ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर छात्राओं को गंदे-गंदे मैसेज भेजता है यह स्कूल प्रिंसिपल, शिकायत करने पर मिलती है धमकी
छात्रा ने बताया, 'पहले भी लडकियों ने शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की तो यह लड़कियों को स्कूल से निकाल देने व कक्षा में फेल करने की धमकी देते हैं, लड़कियां डर के मारे कुछ नहीं कर पाती हैं, इससे मानसिक तनाव और स्कूल जाने में भी असुरक्षा महसूस होने लगी है....
विमला की रिपोर्ट
अल्मोड़ा। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के राजकीय इंटर कॉलेज बिनौला स्टेट भिक्यासैन की छात्राओं ने आरोप लगाया है कि उनके स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य प्रमोद कुमार दुर्गापाल कथित तौर पर उनके साथ ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर अश्लील हरकतें कर रहे हैं, वह लड़कियों को व्हट्सएप पर अश्लील मैसेज भेजते हैं और कॉल कर-करके परेशान करते हैं।
उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में जहां लडकियों के लिए शिक्षा ग्रहण करना पहले से ही चुनौतियों से भरा है और लड़कियों को घर से बाहर निकलने के लिए स्कूल जाने के लिए रोज कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अब आनलाइन पढा़ई पहले से ही पहाड़ के बच्चों के लिए समस्या बनी है बच्चों के घरों में फोन नहीं है या फिर नेटवर्क जैसी बहुत सारी समस्याएं हैं जिनका सामना पहले से ही कर रहे हैं।
बिनौला स्कूल की एक छात्रा ने आरोप लगाया किप्रभारी प्रधानाचार्य प्रमोद दुर्गापाल जो अंग्रेजी के प्रवक्ता हैं मुझे व्हट्सएप ग्रुप में काम न भेजकर मेरे निजी नम्बर पर काम भेजते हैं और मुझे व्हट्सएप ग्रुप में भी बहुत दिनों बाद जोड़ा गया।
छात्रा ने बताया कि वह कॉल करके पूछते हैं, गन्दे और अश्लील मैसेज भेजते हैं और रात 10-11 बजे, दिन में सुबह जब भी मन हो कॉल कर लेतें हैं। कॉल करने के बाद पढा़ई की बातें नहीं करते बल्कि गंदी-गंदी बातें करते हैं। अगर उनका विरोध करो तो माँ बहन की गालियां देने लगते हैं।
11 वीं पढऩे वाली यह छात्रा बताती है, 'मेरी मां का दो साल पहले देहांत हो गया और मेरे पिताजी दिल्ली में नौकरी करते हैं। कोरोना के कारण वह गांव भी नहीं आ पाए। मेरे लिए अपनी पढा़ई को सुचारू रूप से चला पाना ऐसे ही कठिन है, अब यह समस्या से और कठिनाइयों का सामना करना पढ़ रहा है।
ऐसा नहीं है शिक्षक द्वारा लडकियों के साथ यह पहली बार छेड़छाड़ का मामला हुआ है, वह स्कूल में भी लड़कों की कापियां तो क्लास में चैक करते हैं लेकिन लड़कियों को अपने आफिस में बुलाते हैं।
छात्रा ने आगे बताया, 'लड़कियां डर की वजह से एकसाथ जातीं हैं, तो कहते हैं भीड़ मत करो, एक-एक करके आओ, जब अन्दर जाते हैं गन्दी बातें करते हैं और यहां-वहां छूते हैं। गलत तरीक़े से हमें बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता जिससे बहुत ज्यादा मानसिक तनाव होता है। यह समस्या मेरे साथ ही नहीं है बल्कि मुझ जैसी तमाम लड़कियों के साथ होती है।'
'पहले भी लडकियों ने शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की तो यह लड़कियों को स्कूल से निकाल देने व कक्षा में फेल करने की धमकी देते हैं। लड़कियां डर के मारे कुछ नहीं कर पाती हैं। इससे मानसिक तनाव तो हो ही रहा है अब स्कूल जाने में भी असुरक्षा महसूस होने लगी है।'
छात्रा ने आगे बताया, 'चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम एक बार स्कूल में बच्चों को मूवी दिखाने आयी थी, हमारे टीचर ने वह भी हमें नहीं देखने दिया। जब उनके द्वारा पूछा गया आपको कोई दिक्कत तो नहीं, डर के मारे किसी ने भी कुछ नहीं बोला। इससे पहले स्कूल की ही एक शिक्षिका ने शिकायत दर्ज कराई लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई।'
ऐसी ही एक दूसरी छात्रा कहतीं हैं प्रधानाचार्य का बच्चों के प्रति व्यवहार ठीक नहीं है, खासकर की लडकियों के साथ बहुत गन्दे शब्दों का प्रयोग करते हैं। उनका व्यवहार काफी अभद्र रहता है, इनकी ऐसी हरकतों से कितनी ही लड़कियों ने स्कूल आना बन्द कर दिया।
एक अन्य छात्रा कहती हैं, 'लड़कियों के साथ व्यवहार अच्छा नहीं करते जब भी कभी कोई लड़की विरोध करती है। उसे विघालय से निकालने की धमकी देते हैं। इस मामले की जांच कर रही एस.एस.पी. तरन्नुम सईद थाना भतरौंजखान का कहना है में जांच के लिए बिनौला स्टेट गई लड़कियों द्वारा पूछताछ के दौरान जो भी आरोप लगाये गये हैं जांच में सभी आरोप सही पाये गये हैं। इससे पहले भी जो लड़कियों पढ़ती थी उन्होंने भी यही आरोप लगाए हैं। मुकदमा पंजीकृत होने के लिए रिपोर्ट भेज दी गई है और अब यह मामला बाल कल्याण समिति अल्मोड़ा के पास भी पहुंच चुका है
बाल कल्याण समिति की सदस्य नीलिमा भट्ट कहती हैं, 'यह मामला चाइल्ड हेल्पलाइन सल्ट के माध्यम से हमारे पास आया जिसमें बालिकाओं ने अपने प्रिंसिपल पर अश्लील संदेश भेजने व फोन कर परेशान करने का आरोप लगाया है जिसमें एक छात्रा को निरंतर भेजे गये।'
उन्होंने आगे बताया, 'व्वट्सएप चैट और फोन काल डिटेल मिला है जिसकी शिकायत जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को कर दी गई है। प्रमोद दुर्गापाल के खिलाफ पोक्सो के तहत एफआईआरदर्ज करने व बच्चियों को सुरक्षा प्रदान करने को कहा गया है। इस घटना से बच्चियों की शिक्षा तो प्रभावित हो रही है, वह अत्यंत तनाव व दबाव में भी है।'