उत्तराखंड बंद: पहाड़ में सफल तो मैदान में बेअसर, राजधानी देहरादून में व्यापारियों से हुई झड़प, कई जगह सफल-कई जगह मिश्रित
Dehradun News: भाजपा नेता के बेटे के हाथों मौत का शिकार हुई अंकिता भंडारी और पनुवाद्योखन निवासी जगदीश चंद्र को इंसाफ की उम्मीद तथा हत्यारों को फांसी की मांग के साथ सड़कों पर उतरे आंदोलनकारियों ने रविवार के उत्तराखंड बंद को सफल करार दिया।
Dehradun News: भाजपा नेता के बेटे के हाथों मौत का शिकार हुई अंकिता भंडारी और पनुवाद्योखन निवासी जगदीश चंद्र को इंसाफ की उम्मीद तथा हत्यारों को फांसी की मांग के साथ सड़कों पर उतरे आंदोलनकारियों ने रविवार के उत्तराखंड बंद को सफल करार दिया। देहरादून से लेकर उत्तरकाशी, टिहरी, मसूरी, पौड़ी, श्रीनगर, कीर्तिनगर, गरुड़, बागेश्वर, थराली, गुप्तकाशी, घनसाली, ऋषिकेश, बिंदुखत्ता, रामनगर, हल्द्वानी, नैनीताल तक बंद का असर दिखाई दिया। पहाड़ के दुर्गम स्थानों तक के छोटे छोटे बाजार भी बंद रहे, लेकिन मैदानी इलाकों में बंद करीब करीब बेअसर ही रहा।
राज्य की राजधानी देहरादून में रविवार की सुबह से ही आंदोलनकारी सड़कों पर उतर गए। देहरादून में गांधी पार्क, पल्टन बाजार, घंटाघर चौक आदि स्थानों पर प्रदर्शन किए गए। विभिन्न राजनीतिक दलों कांग्रेस, उत्तराखंड क्रांति दल, सीपीआई (एम), उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी सहित अन्य सामाजिक संगठनों में महिला मंच, आंदोलनकारी मंच, व्यापारिक संगठनों के आह्वान पर राज्य के पर्वतीय हिस्सों सहित राजधानी देहरादून में लोग सड़कों पर उतर गए थे। देहरादून में सुबह गांधी पार्क के समक्ष आंदोलनकारी एकत्र हुए और घंटाघर की तरफ कूच किया।
बंद को सफल बनाने के लिए प्रमुख जत्था सुबह 10 बजे गांधी पार्क से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी नमन करते हुऐ से शुरू हुआ। जनगीतों को गाते हुए आंदोलनकारियों का जत्था बाजार बन्द कराते हुए पल्टन बाजार से होते हुए दर्शनी गेट, हनुमान चौक से राजा रोड होता हुआ कचहरी के बाद घंटाघर पहुंचा। युवाओं की एक टीम की पल्टन बाजार बंद कराने को लेकर कुछ व्यापारियों के साथ छिटपुट झड़प भी हुई। बंद की कॉल देने वाले जनसंगठनों एवं यूकेडी, सीपीएम आदि संगठनों ने दावा किया कि देहरादून में बंद पूरी तरह सफल रहा। इस बन्द में महिला मंच, महिला समिति, एसएफआई, यूकेडी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी आदि दर्जनों संगठनों के कार्यकर्ता शामिल थे।
इसके साथ ही उत्तरकाशी सहित अन्य पर्वतीय जिलों में भी आंदोलनकारी सड़कों पर रहे। अंकिता भंडारी के गृह जनपद पौड़ी जिले में उत्तराखंड बंद का अभूतपूर्व असर देखने को मिला। श्रीनगर में हत्याकांड के विरोध में बाजार बंद कराकर रैली का आयोजन किया गया। जबकि पौड़ी शहर का बाजार भी बंद रहा। थराली में युवा नेता कपूर रावत के नेतृत्व में उतरी युवाओं की टोली की बदौलत बाजार पूरा बंद रहा। कुलसारी जैसी छोटी जगह भी बंद सफल रहा।
मसूरी में अंकिता भंडारी के हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर मसूरी के कई सामाजिक संगठनों कांग्रेस और मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा मसूरी के झूलाघर स्थित शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें भारी संख्या में लोगों ने अंकिता भंडारी को श्रद्धांजलि दी। इससे पूर्व मसूरी को 12 बजे तक पूर्ण रूप से बंद रखा गया। मसूरी शहीद स्थल पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में लोगों ने सरकार से तत्काल अंकिता भंडारी के कातिलों को फांसी की सजा व आरोपियों के रिजॉर्ट को भी ध्वस्त करने की मांग की गई। वक्ताओं ने कहा कि भाजपा सरकार अंकिता भंडारी के दोषियों को सजा देने में असफल साबित हो रही है। बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देने वाली भाजपा के नेता ही बेटियों को मारने का काम कर रहे हैं। अंकिता की हत्यारों को फाँसी देने की माँग को लेकर गृहनगर पौड़ी में ऐतिहासिक बन्द रहा। आम जनता और काँग्रेस-यूकेडी ने एकसुर में अंकिता की हत्या को लेकर जबरदस्त आक्रोश व्यक्त किया।
