Uttarakhand News: 29 मार्च से विधानसभा सत्र होगा शुरू, Congress में नेता प्रतिपक्ष को लेकर सस्पेंस अब भी बरकरार!

Uttarakhand News: उत्तराखंड राज्य की पांचवी विधानसभा का पहला सत्र शुरू होने में भले ही चंद घण्टे शेष रह गए हों, लेकिन कांग्रेस में नेता-प्रतिपक्ष को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है।

Update: 2022-03-28 18:31 GMT

Uttarakhand News: उत्तराखंड राज्य की पांचवी विधानसभा का पहला सत्र शुरू होने में भले ही चंद घण्टे शेष रह गए हों, लेकिन कांग्रेस में नेता-प्रतिपक्ष को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है। नेता-प्रतिपक्ष के चुनाव के लिए उत्तराखण्ड कांग्रेस की गुटबाजी के चलते पार्टी के गिने-चुने विधायकों में भी कोई सहमति नहीं बन पा रही है। जिस वजह से इस मामले में गेंद सोनिया दरबार में सरकाई जा रही है। विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति में जहां कल होने वाले विधानसभा सत्र का एजेंडा तय कर लिया गया है। तो आज शाम को भाजपा विधायक मंडल दल की बैठक भी हो चुकी है। लेकिन सोमवार की शाम तक कांग्रेस भवन में हुए कांग्रेस विधायक मंडल दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई।

चकराता से मौजूदा विधायक प्रीतम सिंह इससे पहले विधानसभा में नेता-प्रतिपक्ष थे। उनकी तैनाती नेता-प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश के निधन के बाद इस पद पर की गई थी। इस विधानसभा चुनाव में निर्वाचित कांग्रेस के अधिकांश विधायक हरीश रावत के गुट के होने के कारण प्रीतम सिंह का नाम एक बार फिर इस पद के लिए चल तो रहा है लेकिन कोई सहमति इस नाम पर बनती दिख नहीं रही। इस बैठक में भी प्रीतम के नाम पर विधायकों के बीच सहमति नहीं बन पाई। लिहाजा एक बार फिर इस मुद्दे पर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप की सूरत बन रही है। कांग्रेस के नेता-प्रतिपक्ष चयन के लिए पार्टी प्रभारी देवेन्द्र यादव की मौजूदगी में बुलाई इस बैठक में 19 में से 14 विधायक ही शामिल हो सके। नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में निर्वतमान नेता-प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, बद्रीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी, धारचूला विधायक हरीश धामी के अलावा हरिद्वार जिले की महिला विधायक ममता राकेश का नाम भी चल रहा है।

कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने इस बाबत बताया कि कांग्रेस विधायकमंडल की बैठक में विधायकों ने इस बात पर सहमति दे दी है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी जो निर्णय लेंगे, वही नेता सबको मान्य होगा। लिहाजा वह जल्द ही फोन पर कांग्रेस आलाकमान से बात करेंगे। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष की घोषणा कर दिया जायेगा।

बता दें कि सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्षी दल के नेता का होना अनिवार्य होता है। लेकिन कानूनी बाध्यता नहीं है। सदन के भीतर नेता प्रतिपक्ष की तमाम मुद्दों को उठाने का काम करता है। इसलिए सत्र शुरू होने से पहले उसका चुनाव जरूरी समझा जाता है।

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