उत्तराखंड शासन के गृह विभाग को उपलब्ध कराएंगे। साथ ही सोशल मीडिया में चल रही तमाम अनर्गल अफवाहों पर रोकथाम के लिए सोशल मीडिया मॉनिटरिंग यूनिट को सक्रिय बनाएंगे।
इस बाबत अपर सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल ने बताया था कि हेल्पलाइन नंबर 112 पर अब तक 151 नागरिकों की फंसे होने की सूचना मिली है। इसमें सबसे अधिक 39 देहरादून जिले के हैं। वहीं, बाद में उत्तराखंड के छात्रों की संख्या 188 हो गई थी। गृह विभाग की ओर से जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर के साथ ही सभी डीएम, एसएसपी को भी अपने-अपने जिलों से यूक्रेन में फंसे लोगों की जानकारी लेने को कहा गया था। इससे जिलों के पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर दिन भर अभिवावकों की सूचनाओं के आदान-प्रदान में व्यस्त रहे। सबसे ज्यादा व्यस्तता देहरादून में 112 के मुख्यालय में होने से यहां 83 कॉलें दर्ज की गईं।
अब तक उपलब्ध ताज़ा जानकारी के अनुसार, देहरादून 43, हरिद्वार 26, टिहरी 10, चमोली 02, रुद्रप्रयाग 05, पौड़ी 13, उत्तरकाशी 07, ऊधम सिंह नगर 20, नैनीताल 14, पिथौरागढ़ 02, नैनीताल 22, अल्मोड़ा 01, चंपावत के 04 छात्रों के यूक्रेन में फंसे होने की जानकारी है।