पौड़ी जिले के ही रिखणीखाल ब्लॉक में अंकिता भंडारी व स्थानीय 25 वर्षीय नवयुवक रामपाल उर्फ कालू निवासी कालिन्कौ की हत्या के दोषियों को सजा दिलाने के लिए लोगो ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। प्रखंड के तमाम जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, बुद्धिजीवी, महिलाएं, नवयुवक व नवयुवतियो ने कोटडीसैण बाजार में अंकिता भंडारी व रामपाल उर्फ कालू को न्याय दिलाने की मांग कोलेकर पदयात्रा कर एक विशाल रैली निकाली। इस दौरान व्यापारियों ने दुकानें बंद रखी। इस मौके पर तहसीलदार रिखणीखाल के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा गया। रैली में मुख्य रूप से पूर्व ब्लॉक प्रमुख रिखणीखाल पिंकी नेगी, महिला कांग्रेस प्रदेश महामन्त्री रंजना रावत, रिखणीखाल कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष व प्रधान प्रमोद रावत, अजयपाल सिंह रावत, रविन्द्र रावत, धनवीर नेगी, उर्मिला नेगी, मनोज रावत, अनिल कुमार सिंह रावत, रिखणीखाल प्रधान संघ अध्यक्ष रघुवीर पटवाल, मोहित कुमार आदि शामिल रहे।
बिंदुखत्ता में अंकिता व जगदीश हत्याकांड के विरुद्ध भाकपा माले ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए राज्य सरकार का पुतला दहन किया। 2 अक्टूबर उत्तराखंड बंद के समर्थन में माले कार्यकर्ताओं का जुलूस प्रदर्शन पुतला दहन किया। अंकिता व जगदीश हत्याकांड के विरुद्ध 2 अक्टूबर को आहूत संयुक्त बंद को समर्थन करते हुए भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने कार रोड बिन्दुखत्ता में जुलूस प्रदर्शन कर अंकिता व जगदीश के समुचित न्याय हेतु लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया। पुतला दहन से पूर्व सभा में बोलते हुए भाकपा माले के राज्य सचिव कामरेड राजा बहुगुणा ने कहा कि 2 अक्टूबर 1994 उत्तराखंड के लिए हमेशा काले दिन के रूप में दर्ज रहेगा। मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को राज्य बनने के 22 वर्ष बाद भी सजा नहीं मिल पाई बल्कि दोषियों को भाजपाई प्रमोट ही करते रहे। आज भाजपा की डबल इंजन सरकार में अंकिता व जगदीश हत्याकांड इस बात के साक्षी हैं कि समाज के कमजोर तबके भाजपा राज में सुरक्षित नहीं है। अंकिता कांड में भाजपा नेता विनोद आर्य के संरक्षण में उसके बेटे ने वीआईपी की अय्याशी की खातिर अंकिता की जान ले ली जो जरूर कोई बड़ा व खास आदमी है। जिसको बचाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार एकजुट है। जगदीश हत्याकांड पर भी राज्य सरकार नजरिया बेहद ही दुखद और निराशाजनक रहा है, इसीलिये जनता ने अब न्याय की लड़ाई को अपने हाथ में लिया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह उत्तराखंड में लगातार महिला और दलित उत्पीड़न की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है ऐसे में पूरे समाज में गहरे मौजूद पितृसत्तात्मक सामंती जातिवादी चेतना के विरुद्ध एक बड़े साँस्कृतिक सामजिक पुनर्जागरण की आवश्यकता है। यहां जुलूस प्रदर्शन पुतला दहन कार्यक्रम में मुख्य तौर पर भाकपा माले राज्य सचिव कामरेड राजा बहुगुणा, वरिष्ठ नेता बहादुर सिंह जंगी, आनंद सिंह नेगी, भुवन जोशी, डॉ कैलाश पांडेय, ललित मटियाली, विमला रौथाण, पुष्कर दुबड़िया, इमाम, चन्दन राम, कमल जोशी, गणेश दत्त पाठक, बचन सिंह, राजू भट्ट, इनाम अली, सुशीला थापा, हरीश भंडारी, इरशाद अली, बिशन दत्त जोशी, निर्मला शाही, ललित जोशी, आनंद दानू, मनोहर शाह, राजेन्द्र, धन सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे।
अंकिता भंडारी-जगदीश चंद्र हत्याकांड के दोषियों को फांसी देने की मांग को लेकर राजनीतिक दलों एवं जन संगठनों के उत्तराखंड बंद के आह्वान व राज्य आंदोलनकारियों एवं जन संगठनों की अपील पर रामनगर में भी व्यापारियों ने स्वेच्छिक बंद रखकर बंद में सहयोग दिया। इस मौके पर शहीद पार्क में हुई सभा में वक्ताओं ने उत्तराखंड सरकार द्वारा अपराधियों माफियाओं को संरक्षण दिए जाने पर चिंता जताते हुए कहा कि अंकिता भंडारी एवं जगदीश चंद्र हत्याकांड में हत्यारों का सीधा संबंध भाजपा एवं उत्तराखंड सरकार से है। सरकार एवं प्रशासन द्वारा शुरू से इन मामलों में लापरवाही की गई तथा साक्ष्यों को मिटाने का काम कर रही है। यहां प्रभात ध्यानी, इंद्र सिंह मनराल, मनमोहन अग्रवाल, ललित उपरेती, नवीन नैथानी, सभासद भुवन डंगवाल, रेवी राम, लालमणि, योगेश सती, हरिमोहन मोहन, पान सिंह नेगी, चिंताराम, रईस अहमद, कौशल्या, किरण आर्य, तुलसी छिम्बाल, सरस्वती जोशी, राजेंद्र खुल्बे, बीडी नैनवाल, चिंताराम, दौलतराम ध्यानी, राजेंद्र खुल्बे, नरेंद्र पाठक, मुनीष कुमार, फजल खान, लालता श्रीवास्तव, मोहन तिवारी आदि मौजूद रहे। ऋषिकेश, खाडी, टिहरी, जाजल, कीर्तिनगर, कर्णप्रयाग, सिमली, अल्मोड़ा, नैनीताल, हल्द्वानी आदि क्षेत्रों में भी विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया गया।