त्रिवेंद्र रावत बोले उत्तराखण्ड में फिर क्यों मची तबाही, एक्सपर्ट लगायेंगे पता, अभी भी लापता हैं लगभग 125 लोग
176 मजदूर अपनी ड्यूटी के लिए निकले थे, वहां पर दो टनल हैं, दूसरी टनल में मलबा घुस जाने से मजदूर फंस गए हैं, आईटीबीपी के जवान बचाव कार्य कर रहे हैं, अभी जवान टनल में डेढ़ सौ मीटर तक पहुंच पाए हैं, सेना के लोग वहां पर पहुंच गए हैं, एनडीआरएफ की टीम दिल्ली से पहुंची है...
देहरादून, जनज्वार। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना क्यों हुई, अभी इसका कारण पता नहीं चल सका है। यह काम विशेषज्ञों का है और वही पता लगाएंगे, अभी सरकार की प्राथमिकता राहत एवं बचाव कार्य पर है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सवा सौ के करीब लोगों के मिसिंग होने का अनुमान है, लेकिन सही आंकड़े के बारे में बता पाना अभी मुश्किल है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पूरी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सुबह जब एक कार्यक्रम में जा रहा था तो ग्लेशियर टूटने के बारे में सोशल मीडिया से खबर मिली। इसके बाद अधिकारियों से इस बारे में पता करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट था। इसमें लगभग 35 लोग काम करते थे, दो पुलिस जवान भी मिसिंग हैं। इससे पांच किलोमीटर दूरी पर एनटीपीसी का निर्माणाधीन प्रोजेक्ट था। यहां काफी संख्या में मजदूर काम कर रहे थे। 176 मजदूर अपनी ड्यूटी के लिए निकले थे। वहां पर दो टनल हैं। दूसरी टनल में मलबा घुस जाने से मजदूर फंस गए हैं। आईटीबीपी के जवान बचाव कार्य कर रहे हैं। अभी जवान टनल में डेढ़ सौ मीटर तक पहुंच पाए हैं। सेना के लोग वहां पर पहुंच गए हैं। एनडीआरएफ की टीम दिल्ली से पहुंची है।
मुख्यमंत्री ने कहा, "हमने एरियल सर्वे के साथ स्थलीय निरीक्षण भी किया। आर्मी के तीन हेलीकाप्टर सहित बरेली से एक वायुसेना का हेलीकाप्टर भी मौके पर पहुंचा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने दो-दो बार फोन कर हालात की जानकारी ली। राष्ट्रपति ने भी फोन कर बहुत चिंता व्यक्त की है।"